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बंगाल भाजपा ने ट्विटर पोस्ट में दिखाया इस्लामी हिंसा का पैटर्न, एक्स ने ‘लीगल डिमांड’ पर प्रकाशन रोका: पुलिस ने किया था ‘फैक्ट चेक’ मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर भाजपा का एक एक्स (पहले ट्विटर) पर किया गया पोस्ट हटा दिया गया है। इसके पीछे एक्स ने कानून माँग, यानी किसी सरकार की माँग पर ऐसा करना बताया है। कयास हैं कि भाजपा के पोस्ट को ममता बनर्जी की बंगाल सरकार ने हटवाया है। बीजेपी की ओर से यह पोस्ट हाल ही में हुई मुर्शिदाबाद में हिंसा की घटनाओं के बीच की गई थी। इस पोस्ट में बताया गया था कैसे बीते कुछ सालों से लगातार इस्लामी कट्टरपंथी हिन्दू त्योहारों को निशाना बना रहे हैं। इस पोस्ट में भाजपा ने कई जगह हिंसा की तस्वीरें एक साथ शामिल की थीं। भाजपा ने एक्स पर की गई इसी पोस्ट में एक बंगाली कहावत भी लिखी थी। इसका अर्थ था कि ममता बनर्जी के वोटबैंक को बस हिंसा करने का बहाना चाहिए। इस पोस्ट में मुस्लिमों को ममता बनर्जी के लिए दुधारू गाय जैसा बताया गया था। Let Murshidabad Burn — That’s the Policy of Mamata Banerjee! pic.twitter.com/dlqdd7fkLy— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) April 13, 2025 बंगाल भाजपा की पोस्ट अब दिखाई नहीं दे रही है। एक्स की ओर से इस पोस्ट को लेकर एक सन्देश दिया गया है। इसमें कहा गया, “बीजेपी4बंगाल की यह पोस्ट कानूनी माँग के जवाब में भारत में ब्लॉक कर दी गई है।” इससे पहले पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसका फैक्ट चेक किया भी किया। इस पोस्ट में शामिल तस्वीरों को अलग कर रिवर्स सर्च भी किया गया और बताया गया कि वे अलग-अलग त्योहारों की थी। भाजपा की पोस्ट में कुछ तस्वीरें बंगाल से संबंधित नहीं थीं, कुछ तस्वीरें अन्य राज्यों में हुई हिंसा की थीं। यह तस्वीरें हिंदू त्योहारों के दौरान होने वाली हिंसा से ली गई या फिर या 2019 में होने वाले CAA विरोध प्रदर्शन की। पश्चिम बंगाल पुलिस के अलावा TMC के नेता और कार्यकर्ता इसी तरह की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं, ‘फैक्ट चेक’ कर रहे हैं। वह लिख रहे हैं कि भाजपा द्वारा चीजों को मिलाकर एक साथ पोस्ट किया गया पोस्ट कथित तौर पर ‘फर्जी’ है। भाजपा बंगाल द्वारा इसी पोस्ट में एक बंगाली कहावत भी पोस्ट की गई थी। इस कहावत में मुस्लिमों को ममता बनर्जी की गाय बताया गया था। गाय का तात्पर्य वोटबैंक से था। जब पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसका फैक्टचेक किया तो उन्होंने यह बंगाली कहावत भी हटा दी। दरअसल, भाजपा के पोस्ट करने के पीछे ममता बनर्जी का एक पुराना बयान था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मुस्लिमों के हर कार्यक्रम में भाग लेंगी। उन्होंने कहा था कि दूध देने वाली गाय लात मारती ही है। यह स्पष्ट नहीं है कि आखिर बंगाल पुलिस ने अपने पोस्ट में उस टेक्स्ट मैसेज को मिटाने पर विशेष ध्यान क्यों दिया है। संभवतः वह नहीं चाहते थे कि CM ममता के बयान को याद रखें। X कब हटाता है पोस्ट? एक्स किसी न्यायालय या सरकारी आदेश के बाद किसी पोस्ट को हटाता है। एक्स यह पोस्ट उस देश के लिए प्रसारित होने से रोक देता है, जहाँ पर इसकी माँग की जाती है। एक्स द्वारा झूठी जानकारियाँ फ़ैलाने वाली या फिर हिंसा को बढ़ावा देने वाली पोस्ट को हटाया जाता है। हालाँकि एक्स पुलिस शिकायत के बाद भी किसी पोस्ट को हटाने के लिए बाध्य नहीं होता। