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जो मजदूर से बना ‘लॉटरी किंग’, TMC-DMK को दिए ₹1000 करोड़… उसके खिलाफ जाँच में सुप्रीम कोर्ट ने ED के बाँधे हाथ: कहा- मोबाइल-लैपटॉप से डाटा नहीं ले सकते सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आदेश दिया है कि वह फ्यूचर गेमिंग और उसके मालिक पर छापे के दौरान जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डाटा ना लें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ED फ्यूचर गेमिंग, उसके मालिक सैंटियागो मार्टिन, उसके परिजन और कर्मचारियों से इकट्ठा किए गए फोन-लैपटॉप समेत बाकी डिजिटल डिवाइस से सबूत नहीं जुटा पाएगी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने फ्यूचर गेमिंग की तरफ से दायर एक याचिका पर दिया है। यह आदेश जस्टिस अभी एस ओका और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने 13 दिसम्बर, 2024 को याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। ED ने नवम्बर, 2024 में ही सैंटियागो मार्टिन के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में ED को ₹12 करोड़ से अधिक कैश मिला था। ED ने इस दौरान मार्टिन, उसकी कम्पनी के कर्मचारियों, परिजनों समेत बाकी लोगों से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इकट्ठा किए थे। इसमें 17 मोबाइल फोन थे और बाकी कई लैपटॉप थे। ED ने इस दौरान कई हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और ईमेल का डाटा भी लिया था। इन्हीं डिवाइस से ED डाटा लेकर करके फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ सबूत इकट्ठा करती। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ना वह इन डिवाइस का डाटा एक्सेस कर पाएँगे और ना ही उसको अपने पास कॉपी कर पाएँगे। ED ने सैंटियागो मार्टिन पर यह छापेमारी मेघालय पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले के बाद की थी। मेघालय में दर्ज इस मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि फ्यूचर गेमिंग ने राज्य में अवैध तरीके से लॉटरी का धंधा कब्जा लिया। ED ने 6 राज्यों में यह छापेमारी की थी। इंडियन एक्सप्रेस को ED के कुछ अधिकारियों ने बताया है कि इससे उनकी जाँच पर थोड़ा बहुत फर्क जरूर पड़ेगा लेकिन उनके पास और भी कई सबूत हैं। गौरतलब है कि ED फ्यूचर गेमिंग समेत बाक़ी मामलों में भी लैपटॉप और फोन आदि जब्त करती आई है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जाँच पर सुप्रीम कोर्ट में पहले ही 3 याचिकाएँ पड़ी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट में सैंटियागो मार्टिन वाली याचिका को इन्हीं याचिकाओं के साथ सम्मिलित करने का आदेश दिया गया है। सैंटियागो मार्टिन और बाकी लोगों के खिलाफ इस मामले में जारी किए गए समन पर भी रोक लगाई गई है। इससे पहले भी सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ जाँच हो चुकी है। सैंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेमिंग का नाम मार्च, 2024 में चर्चा में आया था। दरअसल, मार्च में चुनाव आयोग ने उन कंपनियों के नामों का ऐलान किया था, जिन्होंने राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए चुनावी बॉन्ड खरीदा था। इनमें सबसे अधिक बॉन्ड फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज कम्पनी ने खरीदा था। इसका मालिक सैंटियागो मार्टिन है। इस कम्पनी ने 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच ₹1,368 करोड़ का राजनीतिक चंदा दिया था। सैंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेंग ने इस ₹1368 करोड़ में से ₹542 करोड़ तृणमूल कॉन्ग्रेस, ₹503 करोड़ DMK और ₹150 करोड़ से अधिक का चुनावी चंदा YSR कॉन्ग्रेस को दिया था। सैंटियागो मार्टिन को लॉटरी किंग कहा जाता है। उसकी कम्पनी का बड़ा साम्राज्य है। क्या करती है फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स? हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज की स्थापना वर्ष 1991 में सैंटियागो मार्टिन ने की थी। यह कम्पनी तमिलनाडु में शुरू हुई थी, लेकिन जब यहाँ लॉटरी बंद हो गई तो मार्टिन ने अपना अधिकांश धंधा केरल और कर्नाटक में चालू कर दिया। इस पूरे प्रकरण के केंद्र में रहने वाला सैंटियागो मार्टिन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष हैं। उसकी इस कम्पनी में 1000 से अधिक लोग काम करते हैं। फ्यूचर गेमिंग वर्तमान में 13 राज्यों में लॉटरी चलाती है, इन राज्यों में अभी भी लॉटरी को कानूनी मान्यता है। यह राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, नागालैंड और सिक्किम हैं। मार्टिन की यह कम्पनी ‘डियर लॉटरी’ नाम से लॉटरी चलाती है। उसकी कम्पनी फ्यूचर गेमिंग दक्षिण भारत में अपनी एक अन्य कम्पनी मार्टिन कर्नाटक और पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी एक अन्य कम्पनी सिक्किम लॉटरी के माध्यम से धंधा करती है। बताते हैं कि कभी सैंटियागो मार्टिन म्यांमार के यंगून में मजदूरी करता था। बाद में उसने यह साम्राज्य खड़ा किया। उसके कई पार्टियों से संबंध हैं। CPI(M) से सैंटियागो मार्टिन का गठजोड़ सैंटियागो मार्टिन ने वर्ष 2007 में कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र देशाभिमानी को ₹50 लाख के चार चुनावी बॉन्ड के माध्यम से ₹2 करोड़ का चंदा दिया था। जब यह मामला खुला तो पार्टी लोगों के निशाने पर आ गई। पार्टी की छवि बचाने के लिए महासचिव प्रकाश करात ने पैसा स्वीकार करने के बाद उसे लौटाने का निर्णय लिया था। वर्ष 2016 में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के करीबी माने जाने वाले एक वरिष्ठ वकील एमके दामोदरन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर एक मामले में सैंटियागो मार्टिन की तरफ से केस लड़ा था। मुख्यमंत्री विजयन के कानूनी सलाहकार एमके दामोदरन लॉटरी घोटाले के सिलसिले में मार्च 2018 में सैंटियागो मार्टिन के लिए कोर्ट गए थे। DMK से भी संबंध DMK को चन्दा देने के अलावा अक्टूबर 2010 में, तमिलनाडु के एडवोकेट जनरल पी.एस. रमन ने केरल हाई कोर्ट में सैंटियागो मार्टिन का केस लड़ा था। जब इस पर केरल सरकार ने ऐतराज किया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री करूणानिधि ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और रमन को इस मामले की पैरवी छोड़नी पड़ी थी। फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के मालिक सैंटियागो मार्टिन ने ₹50 करोड़ रुपये खर्च करके करुणानिधि की 75वीं फिल्म के निर्माण में मदद की। उसने इसमें स्क्रिप्ट भी लिखी थी। यह भी कहा जाता है कि ‘इलैगनन‘ नाम की एक फिल्म 3 साल तक अधर में लटकी रही, इसके बाद मार्टिन ने इसे पुनः चालू किया। इस फिल्म की कहानी लिखने के लिए करूणानिधि को ₹45 लाख का भुगतान किया गया था। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, “सिनेमा के बड़े नामों का कहना है कि इसके बदले में उसे (सेंटिआगो) को बिना कोई समस्या के अपना लॉटरी का धंधा चलाने दिया जाता है।” जनवरी 2023 में यह रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सैंटियागो मार्टिन के दामाद आधव अर्जुन को DMK ने 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी चुनावी रणनीतिकार की भूमिका में नियुक्त किया था।यह भी बताया जाता है कि अर्जुन के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री दामाद सबरीसन के साथ अच्छे सबंध हैं। कॉन्ग्रेस और TMC से भी जुड़े हैं तार वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी सितंबर 2010 में केरल हाई कोर्ट में घोटाले के दागी सैंटियागो मार्टिन का केस लड़ा था। हालाँकि, उन्हें कम्युनिस्टों के विरोध के चलते मामले से नाम वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। तक कॉन्ग्रेस के मीडिया प्रमुख जनार्दन द्विवेदी ने कहा था, “पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है, भले ही सिंघवी इस मामले से हटने की घोषणा की है।” ‘पत्रकार’ रोहिणी सिंह ने सितम्बर 2021 में एक ‘क्षेत्रीय दल’ और एक लॉटरी माफिया के बीच एक गठजोड़ की तरफ इशारा किया था। A tainted lottery mafia and a regional party. Interesting times ahead.— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 8, 2021 इसके बाद दिसंबर, 2021 में उन्होंने ट्वीट किया, ”अडानी और अम्बानी को भूल जाओ। लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन पर नजर रखो और उस पार्टी पर नजर रखो जिसे वह फंड करता है। देश की राजनीति में आगे का समय बड़ा दिलचस्प है।’ Forget Adani and Ambani. The man to watch out for is lottery king Santiago Martin and who all he funds. Interesting times ahead in Indian politics.— Rohini Singh (@rohini_sgh) December 4, 2021 G2G न्यूज की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सैंटियागो की कम्पनी फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने वर्ष 2017 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल में ₹12000 करोड़ GST दिया था। इस न्यूज रिपोर्ट में कम्पनी की वेबसाइट को आधार बनाते हुए लिखा गया था, “फ्यूचर गेमिंग देश के बड़े करदाताओं में से एक है। हर बार समय पर बड़ी मात्रा में करों का भुगतान करके, एक मजबूत देश के निर्माण में इसका योगदान प्रशंसनीय है।” सैंटियागो मार्टिन की कंपनी कंपनी लम्बे समय से पश्चिम बंगाल में ‘डियर लॉटरी’ चला रही है। नवंबर 2022 में, सीबीआई ने बताया था कि तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के मंत्री अनुब्रत मंडल और उनकी बेटी ने तीन साल में 5 बार यह लॉटरी जीती है। TMC को सबसे अधिक चन्दा फ्यूचर गेमिंग से ही मिला।   