Welcome to Lokayukt News   Click to listen highlighted text! Welcome to Lokayukt News
Latest Story
blankखरदर माता स्थान का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक पी.एन. पाठक ने किया 1.53 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यासblankअनामिका के बदलते बयान: कानून से खिलवाड़ या दबाव की साज़िश?blankपडरौना उपकेंद्र से कल पांच घंटे रहेगी बिजली आपूर्ति बाधितblankकुशीनगर में 26 सितंबर को लगेगा एक दिवसीय रोजगार मेलाblank950 कैप्सूल नशीली दवा के साथ युवक गिरफ्तार, बाइक भी जब्तblankकल सुबह 9 बजे से 3 बजे तक दुदही क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति रहेगी बन्दblankबेहतर विद्युत आपूर्ति के लिए गोडरिया फीडर पर छटाई अभियान शुरूblankप्रेमी संग मिलकर पत्नी ने पति की हत्या, 24 घंटे में पुलिस ने किया खुलासाblankराष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 140251 वादों का हुआ निस्तारणblankसपा नेता जावेद इकबाल ने लगाई चौपाल, किसानों के मुद्दों पर सरकार को घेरा
आखिर किसके संरक्षण में ट्रांसफर के 8 महीने बाद भी सेवरही में जमे हैं विद्युत कर्मचारी जितेंद्र पांडेय? आखिर किसके संरक्षण में ट्रांसफर के 8 महीने बाद भी सेवरही में जमे हैं विद्युत कर्मचारी जितेंद्र पांडेय? blank लोकायुक्त न्यूज ब्यूरो,कुशीनगर। बिजली विभाग में लापरवाही और अनुशासनहीनता का एक बड़ा मामला सामने आया है। विभागीय आदेशों और बार-बार भेजे जा रहे रिमाइंडर के बावजूद सेवरही विद्युत उपकेंद्र पर तैनात एक लिपिक जितेंद्र पांडेय का ट्रांसफर के 8 महीने बाद भी रिलीव नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार, कार्यकारी सहायक जितेंद्र पांडेय का स्थानांतरण 28 अक्टूबर 2024 को मिर्जापुर जिले के लिए किया गया था, और इसका आदेश विधिवत जारी भी हुआ। इसके बावजूद सेवरही स्थित कार्यपालक अभियंता (एक्सियन) कार्यालय द्वारा आज तक उन्हें रिलीव नहीं किया गया। गौर करने वाली बात यह है कि विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा कई बार रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन फिर भी एक्सियन कार्यालय टालमटोल रवैया अपनाए हुए है। सवाल यह उठता है कि एक साधारण कर्मचारी आदेश की अवहेलना कर कैसे अपनी पोस्टिंग पर जमे रहने में सफल है, क्या उसे विभाग के भीतर से ही किसी का संरक्षण प्राप्त है? जब विभाग के शीर्ष अधिकारियों के आदेशों को ही गंभीरता से नहीं लिया जा रहा, तो बाकी कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होना मुश्किल है। साथ ही, यह रवैया विभाग की साख पर भी सवाल खड़ा करता है।     Click to listen highlighted text! आखिर किसके संरक्षण में ट्रांसफर के 8 महीने बाद भी सेवरही में जमे हैं विद्युत कर्मचारी जितेंद्र पांडेय? आखिर किसके संरक्षण में ट्रांसफर के 8 महीने बाद भी सेवरही में जमे हैं विद्युत कर्मचारी जितेंद्र पांडेय? लोकायुक्त न्यूज ब्यूरो,कुशीनगर। बिजली विभाग में लापरवाही और अनुशासनहीनता का एक बड़ा मामला सामने आया है। विभागीय आदेशों और बार-बार भेजे जा रहे रिमाइंडर के बावजूद सेवरही विद्युत उपकेंद्र पर तैनात एक लिपिक जितेंद्र पांडेय का ट्रांसफर के 8 महीने बाद भी रिलीव नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार, कार्यकारी सहायक जितेंद्र पांडेय का स्थानांतरण 28 अक्टूबर 2024 को मिर्जापुर जिले के लिए किया गया था, और इसका आदेश विधिवत जारी भी हुआ। इसके बावजूद सेवरही स्थित कार्यपालक अभियंता (एक्सियन) कार्यालय द्वारा आज तक उन्हें रिलीव नहीं किया गया। गौर करने वाली बात यह है कि विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा कई बार रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन फिर भी एक्सियन कार्यालय टालमटोल रवैया अपनाए हुए है। सवाल यह उठता है कि एक साधारण कर्मचारी आदेश की अवहेलना कर कैसे अपनी पोस्टिंग पर जमे रहने में सफल है, क्या उसे विभाग के भीतर से ही किसी का संरक्षण प्राप्त है? जब विभाग के शीर्ष अधिकारियों के आदेशों को ही गंभीरता से नहीं लिया जा रहा, तो बाकी कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होना मुश्किल है। साथ ही, यह रवैया विभाग की साख पर भी सवाल खड़ा करता है।  