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि बंगाल सरकार ने बंगाल भाजपा द्वारा उस पोस्ट को डिलीट या रोक लगाने के लिए X को एक आधिकारिक पत्र भेजा होगा। 2019 में CAA विरोधी प्रदर्शन बंगाल के मुर्शिदाबाद में शुरु हुए थे बंगाल के मुर्शिदाबाद में यह पहली हिंसा नहीं है, साल 2019 में भी सीएए विरोध प्रदर्शन में ऐसी हिंसा देखी गई थी, जहाँ इस्लामी भीड़ ने कई ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर हमला किया था, जिससे भारतीय रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ था और राज्य में ट्रेन सेवाएँ बाधित हुई थी। इसके अलावा भी हिंदू त्योहारों और धार्मिक जुलूसों पर इस्लामी भीड़ द्वारा हमला करना कई राज्यों में लगातार एक समस्या देखी जा रही है। बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंदुओं के खिलाफ होने वाली हिंसा सबसे बड़ी समस्या देखी है। चाहे वे आम चुनाव हो, विधानसभा चुनाव, पंचायत चुनाव या फिर हिंदू त्योहार ही क्यों ना हो। ममता बनर्जी अपने ही राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का अप्रत्यक्ष रूप से ‘जश्न’ मनाती हुई भी देखी जा रही हैं, जो निंदनीय और दुखद है। उन्होंने न केवल वक्फ अधिनियम और CAA के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का खुला आह्वान किया था, बल्कि उनकी पुलिस और प्रशासन ऐसे विरोध प्रदर्शनों की आड़ में बंगाल में आगजनी, तोड़फोड़ और हत्याओं को रोकने में भी विफल दिखाई देती है। 2021 के चुनावों में भी मुख्यतौर से हिंदुओं को निशाना बनाया गया था, उन्होंने डायरेक्ट एक्शन डे की सालगिरह पर “खेला होबे” दिवस मनाया, जहाँ 1946 में जिन्ना के इशारे पर मुस्लिम भीड़ ने हज़ारों बंगाली हिंदुओं का कत्लेआम किया था।   Click to listen highlighted text! बंगाल भाजपा ने ट्विटर पोस्ट में दिखाया इस्लामी हिंसा का पैटर्न, एक्स ने ‘लीगल डिमांड’ पर प्रकाशन रोका: पुलिस ने किया था ‘फैक्ट चेक’ मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर भाजपा का एक एक्स (पहले ट्विटर) पर किया गया पोस्ट हटा दिया गया है। इसके पीछे एक्स ने कानून माँग, यानी किसी सरकार की माँग पर ऐसा करना बताया है। कयास हैं कि भाजपा के पोस्ट को ममता बनर्जी की बंगाल सरकार ने हटवाया है। बीजेपी की ओर से यह पोस्ट हाल ही में हुई मुर्शिदाबाद में हिंसा की घटनाओं के बीच की गई थी। इस पोस्ट में बताया गया था कैसे बीते कुछ सालों से लगातार इस्लामी कट्टरपंथी हिन्दू त्योहारों को निशाना बना रहे हैं। इस पोस्ट में भाजपा ने कई जगह हिंसा की तस्वीरें एक साथ शामिल की थीं। भाजपा ने एक्स पर की गई इसी पोस्ट में एक बंगाली कहावत भी लिखी थी। इसका अर्थ था कि ममता बनर्जी के वोटबैंक को बस हिंसा करने का बहाना चाहिए। इस पोस्ट में मुस्लिमों को ममता बनर्जी के लिए दुधारू गाय जैसा बताया गया था। Let Murshidabad Burn — That’s the Policy of Mamata Banerjee! pic.twitter.com/dlqdd7fkLy— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) April 13, 2025 बंगाल भाजपा की पोस्ट अब दिखाई नहीं दे रही है। एक्स की ओर से इस पोस्ट को लेकर एक सन्देश दिया गया है। इसमें कहा गया, “बीजेपी4बंगाल की यह पोस्ट कानूनी माँग के जवाब में भारत में ब्लॉक कर दी गई है।” इससे पहले पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसका फैक्ट चेक किया भी किया। इस पोस्ट में शामिल तस्वीरों को अलग कर रिवर्स सर्च भी किया गया और बताया गया कि वे अलग-अलग त्योहारों की थी। भाजपा