Welcome to Lokayukt News   Click to listen highlighted text! Welcome to Lokayukt News
Latest Story
blankगाज़ियाबाद के नए पुलिस कमिश्नर एक्शन मोड पर, थाना प्रभारियों को चेतावनी और बड़ा सन्देशblankयोगी सरकार और पुलिस की छवि को घूमिल कर रही हनुमानगंज की पुलिसblankबुद्धा हॉस्पिटल का फर्जीवाड़ा उजागर,ऑपरेशन कांड की जांच को सीएमओ ने बनाई टीमblankजिस वक्फ कानून के विरोध में इस्लामी कट्टरपंथी कर रहे हिंसा, उसका दाऊदी बोहरा समुदाय ने किया समर्थन: PM मोदी से मुलाकात कर कहा- शुक्रिया, इससे मुस्लिमों को होगा फायदाblankपुलिस कमिश्नर का बड़ा एक्शन, पूरी पुलिस चौकी लाइन हाजिरblankनेता, SP, यूट्यूबर… पंजाब में सबके घर पर करवाता था ग्रेनेड अटैक, अब अमेरिका में पकड़ा गया हैप्पी पासिया: ISI की शह पर खड़ा कर रहा था आतंक का नेटवर्क, बब्बर खालसा से लिंकblankयमुना की सफाई का रोडमैप तैयार, 3 चरणों में होगा पूरा: PM मोदी ने की हाई लेवल मीटिंग, ‘मास्टर प्लान’ की जिम्मेदारी जल शक्ति मंत्रालय कोblankरेलवे सुरक्षा बल की सजगता : फरक्का एक्सप्रेस से 27 कछुए बरामद, सिलचर में मिले 450 जिंदा मेंढकblankउस हीरो के चेहरे से उठ गया नकाब, जिसने ड्रग्स लेकर फिल्म सेट पर हीरोइन से की थी छेड़छाड़: छापा पड़ा तो होटल की तीसरी मंजिल से भाग निकलाblank4 औरतों से 14 बच्चे पैदा कर चुके हैं एलन मस्क, अब खड़ी करना चाहते हैं ‘बच्चों की फौज’: रिपोर्ट, जापानी महिला को भेजा अपना स्पर्म
नेशनल हेराल्ड में नेहरु के वक्त भी हुई थी गड़बड़ी, सरदार पटेल ने चिट्ठी लिख कर जताई थी नाराजगी, कहा- चैरिटी नहीं मानते नेशनल हेराल्ड केस में कॉन्ग्रेस नेता सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी समेत कई लोगों पर ईडी ने चार्जशीट दायर की है। ये चार्जशीट 988 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर दायर की गई है। 9 सितंबर 1938 को जवाहर लाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया. अखबार शुरू करने में करीब 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना अहम योगदान दिया। अखबार का प्रकाशन तीन भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू में होता था। अंग्रेजी में ‘नेशनल हेराल्ड’, उर्दू में ‘कौमी आवाज’ और हिन्दी में ‘नवजीवन’ के नाम से प्रकाशित होता था। इसका संचालन एसोसिएट जर्नल यानी एजीएल करता था। लेकिन इसके सर्वेसर्वा नेहरू थे क्योंकि उनके इशारों पर ही नेशनल हेराल्ड चला करता था।1942 से 1945 यानी 3 सालों तक नेशनल हेराल्ड पर अंग्रजों ने प्रतिबंध लगा दिया था। फिरोज गाँधी को बनाया मैनेजिंग डायरेक्टर प्रधानमंत्री बनने के बाद नेहरू ने बोर्ड के चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया। नेहरू ने बेटी इंदिरा गाँधी के पति फिरोज गाँधी को बोर्ड का मैनेजिंग डायरेक्टर बनवाया। आजादी के बाद से कांग्रेस का मुखपत्र बन गया,लेकिन धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति खराब होने लगी। नेहरू के दौर से ही नेशनल हेराल्ड में एक से बढ़कर एक घोटाले शुरु हो गये थे… सोचिए 1947-48 में बड़ौदा के महाराजा से नेशनल हेराल्ड के लिए पूरे दो लाख रुपये की रिश्वत मांग ली गई… जिसकी शिकायत सरदार पटेल ने नेहरू से की, फिर भी वो रिश्वत वापस नहीं की गई… और सुनिये दिन भर… pic.twitter.com/npU4czQhja— Prakhar Shrivastava (@Prakharshri78) April 16, 2025 डीडी न्यूज के पत्रकार पंकज श्रीवास्तव के मुताबिक नेहरू के निजी सचिव ओ. एम. मथाई ने नेशनल हेराल्ड और एजीएल को लेकर कई खुलासे किए। मथाई के मुताबिक फिरोज गाँधी कंपनी चलाने में सक्षम नहीं थे। इस वजह से बोर्ड को काफी नुकसान हुआ। आर्थिक संकट से उबारने के लिए जनहित निधि ट्रस्ट बनाया गया। इस ट्रस्ट में प्रधानमंत्री नेहरू की बेटी इंदिरा गाँधी की बड़ी भूमिका थी। मथाई ने नेशनल हेराल्ड के लिए रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। नेहरु के निजी सचिव ने रिश्वत की बात कही पत्रकार पंकज श्रीवास्तव बताते हैं कि मथाई ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड के लिए बड़ौदा के राजा प्रताप सिंह से 2 लाख रिश्वत ली गई थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने नेशनल हेराल्ड रिश्वत कांड की शिकायत नेहरू से की थी। शिकायत के बाद भी रिश्वत की रकम महाराजा बड़ौदा को नहीं लौटाई गई। सरदार पटेल ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि ये स्वतंत्रता सेनानियों का अखबार है, लेकिन इससे सरकारी लोग जुड़े हैं। सरदार पटेल ने ये भी कहा था कि वो इसे चैरिटी का विषय नहीं