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वक्फ संशोधन विधेयक को JPC से मंजूरी, 14 बदलावों पर लगी मुहर: विपक्ष के सुझाव खारिज, हंगामा मचाने का नहीं हुआ फायदा वक्फ संशोधन बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से मंजूरी मिल गई है। लोकसभा और राज्यसभा सांसदों से मिलाकर बनाई गई इस समिति ने महीनों तक इस पर चर्चा और कई पक्ष सुनने के बाद इसे मंजूरी दी है। नए वक्फ अधिनियम में इस JPC ने 14 खंड में बदलाव किए हैं। नई दिल्ली में सोमवार (27 जनवरी, 2025) को वक्फ बिल के अंतिम ड्राफ्ट को JPC ने बहुमत से स्वीकार किया है। इस बिल के मूल स्वरुप में 14 बदलाव, JPC में शामिल NDA सांसदों ने प्रस्तावित किए थे। इन्हें JPC की बैठक में मंजूरी मिल गई। यह 14 खंड में बदलाव बिल के अलग-अलग नियमों को लेकर किए गए हैं। वहीं विपक्ष ने भी इस वक्फ बिल में कई बदलाव प्रस्तावित किए थे लेकिन उन्हें मतदान में मंजूरी हासिल नहीं हुई। समिति में 16 सदस्य NDA जबकि 10 बाकी दलों के लोग शामिल थे। ऐसे में मतदान के दौरान विपक्ष द्वारा सुझाए गए बदलाव 16:10 के बहुमत से गिर गए। विपक्ष के सदस्यों ने बिल के सभी 44 खंड में संशोधन के प्रस्ताव दिए थे। इनकी संख्या सैकड़ों में थी। हालाँकि, वह सफल नहीं हुए। NDA द्वारा किए गए बदलावों में वक्फ ट्रिब्यूनल में सदस्यों की संख्या और सरकारी अधिकारियों की वक्फ संपत्तियों को लेकर अधिकार से जुड़े हुए थे। वक्फ संशोधन अधिनियम के लिए बनाई गई JPC के मुखिया और सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि बदलाव को लेकर अपनाई गई पद्धति पूरी तरीके से लोकतांत्रिक थी। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा लोकतांत्रिक तरीका कुछ नहीं हो सकता था। विपक्ष के सांसद और वक्फ बिल का विरोध करने वाले नेता कल्याण बनर्जी ने पूरी प्रक्रिया को ही गड़बड़ करार दिया। उन्होंने दावा किया कि सब कुछ पहले से तय था और सरकार की मर्जी से ही काम हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को बोलने का भी मौका नहीं दिया गया। इससे पहले कई बार हुई वक्फ की बैठकों में विपक्ष के सांसदों ने हंगामा भी काटा। कल्याण बनर्जी ने एक बार ग्लास तोड़ हाथ चोटिल कर लिया था। वक्फ बिल को अब संभवतः संसद के बजट सत्र में पेश किया जा सकता है। बजट सत्र 31 जनवरी, 2025 से लेकर 13 फरवरी, 2025 तक चलेगा। इसका मसौदा पेश किए जाने से पहले जनता के सामने भी आएगा।   Click to listen highlighted text! वक्फ संशोधन विधेयक को JPC से मंजूरी, 14 बदलावों पर लगी मुहर: विपक्ष के सुझाव खारिज, हंगामा मचाने का नहीं हुआ फायदा वक्फ संशोधन बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से मंजूरी मिल गई है। लोकसभा और राज्यसभा सांसदों से मिलाकर बनाई गई इस समिति ने महीनों तक इस पर चर्चा और कई पक्ष सुनने के बाद इसे मंजूरी दी है। नए वक्फ अधिनियम में इस JPC ने 14 खंड में बदलाव किए हैं। नई दिल्ली में सोमवार (27 जनवरी, 2025) को वक्फ बिल के अंतिम ड्राफ्ट को JPC ने बहुमत से स्वीकार किया है। इस बिल के मूल स्वरुप में 14 बदलाव, JPC में शामिल NDA सांसदों ने प्रस्तावित किए थे। इन्हें JPC की बैठक में मंजूरी मिल गई। यह 14 खंड में बदलाव बिल के अलग-अलग नियमों को लेकर किए गए हैं। वहीं विपक्ष ने भी इस वक्फ बिल में कई बदलाव प्रस्तावित किए थे लेकिन उन्हें मतदान में मंजूरी हासिल नहीं हुई। समिति में 16 सदस्य NDA जबकि 10 बाकी दलों के लोग शामिल थे। ऐसे में मतदान के दौरान विपक्ष द्वारा सुझाए गए बदलाव 16:10 के बहुमत से गिर गए। विपक्ष के सदस्यों ने बिल के सभी 44 खंड में संशोधन के प्रस्ताव दिए थे। इनकी संख्या सैकड़ों में थी। हालाँकि, वह सफल नहीं हुए। NDA द्वारा किए गए बदलावों में वक्फ ट्रिब्यूनल में सदस्यों की संख्या और सरकारी अधिकारियों की वक्फ संपत्तियों को लेकर अधिकार से जुड़े हुए थे। वक्फ संशोधन अधिनियम के लिए बनाई गई JPC के मुखिया और सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि बदलाव को लेकर अपनाई गई पद्धति पूरी तरीके से लोकतांत्रिक थी। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा लोकतांत्रिक तरीका कुछ नहीं हो सकता था। विपक्ष के सांसद और वक्फ बिल का विरोध करने वाले नेता कल्याण बनर्जी ने पूरी प्रक्रिया को ही गड़बड़ करार दिया। उन्होंने दावा किया कि सब कुछ पहले से तय था और सरकार की मर्जी से ही काम हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को बोलने का भी मौका नहीं दिया गया। इससे पहले कई बार हुई वक्फ की बैठकों में विपक्ष के सांसदों ने हंगामा भी काटा। कल्याण बनर्जी ने एक बार ग्लास तोड़ हाथ चोटिल कर लिया था। वक्फ बिल को अब संभवतः संसद के बजट सत्र में पेश किया जा सकता है। बजट सत्र 31 जनवरी, 2025 से लेकर 13 फरवरी, 2025 तक चलेगा। इसका मसौदा पेश किए जाने से पहले जनता के सामने भी आएगा।