की पोस्ट में कुछ तस्वीरें बंगाल से संबंधित नहीं थीं, कुछ तस्वीरें अन्य राज्यों में हुई हिंसा की थीं। यह तस्वीरें हिंदू त्योहारों के दौरान होने वाली हिंसा से ली गई या फिर या 2019 में होने वाले CAA विरोध प्रदर्शन की। पश्चिम बंगाल पुलिस के अलावा TMC के नेता और कार्यकर्ता इसी तरह की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं, ‘फैक्ट चेक’ कर रहे हैं। वह लिख रहे हैं कि भाजपा द्वारा चीजों को मिलाकर एक साथ पोस्ट किया गया पोस्ट कथित तौर पर ‘फर्जी’ है। भाजपा बंगाल द्वारा इसी पोस्ट में एक बंगाली कहावत भी पोस्ट की गई थी। इस कहावत में मुस्लिमों को ममता बनर्जी की गाय बताया गया था। गाय का तात्पर्य वोटबैंक से था। जब पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसका फैक्टचेक किया तो उन्होंने यह बंगाली कहावत भी हटा दी। दरअसल, भाजपा के पोस्ट करने के पीछे ममता बनर्जी का एक पुराना बयान था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मुस्लिमों के हर कार्यक्रम में भाग लेंगी। उन्होंने कहा था कि दूध देने वाली गाय लात मारती ही है। यह स्पष्ट नहीं है कि आखिर बंगाल पुलिस ने अपने पोस्ट में उस टेक्स्ट मैसेज को मिटाने पर विशेष ध्यान क्यों दिया है। संभवतः वह नहीं चाहते थे कि CM ममता के बयान को याद रखें। X कब हटाता है पोस्ट? एक्स किसी न्यायालय या सरकारी आदेश के बाद किसी पोस्ट को हटाता है। एक्स यह पोस्ट उस देश के लिए प्रसारित होने से रोक देता है, जहाँ पर इसकी माँग की जाती है। एक्स द्वारा झूठी जानकारियाँ फ़ैलाने वाली या फिर हिंसा को बढ़ावा देने वाली पोस्ट को हटाया जाता है। हालाँकि एक्स पुलिस शिकायत के बाद भी किसी पोस्ट को हटाने के लिए बाध्य नहीं होता। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि बंगाल सरकार ने बंगाल भाजपा द्वारा उस पोस्ट को डिलीट या रोक लगाने के लिए X को एक आधिकारिक पत्र भेजा होगा। 2019 में CAA विरोधी प्रदर्शन बंगाल के मुर्शिदाबाद में शुरु हुए थे बंगाल के मुर्शिदाबाद में यह पहली हिंसा नहीं है, साल 2019 में भी सीएए विरोध प्रदर्शन में ऐसी हिंसा देखी गई थी, जहाँ इस्लामी भीड़ ने कई ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर हमला किया था, जिससे भारतीय रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ था और राज्य में ट्रेन सेवाएँ बाधित हुई थी। इसके अलावा भी हिंदू त्योहारों और धार्मिक जुलूसों पर इस्लामी भीड़ द्वारा हमला करना कई राज्यों में लगातार एक समस्या देखी जा रही है। बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंदुओं के खिलाफ होने वाली हिंसा सबसे बड़ी समस्या देखी है। चाहे वे आम चुनाव हो, विधानसभा चुनाव, पंचायत चुनाव या फिर हिंदू त्योहार ही क्यों ना हो। ममता बनर्जी अपने ही राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का अप्रत्यक्ष रूप से ‘जश्न’ मनाती हुई भी देखी जा रही हैं, जो निंदनीय और दुखद है। उन्होंने न केवल वक्फ अधिनियम और CAA के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का खुला आह्वान किया था, बल्कि उनकी पुलिस और प्रशासन ऐसे विरोध प्रदर्शनों की आड़ में बंगाल में आगजनी, तोड़फोड़ और हत्याओं को रोकने में भी विफल दिखाई देती है। 2021 के चुनावों में भी मुख्यतौर से हिंदुओं को निशाना बनाया गया था, उन्होंने डायरेक्ट एक्शन डे की सालगिरह पर “खेला होबे” दिवस मनाया, जहाँ 1946 में जिन्ना के इशारे पर मुस्लिम भीड़ ने हज़ारों बंगाली हिंदुओं का कत्लेआम किया था।