मानते। नेहरू के दौर में कई बिजनेस घरानों ने नेशनल हेराल्ड को आर्थिक मदद की। इनलोगों ने अखबार को विज्ञापन देना शुरू किया। मफतलाल ग्रुप, टाटा ग्रुप और बिड़ला ग्रुप ने कई विज्ञापन दिए। इन विज्ञापनों के माध्यम से बोर्ड को 1956 से 1957 के बीच 842000 रुपए जमा हुए 1962 में जब प्रधानमंत्री के तौर पर पंडित नेहरू विराजमान थे उस वक्त दिल्ली में नेशनल हेराल्ड को जमीन मिली। ये जमीन बहादुर शाह जफर मार्ग पर 15 हजार स्क्वायर फीट का प्लॉट दिया गया। इसके बाद आर्थिक तंगी के बीच 2008 तक इसका प्रकाशन चला। गाँधी परिवार का इस पर वर्चस्व बना रहा। इसमें घोटाले का आरोप सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी पर है।   Click to listen highlighted text! नेशनल हेराल्ड में नेहरु के वक्त भी हुई थी गड़बड़ी, सरदार पटेल ने चिट्ठी लिख कर जताई थी नाराजगी, कहा- चैरिटी नहीं मानते नेशनल हेराल्ड केस में कॉन्ग्रेस नेता सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी समेत कई लोगों पर ईडी ने चार्जशीट दायर की है। ये चार्जशीट 988 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर दायर की गई है। 9 सितंबर 1938 को जवाहर लाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया. अखबार शुरू करने में करीब 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना अहम योगदान दिया। अखबार का प्रकाशन तीन भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू में होता था। अंग्रेजी में ‘नेशनल हेराल्ड’, उर्दू में ‘कौमी आवाज’ और हिन्दी में ‘नवजीवन’ के नाम से प्रकाशित होता था। इसका संचालन एसोसिएट जर्नल यानी एजीएल करता था। लेकिन इसके सर्वेसर्वा नेहरू थे क्योंकि उनके इशारों पर ही नेशनल हेराल्ड चला करता था।1942 से 1945 यानी 3 सालों तक नेशनल हेराल्ड पर अंग्रजों ने प्रतिबंध लगा दिया था। फिरोज गाँधी को बनाया मैनेजिंग डायरेक्टर प्रधानमंत्री बनने के बाद नेहरू ने बोर्ड के चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया। नेहरू ने बेटी इंदिरा गाँधी के पति फिरोज गाँधी को बोर्ड का मैनेजिंग डायरेक्टर बनवाया। आजादी के बाद से कांग्रेस का मुखपत्र बन गया,लेकिन धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति खराब होने लगी। नेहरू के दौर से ही नेशनल हेराल्ड में एक से बढ़कर एक घोटाले शुरु हो गये थे… सोचिए 1947-48 में बड़ौदा के महाराजा से नेशनल हेराल्ड के लिए पूरे दो लाख रुपये की रिश्वत मांग ली गई… जिसकी शिकायत सरदार पटेल ने नेहरू से की, फिर भी वो रिश्वत वापस नहीं की गई… और सुनिये दिन भर… pic.twitter.com/npU4czQhja— Prakhar Shrivastava (@Prakharshri78) April 16, 2025 डीडी न्यूज के पत्रकार पंकज श्रीवास्तव के मुताबिक नेहरू के निजी सचिव ओ. एम. मथाई ने नेशनल हेराल्ड और एजीएल को लेकर कई खुलासे किए। मथाई के मुताबिक फिरोज गाँधी कंपनी चलाने में सक्षम नहीं थे। इस वजह से बोर्ड को काफी नुकसान हुआ। आर्थिक संकट से उबारने के लिए जनहित निधि ट्रस्ट बनाया गया। इस ट्रस्ट में प्रधानमंत्री नेहरू की बेटी इंदिरा गाँधी की बड़ी भूमिका थी। मथाई ने नेशनल हेराल्ड के लिए रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे। नेहरु के निजी सचिव ने रिश्वत की बात कही पत्रकार पंकज श्रीवास्तव बताते हैं कि मथाई ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड के लिए बड़ौदा के राजा प्रताप सिंह से 2 लाख रिश्वत ली गई थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने नेशनल हेराल्ड रिश्वत कांड की शिकायत नेहरू से की थी। शिकायत के बाद भी रिश्वत की रकम महाराजा बड़ौदा को नहीं लौटाई गई। सरदार पटेल ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि ये स्वतंत्रता सेनानियों का अखबार है, लेकिन इससे सरकारी लोग जुड़े हैं। सरदार पटेल ने ये भी कहा था कि वो इसे चैरिटी का विषय नहीं मानते। नेहरू के दौर में कई बिजनेस घरानों ने नेशनल हेराल्ड को आर्थिक मदद की। इनलोगों ने अखबार को विज्ञापन देना शुरू किया। मफतलाल ग्रुप, टाटा ग्रुप और बिड़ला ग्रुप ने कई विज्ञापन दिए। इन विज्ञापनों के माध्यम से बोर्ड को 1956 से 1957 के बीच 842000 रुपए जमा हुए 1962 में जब प्रधानमंत्री के तौर पर पंडित नेहरू विराजमान थे उस वक्त दिल्ली में नेशनल हेराल्ड को जमीन मिली। ये जमीन बहादुर शाह जफर मार्ग पर 15 हजार स्क्वायर फीट का प्लॉट दिया गया। इसके बाद आर्थिक तंगी के बीच 2008 तक इसका प्रकाशन चला। गाँधी परिवार का इस पर वर्चस्व बना रहा। इसमें घोटाले का आरोप सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी पर है।

