
कुशीनगर में बिना मान्यता संचालित स्कूलों की जांच के लिए टीमें हुई गठित
लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने शिक्षा निदेशक (बेसिक) उ०प्र० लखनऊ के पत्र दिनांक 22 सितम्बर, 2023 के क्रम में बताया कि विन्दु संख्या-5 में यह उल्लिखित किया गया है कि कोई भी व्यक्ति जो मान्यता प्रमाण-पत्र अभिप्राप्त किए बिना कोई विद्यालय स्थापित करता है या चलाता है या मान्यता वापस लेने के पश्चात विद्यालय चलाना जारी रखता है, जुर्माने से, जो एक लाख रूपये तक का हो सकेगा, और उल्लंघन जारी रहने की दशा में जुर्माने से जो ऐसे प्रत्येक दिन के लिए, जिसके दौरान ऐसा उल्लंघन जारी रहता है, दस हजार रूपये तक का हो सकेगा, दायी होगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि उक्त अधिनियम के प्राविधानों का राज्य सरकार द्वारा उ०प्र० निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली-2011 प्रख्यापित करते हुए लागू किया जा चुका है। उक्त से स्पष्ट है कि बिना मान्यता प्राप्त किये कोई स्कूल न तो स्थापित किया जा सकता है और न ही संचालित किया जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति बिना मान्यता प्राप्त किये कोई स्कूल संचालित करता है तो उसके विरूद्ध दण्ड का भी प्राविधान किया गया है।
उन्होंने शिक्षा निदेशक (बेसिक) उ०प्र० लखनऊ के आदेश के क्रम में जनपद कुशीनगर में बिना मान्यता प्राप्त किये संचालित हो रहे विद्यालयों एवं बिना मान्यता के अवैध रूप से कक्षाओं को संचालित कर रहे विद्यालयों की जॉच हेतु सम्बन्धित तहसील के उपजिलाधिकारी के अध्यक्षता में जाँच समिति का गठन किया है।
1- उपजिलाधिकारी (सम्बन्धित तहसील)2-सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी (पुलिस) 3-खण्ड शिक्षा अधिकारी (सम्बन्धित विकास खण्ड)
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि सम्बन्धित उपजिलाधिकारी अपनें तहसील क्षेत्र में संचालित हो रहे अमान्य विद्यालयों का समिति के सदस्यों के साथ सघन निरीक्षण सुनिश्चित करें, एवं यदि निरीक्षण में बिना मान्यता प्राप्त किये अथवा अमान्य कक्षाओं का संचालित करते हुए पाये जानें वाले सम्बन्धित विद्यालयों का संचालन बन्द कराते हुए उक्त विद्यालय के नामांकित छात्र/छात्राओं को निकटतम् परिषदीय विद्यालय में नामांकन कराकर सम्बन्धित संस्था प्रबन्धक के विरूद्ध यथोचित कार्यवाही सुनिश्चित कर कृत कार्यवाही की आख्या अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करावें, ताकि सम्बन्धित संस्था प्रबन्धक के विरुद्ध शिक्षा निदेशक (बेसिक) उ०प्र० लखनऊ के पत्र के क्रम में नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित किया जा सके।