बंगाल भाजपा ने ट्विटर पोस्ट में दिखाया इस्लामी हिंसा का पैटर्न, एक्स ने ‘लीगल डिमांड’ पर प्रकाशन रोका: पुलिस ने किया था ‘फैक्ट चेक’

मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर भाजपा का एक एक्स (पहले ट्विटर) पर किया गया पोस्ट हटा दिया गया है। इसके पीछे एक्स ने कानून माँग, यानी किसी सरकार की माँग पर ऐसा करना बताया है। कयास हैं कि भाजपा के पोस्ट को ममता बनर्जी की बंगाल सरकार ने हटवाया है।

बीजेपी की ओर से यह पोस्ट हाल ही में हुई मुर्शिदाबाद में हिंसा की घटनाओं के बीच की गई थी। इस पोस्ट में बताया गया था कैसे बीते कुछ सालों से लगातार इस्लामी कट्टरपंथी हिन्दू त्योहारों को निशाना बना रहे हैं। इस पोस्ट में भाजपा ने कई जगह हिंसा की तस्वीरें एक साथ शामिल की थीं।

भाजपा ने एक्स पर की गई इसी पोस्ट में एक बंगाली कहावत भी लिखी थी। इसका अर्थ था कि ममता बनर्जी के वोटबैंक को बस हिंसा करने का बहाना चाहिए। इस पोस्ट में मुस्लिमों को ममता बनर्जी के लिए दुधारू गाय जैसा बताया गया था।

Let Murshidabad Burn — That’s the Policy of Mamata Banerjee! pic.twitter.com/dlqdd7fkLy— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) April 13, 2025

बंगाल भाजपा की पोस्ट अब दिखाई नहीं दे रही है। एक्स की ओर से इस पोस्ट को लेकर एक सन्देश दिया गया है। इसमें कहा गया, “बीजेपी4बंगाल की यह पोस्ट कानूनी माँग के जवाब में भारत में ब्लॉक कर दी गई है।” इससे पहले पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसका फैक्ट चेक किया भी किया।

इस पोस्ट में शामिल तस्वीरों को अलग कर रिवर्स सर्च भी किया गया और बताया गया कि वे अलग-अलग त्योहारों की थी। भाजपा की पोस्ट में कुछ तस्वीरें बंगाल से संबंधित नहीं थीं, कुछ तस्वीरें अन्य राज्यों में हुई हिंसा की थीं। यह तस्वीरें हिंदू त्योहारों के दौरान होने वाली हिंसा से ली गई या फिर या 2019 में होने वाले CAA विरोध प्रदर्शन की।