नेशनल हेराल्ड में नेहरु के वक्त भी हुई थी गड़बड़ी, सरदार पटेल ने चिट्ठी लिख कर जताई थी नाराजगी, कहा- चैरिटी नहीं मानते

नेशनल हेराल्ड केस में कॉन्ग्रेस नेता सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी समेत कई लोगों पर ईडी ने चार्जशीट दायर की है। ये चार्जशीट 988 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर दायर की गई है।

9 सितंबर 1938 को जवाहर लाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार शुरू किया. अखबार शुरू करने में करीब 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना अहम योगदान दिया। अखबार का प्रकाशन तीन भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू में होता था। अंग्रेजी में ‘नेशनल हेराल्ड’, उर्दू में ‘कौमी आवाज’ और हिन्दी में ‘नवजीवन’ के नाम से प्रकाशित होता था। इसका संचालन एसोसिएट जर्नल यानी एजीएल करता था। लेकिन इसके सर्वेसर्वा नेहरू थे क्योंकि उनके इशारों पर ही नेशनल हेराल्ड चला करता था।1942 से 1945 यानी 3 सालों तक नेशनल हेराल्ड पर अंग्रजों ने प्रतिबंध लगा दिया था।

फिरोज गाँधी को बनाया मैनेजिंग डायरेक्टर

प्रधानमंत्री बनने के बाद नेहरू ने बोर्ड के चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया। नेहरू ने बेटी इंदिरा गाँधी के पति फिरोज गाँधी को बोर्ड का मैनेजिंग डायरेक्टर बनवाया। आजादी के बाद से कांग्रेस का मुखपत्र बन गया,लेकिन धीरे-धीरे आर्थिक स्थिति खराब होने लगी।