Click to listen highlighted text! जो मजदूर से बना ‘लॉटरी किंग’, TMC-DMK को दिए ₹1000 करोड़… उसके खिलाफ जाँच में सुप्रीम कोर्ट ने ED के बाँधे हाथ: कहा- मोबाइल-लैपटॉप से डाटा नहीं ले सकते सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आदेश दिया है कि वह फ्यूचर गेमिंग और उसके मालिक पर छापे के दौरान जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डाटा ना लें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ED फ्यूचर गेमिंग, उसके मालिक सैंटियागो मार्टिन, उसके परिजन और कर्मचारियों से इकट्ठा किए गए फोन-लैपटॉप समेत बाकी डिजिटल डिवाइस से सबूत नहीं जुटा पाएगी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने फ्यूचर गेमिंग की तरफ से दायर एक याचिका पर दिया है। यह आदेश जस्टिस अभी एस ओका और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने 13 दिसम्बर, 2024 को याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। ED ने नवम्बर, 2024 में ही सैंटियागो मार्टिन के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में ED को ₹12 करोड़ से अधिक कैश मिला था। ED ने इस दौरान मार्टिन, उसकी कम्पनी के कर्मचारियों, परिजनों समेत बाकी लोगों से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इकट्ठा किए थे। इसमें 17 मोबाइल फोन थे और बाकी कई लैपटॉप थे। ED ने इस दौरान कई हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और ईमेल का डाटा भी लिया था। इन्हीं डिवाइस से ED डाटा लेकर करके फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ सबूत इकट्ठा करती। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ना वह इन डिवाइस का डाटा एक्सेस कर पाएँगे और ना ही उसको अपने पास कॉपी कर पाएँगे। ED ने सैंटियागो मार्टिन पर यह छापेमारी मेघालय पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले के बाद की थी। मेघालय में दर्ज इस मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि फ्यूचर गेमिंग ने राज्य में अवैध तरीके से लॉटरी का धंधा कब्जा लिया। ED ने 6 राज्यों में यह छापेमारी की थी। इंडियन एक्सप्रेस को ED के कुछ अधिकारियों ने बताया है कि इससे उनकी जाँच पर थोड़ा बहुत फर्क जरूर पड़ेगा लेकिन उनके पास और भी कई सबूत हैं। गौरतलब है कि ED फ्यूचर गेमिंग समेत बाक़ी मामलों में भी लैपटॉप और फोन आदि जब्त करती आई है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जाँच पर सुप्रीम कोर्ट में पहले ही 3 याचिकाएँ पड़ी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट में सैंटियागो मार्टिन वाली याचिका को इन्हीं याचिकाओं के साथ सम्मिलित करने का आदेश दिया गया है। सैंटियागो मार्टिन और बाकी लोगों के खिलाफ इस मामले में जारी किए गए समन पर भी रोक लगाई गई है। इससे पहले भी सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ जाँच हो चुकी है। सैंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेमिंग का नाम मार्च, 2024 में चर्चा में आया था। दरअसल, मार्च में चुनाव आयोग ने उन कंपनियों के नामों का ऐलान किया था, जिन्होंने राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए चुनावी बॉन्ड खरीदा था। इनमें सबसे अधिक बॉन्ड फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज कम्पनी ने खरीदा था। इसका मालिक सैंटियागो मार्टिन है। इस कम्पनी ने 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच ₹1,368 करोड़ का राजनीतिक चंदा दिया था। सैंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेंग ने इस ₹1368 करोड़ में से ₹542 करोड़ तृणमूल कॉन्ग्रेस, ₹503 करोड़ DMK और ₹150 करोड़ से अधिक का चुनावी चंदा YSR कॉन्ग्रेस को दिया था। सैंटियागो मार्टिन को लॉटरी किंग कहा जाता है। उसकी कम्पनी का बड़ा साम्राज्य है। क्या करती है फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स? हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज की स्थापना वर्ष 1991 में सैंटियागो मार्टिन ने की थी। यह कम्पनी तमिलनाडु में शुरू हुई थी, लेकिन जब यहाँ लॉटरी बंद हो गई तो मार्टिन ने अपना अधिकांश धंधा केरल और कर्नाटक में चालू कर दिया। इस पूरे प्रकरण के केंद्र में रहने वाला सैंटियागो मार्टिन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष हैं। उसकी इस कम्पनी में 1000 से अधिक लोग काम करते हैं। फ्यूचर गेमिंग वर्तमान में 13 राज्यों में लॉटरी चलाती है, इन राज्यों में अभी भी लॉटरी को कानूनी मान्यता है। यह राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, नागालैंड और सिक्किम हैं। मार्टिन की यह कम्पनी ‘डियर लॉटरी’ नाम से लॉटरी चलाती है। उसकी कम्पनी फ्यूचर गेमिंग दक्षिण भारत में अपनी एक अन्य कम्पनी मार्टिन कर्नाटक और पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी एक अन्य कम्पनी सिक्किम लॉटरी के माध्यम से धंधा करती है। बताते हैं कि कभी सैंटियागो मार्टिन म्यांमार के यंगून में मजदूरी करता था। बाद में उसने यह साम्राज्य खड़ा किया। उसके कई पार्टियों से संबंध हैं। CPI(M) से सैंटियागो मार्टिन का गठजोड़ सैंटियागो मार्टिन ने वर्ष 2007 में कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र देशाभिमानी को ₹50 लाख के चार चुनावी बॉन्ड के माध्यम से ₹2 करोड़ का चंदा दिया था। जब यह मामला खुला तो पार्टी लोगों के निशाने पर आ गई। पार्टी की छवि बचाने के लिए महासचिव प्रकाश करात ने पैसा स्वीकार करने के बाद उसे लौटाने का निर्णय लिया था। वर्ष 2016 में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के करीबी माने जाने वाले एक वरिष्ठ वकील एमके दामोदरन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर एक मामले में सैंटियागो मार्टिन की तरफ से केस लड़ा था। मुख्यमंत्री विजयन के कानूनी सलाहकार एमके दामोदरन लॉटरी घोटाले के सिलसिले में मार्च 2018 में सैंटियागो मार्टिन के लिए कोर्ट गए थे। DMK से भी संबंध DMK को चन्दा देने के अलावा अक्टूबर 2010 में, तमिलनाडु के एडवोकेट जनरल पी.एस. रमन ने केरल हाई कोर्ट में सैंटियागो मार्टिन का केस लड़ा था। जब इस पर केरल सरकार ने ऐतराज किया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री करूणानिधि ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और रमन को इस मामले की पैरवी छोड़नी पड़ी थी। फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के मालिक सैंटियागो मार्टिन ने ₹50 करोड़ रुपये खर्च करके करुणानिधि की 75वीं फिल्म के निर्माण में मदद की। उसने इसमें स्क्रिप्ट भी लिखी थी। यह भी कहा जाता है कि ‘इलैगनन‘ नाम की एक फिल्म 3 साल तक अधर में लटकी रही, इसके बाद मार्टिन ने इसे पुनः चालू किया। इस फिल्म की कहानी लिखने के लिए करूणानिधि को ₹45 लाख का भुगतान किया गया था। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, “सिनेमा के बड़े नामों का कहना है कि इसके बदले में उसे (सेंटिआगो) को बिना कोई समस्या के अपना लॉटरी का धंधा चलाने दिया जाता है।” जनवरी 2023 में यह रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सैंटियागो मार्टिन के दामाद आधव अर्जुन को DMK ने 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी चुनावी रणनीतिकार की भूमिका में नियुक्त किया था।यह भी बताया जाता है कि अर्जुन के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री दामाद सबरीसन के साथ अच्छे सबंध हैं। कॉन्ग्रेस और TMC से भी जुड़े हैं तार वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी सितंबर 2010 में केरल हाई कोर्ट में घोटाले के दागी सैंटियागो मार्टिन का केस लड़ा था। हालाँकि, उन्हें कम्युनिस्टों के विरोध के चलते मामले से नाम वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। तक कॉन्ग्रेस के मीडिया प्रमुख जनार्दन द्विवेदी ने कहा था, “पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है, भले ही सिंघवी इस मामले से हटने की घोषणा की है।” ‘पत्रकार’ रोहिणी सिंह ने सितम्बर 2021 में एक ‘क्षेत्रीय दल’ और एक लॉटरी माफिया के बीच एक गठजोड़ की तरफ इशारा किया था। A tainted lottery mafia and a regional party. Interesting times ahead.— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 8, 2021 इसके बाद दिसंबर, 2021 में उन्होंने ट्वीट किया, ”अडानी और अम्बानी को भूल जाओ। लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन पर नजर रखो और उस पार्टी पर नजर रखो जिसे वह फंड करता है। देश की राजनीति में आगे का समय बड़ा दिलचस्प है।’ Forget Adani and Ambani. The man to watch out for is lottery king Santiago Martin and who all he funds. Interesting times ahead in Indian politics.— Rohini Singh (@rohini_sgh) December 4, 2021 G2G न्यूज की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सैंटियागो की कम्पनी फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने वर्ष 2017 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल में ₹12000 करोड़ GST दिया था। इस न्यूज रिपोर्ट में कम्पनी की वेबसाइट को आधार बनाते हुए लिखा गया था, “फ्यूचर गेमिंग देश के बड़े करदाताओं में से एक है। हर बार समय पर बड़ी मात्रा में करों का भुगतान करके, एक मजबूत देश के निर्माण में इसका योगदान प्रशंसनीय है।” सैंटियागो मार्टिन की कंपनी कंपनी लम्बे समय से पश्चिम बंगाल में ‘डियर लॉटरी’ चला रही है। नवंबर 2022 में, सीबीआई ने बताया था कि तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के मंत्री अनुब्रत मंडल और उनकी बेटी ने तीन साल में 5 बार यह लॉटरी जीती है। TMC को सबसे अधिक चन्दा फ्यूचर गेमिंग से ही मिला।