आखिर किसके संरक्षण में ट्रांसफर के 8 महीने बाद भी सेवरही में जमे हैं विद्युत कर्मचारी जितेंद्र पांडेय?

आखिर किसके संरक्षण में ट्रांसफर के 8 महीने बाद भी सेवरही में जमे हैं विद्युत कर्मचारी जितेंद्र पांडेय?

blank

लोकायुक्त न्यूज

ब्यूरो,कुशीनगर। बिजली विभाग में लापरवाही और अनुशासनहीनता का एक बड़ा मामला सामने आया है। विभागीय आदेशों और बार-बार भेजे जा रहे रिमाइंडर के बावजूद सेवरही विद्युत उपकेंद्र पर तैनात एक लिपिक जितेंद्र पांडेय का ट्रांसफर के 8 महीने बाद भी रिलीव नहीं किया गया है। सूत्रों के अनुसार, कार्यकारी सहायक जितेंद्र पांडेय का स्थानांतरण 28 अक्टूबर 2024 को मिर्जापुर जिले के लिए किया गया था, और इसका आदेश विधिवत जारी भी हुआ। इसके बावजूद सेवरही स्थित कार्यपालक अभियंता (एक्सियन) कार्यालय द्वारा आज तक उन्हें रिलीव नहीं किया गया। गौर करने वाली बात यह है कि विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा कई बार रिमाइंडर भेजे जा चुके हैं, लेकिन फिर भी एक्सियन कार्यालय टालमटोल रवैया अपनाए हुए है। सवाल यह उठता है कि एक साधारण कर्मचारी आदेश की अवहेलना कर कैसे अपनी पोस्टिंग पर जमे रहने में सफल है, क्या उसे विभाग के भीतर से ही किसी का संरक्षण प्राप्त है? जब विभाग के शीर्ष अधिकारियों के आदेशों को ही गंभीरता से नहीं लिया जा रहा, तो बाकी कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होना मुश्किल है। साथ ही, यह रवैया विभाग की साख पर भी सवाल खड़ा करता है।

 

  • Related Posts

    खरदर माता स्थान का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक पी.एन. पाठक ने किया 1.53 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास

    खरदर माता स्थान का होगा सौंदर्यीकरण, विधायक पी.एन. पाठक ने किया 1.53 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास लोकायुक्त न्यूज कसया, कुशीनगर। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन कसया नगर पालिका परिषद…

    अनामिका के बदलते बयान: कानून से खिलवाड़ या दबाव की साज़िश?

    अनामिका के बदलते बयान: कानून से खिलवाड़ या दबाव की साज़िश? पहले अभियुक्त बनाया, फिर आरोप को दिया झूठा करार, अब कोर्ट मे सच बोलने की कही बात लोकायुक्त न्यूज…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!
    Click to listen highlighted text!