नेहरू के दौर से ही नेशनल हेराल्ड में एक से बढ़कर एक घोटाले शुरु हो गये थे… सोचिए 1947-48 में बड़ौदा के महाराजा से नेशनल हेराल्ड के लिए पूरे दो लाख रुपये की रिश्वत मांग ली गई… जिसकी शिकायत सरदार पटेल ने नेहरू से की, फिर भी वो रिश्वत वापस नहीं की गई… और सुनिये दिन भर… pic.twitter.com/npU4czQhja— Prakhar Shrivastava (@Prakharshri78) April 16, 2025

डीडी न्यूज के पत्रकार पंकज श्रीवास्तव के मुताबिक नेहरू के निजी सचिव ओ. एम. मथाई ने नेशनल हेराल्ड और एजीएल को लेकर कई खुलासे किए। मथाई के मुताबिक फिरोज गाँधी कंपनी चलाने में सक्षम नहीं थे।

इस वजह से बोर्ड को काफी नुकसान हुआ। आर्थिक संकट से उबारने के लिए जनहित निधि ट्रस्ट बनाया गया। इस ट्रस्ट में प्रधानमंत्री नेहरू की बेटी इंदिरा गाँधी की बड़ी भूमिका थी। मथाई ने नेशनल हेराल्ड के लिए रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे।

नेहरु के निजी सचिव ने रिश्वत की बात कही

पत्रकार पंकज श्रीवास्तव बताते हैं कि मथाई ने कहा था कि नेशनल हेराल्ड के लिए बड़ौदा के राजा प्रताप सिंह से 2 लाख रिश्वत ली गई थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने नेशनल हेराल्ड रिश्वत कांड की शिकायत नेहरू से की थी। शिकायत के बाद भी रिश्वत की रकम महाराजा बड़ौदा को नहीं लौटाई गई। सरदार पटेल ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि ये स्वतंत्रता सेनानियों का अखबार है, लेकिन इससे सरकारी लोग जुड़े हैं। सरदार पटेल ने ये भी कहा था कि वो इसे चैरिटी का विषय नहीं मानते।

नेहरू के दौर में कई बिजनेस घरानों ने नेशनल हेराल्ड को आर्थिक मदद की। इनलोगों ने अखबार को विज्ञापन देना शुरू किया। मफतलाल ग्रुप, टाटा ग्रुप और बिड़ला ग्रुप ने कई विज्ञापन दिए। इन विज्ञापनों के माध्यम से बोर्ड को 1956 से 1957 के बीच 842000 रुपए जमा हुए

1962 में जब प्रधानमंत्री के तौर पर पंडित नेहरू विराजमान थे उस वक्त दिल्ली में नेशनल हेराल्ड को जमीन मिली। ये जमीन बहादुर शाह जफर मार्ग पर 15 हजार स्क्वायर फीट का प्लॉट दिया गया। इसके बाद आर्थिक तंगी के बीच 2008 तक इसका प्रकाशन चला। गाँधी परिवार का इस पर वर्चस्व बना रहा। इसमें घोटाले का आरोप सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी पर है।

  • Related Posts

    जिस वक्फ कानून के विरोध में इस्लामी कट्टरपंथी कर रहे हिंसा, उसका दाऊदी बोहरा समुदाय ने किया समर्थन: PM मोदी से मुलाकात कर कहा- शुक्रिया, इससे मुस्लिमों को होगा फायदा

    गुरुवार (17 अप्रैल 2025) को दाऊदी बोहरा समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें 2025 के नए वक्फ (संशोधन) कानून के लिए धन्यवाद दिया।…

    नेता, SP, यूट्यूबर… पंजाब में सबके घर पर करवाता था ग्रेनेड अटैक, अब अमेरिका में पकड़ा गया हैप्पी पासिया: ISI की शह पर खड़ा कर रहा था आतंक का नेटवर्क, बब्बर खालसा से लिंक

    चंडीगढ़ ग्रेनेड हमला समेत 14 आतंकी हमलों का मास्टर माइंड हैप्पी पासिया उर्फ हरप्रीत सिंह को अमेरिका में हिरासत में लिया गया है। हैप्पी पासिया पर 5 लाख का इनाम…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!
    Click to listen highlighted text!