जो मजदूर से बना ‘लॉटरी किंग’, TMC-DMK को दिए ₹1000 करोड़… उसके खिलाफ जाँच में सुप्रीम कोर्ट ने ED के बाँधे हाथ: कहा- मोबाइल-लैपटॉप से डाटा नहीं ले सकते

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को आदेश दिया है कि वह फ्यूचर गेमिंग और उसके मालिक पर छापे के दौरान जब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से डाटा ना लें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ED फ्यूचर गेमिंग, उसके मालिक सैंटियागो मार्टिन, उसके परिजन और कर्मचारियों से इकट्ठा किए गए फोन-लैपटॉप समेत बाकी डिजिटल डिवाइस से सबूत नहीं जुटा पाएगी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने फ्यूचर गेमिंग की तरफ से दायर एक याचिका पर दिया है। यह आदेश जस्टिस अभी एस ओका और जस्टिस पंकज मित्तल की बेंच ने 13 दिसम्बर, 2024 को याचिका की सुनवाई के दौरान दिया।

ED ने नवम्बर, 2024 में ही सैंटियागो मार्टिन के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में ED को ₹12 करोड़ से अधिक कैश मिला था। ED ने इस दौरान मार्टिन, उसकी कम्पनी के कर्मचारियों, परिजनों समेत बाकी लोगों से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इकट्ठा किए थे। इसमें 17 मोबाइल फोन थे और बाकी कई लैपटॉप थे।