वक्फ संशोधन विधेयक को JPC से मंजूरी, 14 बदलावों पर लगी मुहर: विपक्ष के सुझाव खारिज, हंगामा मचाने का नहीं हुआ फायदा

वक्फ संशोधन बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से मंजूरी मिल गई है। लोकसभा और राज्यसभा सांसदों से मिलाकर बनाई गई इस समिति ने महीनों तक इस पर चर्चा और कई पक्ष सुनने के बाद इसे मंजूरी दी है। नए वक्फ अधिनियम में इस JPC ने 14 खंड में बदलाव किए हैं।

नई दिल्ली में सोमवार (27 जनवरी, 2025) को वक्फ बिल के अंतिम ड्राफ्ट को JPC ने बहुमत से स्वीकार किया है। इस बिल के मूल स्वरुप में 14 बदलाव, JPC में शामिल NDA सांसदों ने प्रस्तावित किए थे। इन्हें JPC की बैठक में मंजूरी मिल गई। यह 14 खंड में बदलाव बिल के अलग-अलग नियमों को लेकर किए गए हैं।

वहीं विपक्ष ने भी इस वक्फ बिल में कई बदलाव प्रस्तावित किए थे लेकिन उन्हें मतदान में मंजूरी हासिल नहीं हुई। समिति में 16 सदस्य NDA जबकि 10 बाकी दलों के लोग शामिल थे। ऐसे में मतदान के दौरान विपक्ष द्वारा सुझाए गए बदलाव 16:10 के बहुमत से गिर गए।

विपक्ष के सदस्यों ने बिल के सभी 44 खंड में संशोधन के प्रस्ताव दिए थे। इनकी संख्या सैकड़ों में थी। हालाँकि, वह सफल नहीं हुए। NDA द्वारा किए गए बदलावों में वक्फ ट्रिब्यूनल में सदस्यों की संख्या और सरकारी अधिकारियों की वक्फ संपत्तियों को लेकर अधिकार से जुड़े हुए थे।

वक्फ संशोधन अधिनियम के लिए बनाई गई JPC के मुखिया और सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा कि बदलाव को लेकर अपनाई गई पद्धति पूरी तरीके से लोकतांत्रिक थी। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा लोकतांत्रिक तरीका कुछ नहीं हो सकता था।

विपक्ष के सांसद और वक्फ बिल का विरोध करने वाले नेता कल्याण बनर्जी ने पूरी प्रक्रिया को ही गड़बड़ करार दिया। उन्होंने दावा किया कि सब कुछ पहले से तय था और सरकार की मर्जी से ही काम हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्षी सांसदों को बोलने का भी मौका नहीं दिया गया।

इससे पहले कई बार हुई वक्फ की बैठकों में विपक्ष के सांसदों ने हंगामा भी काटा। कल्याण बनर्जी ने एक बार ग्लास तोड़ हाथ चोटिल कर लिया था। वक्फ बिल को अब संभवतः संसद के बजट सत्र में पेश किया जा सकता है। बजट सत्र 31 जनवरी, 2025 से लेकर 13 फरवरी, 2025 तक चलेगा। इसका मसौदा पेश किए जाने से पहले जनता के सामने भी आएगा।

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