पश्चिम बंगाल पुलिस के अलावा TMC के नेता और कार्यकर्ता इसी तरह की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं, ‘फैक्ट चेक’ कर रहे हैं। वह लिख रहे हैं कि भाजपा द्वारा चीजों को मिलाकर एक साथ पोस्ट किया गया पोस्ट कथित तौर पर ‘फर्जी’ है।

भाजपा बंगाल द्वारा इसी पोस्ट में एक बंगाली कहावत भी पोस्ट की गई थी। इस कहावत में मुस्लिमों को ममता बनर्जी की गाय बताया गया था। गाय का तात्पर्य वोटबैंक से था। जब पश्चिम बंगाल पुलिस ने इसका फैक्टचेक किया तो उन्होंने यह बंगाली कहावत भी हटा दी।

दरअसल, भाजपा के पोस्ट करने के पीछे ममता बनर्जी का एक पुराना बयान था जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मुस्लिमों के हर कार्यक्रम में भाग लेंगी। उन्होंने कहा था कि दूध देने वाली गाय लात मारती ही है। यह स्पष्ट नहीं है कि आखिर बंगाल पुलिस ने अपने पोस्ट में उस टेक्स्ट मैसेज को मिटाने पर विशेष ध्यान क्यों दिया है।

संभवतः वह नहीं चाहते थे कि CM ममता के बयान को याद रखें।

X कब हटाता है पोस्ट?

एक्स किसी न्यायालय या सरकारी आदेश के बाद किसी पोस्ट को हटाता है। एक्स यह पोस्ट उस देश के लिए प्रसारित होने से रोक देता है, जहाँ पर इसकी माँग की जाती है। एक्स द्वारा झूठी जानकारियाँ फ़ैलाने वाली या फिर हिंसा को बढ़ावा देने वाली पोस्ट को हटाया जाता है।

हालाँकि एक्स पुलिस शिकायत के बाद भी किसी पोस्ट को हटाने के लिए बाध्य नहीं होता। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि बंगाल सरकार ने बंगाल भाजपा द्वारा उस पोस्ट को डिलीट या रोक लगाने के लिए X को एक आधिकारिक पत्र भेजा होगा।

2019 में CAA विरोधी प्रदर्शन बंगाल के मुर्शिदाबाद में शुरु हुए थे

बंगाल के मुर्शिदाबाद में यह पहली हिंसा नहीं है, साल 2019 में भी सीएए विरोध प्रदर्शन में ऐसी हिंसा देखी गई थी, जहाँ इस्लामी भीड़ ने कई ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर हमला किया था, जिससे भारतीय रेलवे को करोड़ों का नुकसान हुआ था और राज्य में ट्रेन सेवाएँ बाधित हुई थी।

इसके अलावा भी हिंदू त्योहारों और धार्मिक जुलूसों पर इस्लामी भीड़ द्वारा हमला करना कई राज्यों में लगातार एक समस्या देखी जा रही है। बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंदुओं के खिलाफ होने वाली हिंसा सबसे बड़ी समस्या देखी है। चाहे वे आम चुनाव हो, विधानसभा चुनाव, पंचायत चुनाव या फिर हिंदू त्योहार ही क्यों ना हो।

ममता बनर्जी अपने ही राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का अप्रत्यक्ष रूप से ‘जश्न’ मनाती हुई भी देखी जा रही हैं, जो निंदनीय और दुखद है। उन्होंने न केवल वक्फ अधिनियम और CAA के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का खुला आह्वान किया था, बल्कि उनकी पुलिस और प्रशासन ऐसे विरोध प्रदर्शनों की आड़ में बंगाल में आगजनी, तोड़फोड़ और हत्याओं को रोकने में भी विफल दिखाई देती है।

2021 के चुनावों में भी मुख्यतौर से हिंदुओं को निशाना बनाया गया था, उन्होंने डायरेक्ट एक्शन डे की सालगिरह पर “खेला होबे” दिवस मनाया, जहाँ 1946 में जिन्ना के इशारे पर मुस्लिम भीड़ ने हज़ारों बंगाली हिंदुओं का कत्लेआम किया था।

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