
यूरिया की कालाबाजारी व ओवर रेटिंग पर कुशीनगर में हड़कंप, लखनऊ से आए अपर कृषि निदेशक मीडिया के सवालों से भागे
सरकारी दर 266.50 रुपये, लेकिन किसानों को 300-320 रुपये में बेचा जा रहा यूरिया, जिम्मेदारों पर उठे सवाल
लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। जनपद में एक ओर जहां किसानों को यूरिया खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर होलसेलर और रिटेलर की मिलीभगत से यूरिया की जमकर कालाबाजारी और ओवर रेटिंग की जा रही है। किसानों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उन्हें सरकारी दर से कहीं अधिक कीमत पर खाद बेचा जा रहा है।
सरकार द्वारा निर्धारित यूरिया की अधिकतम खुदरा बिक्री दर ₹266.50 प्रति बैग तय है, लेकिन जिले में किसानों से ₹300 से ₹320 तक वसूले जा रहे हैं। ऐसे में किसानों का कहना है कि उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, एक ओर खाद की उपलब्धता नहीं, दूसरी ओर जब मिलता है तो मनमानी कीमत चुकानी पड़ती है। इस पूरे प्रकरण पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी निभा रहीं जिला कृषि रक्षा अधिकारी मेनका सिंह पर शिकायतों को नजरअंदाज करने और कोरमपूर्ति करने के आरोप लग रहे हैं। किसानों की समस्याओं पर सख्त कदम उठाने के बजाय अधिकारी निष्क्रिय नजर आ रहे हैं। इसी बीच लखनऊ से कुशीनगर पहुंचे अपर कृषि निदेशक सामान्य (ADA-J) जब मीडिया के सवालों का सामना कर रहे थे, तो वे मौके से भागते नजर आए। कैमरों के सामने पूरी तरह से चुप्पी साधे अधिकारी किसानों के मुद्दों पर कुछ भी बोलने से बचते रहे। सवाल यह उठता है कि जब वरिष्ठ अधिकारी ही जवाब देने से बच रहे हैं, तो किसानों को न्याय और राहत कैसे मिलेगी? मौके पर एक रिटेलर ने भी होलसेलर द्वारा तय दर से अधिक मूल्य वसूलने की शिकायत की, लेकिन जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। किसानों का कहना है कि उन्हें मजबूरी में 320 रुपये तक में यूरिया खरीदना पड़ रहा है, जबकि सरकारी व्यवस्था केवल कागजों में दुरुस्त दिख रही है।