ED ने इस दौरान कई हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और ईमेल का डाटा भी लिया था। इन्हीं डिवाइस से ED डाटा लेकर करके फ्यूचर गेमिंग के खिलाफ सबूत इकट्ठा करती। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ना वह इन डिवाइस का डाटा एक्सेस कर पाएँगे और ना ही उसको अपने पास कॉपी कर पाएँगे।

ED ने सैंटियागो मार्टिन पर यह छापेमारी मेघालय पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले के बाद की थी। मेघालय में दर्ज इस मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि फ्यूचर गेमिंग ने राज्य में अवैध तरीके से लॉटरी का धंधा कब्जा लिया। ED ने 6 राज्यों में यह छापेमारी की थी।

इंडियन एक्सप्रेस को ED के कुछ अधिकारियों ने बताया है कि इससे उनकी जाँच पर थोड़ा बहुत फर्क जरूर पड़ेगा लेकिन उनके पास और भी कई सबूत हैं। गौरतलब है कि ED फ्यूचर गेमिंग समेत बाक़ी मामलों में भी लैपटॉप और फोन आदि जब्त करती आई है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जाँच पर सुप्रीम कोर्ट में पहले ही 3 याचिकाएँ पड़ी हुई हैं।

सुप्रीम कोर्ट में सैंटियागो मार्टिन वाली याचिका को इन्हीं याचिकाओं के साथ सम्मिलित करने का आदेश दिया गया है। सैंटियागो मार्टिन और बाकी लोगों के खिलाफ इस मामले में जारी किए गए समन पर भी रोक लगाई गई है। इससे पहले भी सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ जाँच हो चुकी है। सैंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेमिंग का नाम मार्च, 2024 में चर्चा में आया था।

दरअसल, मार्च में चुनाव आयोग ने उन कंपनियों के नामों का ऐलान किया था, जिन्होंने राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए चुनावी बॉन्ड खरीदा था। इनमें सबसे अधिक बॉन्ड फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज कम्पनी ने खरीदा था। इसका मालिक सैंटियागो मार्टिन है। इस कम्पनी ने 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच ₹1,368 करोड़ का राजनीतिक चंदा दिया था।

सैंटियागो मार्टिन की फ्यूचर गेंग ने इस ₹1368 करोड़ में से ₹542 करोड़ तृणमूल कॉन्ग्रेस, ₹503 करोड़ DMK और ₹150 करोड़ से अधिक का चुनावी चंदा YSR कॉन्ग्रेस को दिया था। सैंटियागो मार्टिन को लॉटरी किंग कहा जाता है। उसकी कम्पनी का बड़ा साम्राज्य है।

क्या करती है फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स?

हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज की स्थापना वर्ष 1991 में सैंटियागो मार्टिन ने की थी। यह कम्पनी तमिलनाडु में शुरू हुई थी, लेकिन जब यहाँ लॉटरी बंद हो गई तो मार्टिन ने अपना अधिकांश धंधा केरल और कर्नाटक में चालू कर दिया।

इस पूरे प्रकरण के केंद्र में रहने वाला सैंटियागो मार्टिन ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ लॉटरी ट्रेड एंड अलाइड इंडस्ट्रीज का अध्यक्ष हैं। उसकी इस कम्पनी में 1000 से अधिक लोग काम करते हैं। फ्यूचर गेमिंग वर्तमान में 13 राज्यों में लॉटरी चलाती है, इन राज्यों में अभी भी लॉटरी को कानूनी मान्यता है। यह राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, नागालैंड और सिक्किम हैं।

मार्टिन की यह कम्पनी ‘डियर लॉटरी’ नाम से लॉटरी चलाती है। उसकी कम्पनी फ्यूचर गेमिंग दक्षिण भारत में अपनी एक अन्य कम्पनी मार्टिन कर्नाटक और पूर्वोत्तर के राज्यों में अपनी एक अन्य कम्पनी सिक्किम लॉटरी के माध्यम से धंधा करती है। बताते हैं कि कभी सैंटियागो मार्टिन म्यांमार के यंगून में मजदूरी करता था। बाद में उसने यह साम्राज्य खड़ा किया। उसके कई पार्टियों से संबंध हैं।

CPI(M) से सैंटियागो मार्टिन का गठजोड़

सैंटियागो मार्टिन ने वर्ष 2007 में कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र देशाभिमानी को ₹50 लाख के चार चुनावी बॉन्ड के माध्यम से ₹2 करोड़ का चंदा दिया था। जब यह मामला खुला तो पार्टी लोगों के निशाने पर आ गई। पार्टी की छवि बचाने के लिए महासचिव प्रकाश करात ने पैसा स्वीकार करने के बाद उसे लौटाने का निर्णय लिया था।

वर्ष 2016 में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के करीबी माने जाने वाले एक वरिष्ठ वकील एमके दामोदरन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर एक मामले में सैंटियागो मार्टिन की तरफ से केस लड़ा था। मुख्यमंत्री विजयन के कानूनी सलाहकार एमके दामोदरन लॉटरी घोटाले के सिलसिले में मार्च 2018 में सैंटियागो मार्टिन के लिए कोर्ट गए थे।

DMK से भी संबंध

DMK को चन्दा देने के अलावा अक्टूबर 2010 में, तमिलनाडु के एडवोकेट जनरल पी.एस. रमन ने केरल हाई कोर्ट में सैंटियागो मार्टिन का केस लड़ा था। जब इस पर केरल सरकार ने ऐतराज किया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री करूणानिधि ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और रमन को इस मामले की पैरवी छोड़नी पड़ी थी।

फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज के मालिक सैंटियागो मार्टिन ने ₹50 करोड़ रुपये खर्च करके करुणानिधि की 75वीं फिल्म के निर्माण में मदद की। उसने इसमें स्क्रिप्ट भी लिखी थी। यह भी कहा जाता है कि ‘इलैगनन‘ नाम की एक फिल्म 3 साल तक अधर में लटकी रही, इसके बाद मार्टिन ने इसे पुनः चालू किया। इस फिल्म की कहानी लिखने के लिए करूणानिधि को ₹45 लाख का भुगतान किया गया था।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, “सिनेमा के बड़े नामों का कहना है कि इसके बदले में उसे (सेंटिआगो) को बिना कोई समस्या के अपना लॉटरी का धंधा चलाने दिया जाता है।” जनवरी 2023 में यह रिपोर्ट्स में कहा गया था कि सैंटियागो मार्टिन के दामाद आधव अर्जुन को DMK ने 2024 लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी चुनावी रणनीतिकार की भूमिका में नियुक्त किया था।यह भी बताया जाता है कि अर्जुन के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री दामाद सबरीसन के साथ अच्छे सबंध हैं।

कॉन्ग्रेस और TMC से भी जुड़े हैं तार

वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने भी सितंबर 2010 में केरल हाई कोर्ट में घोटाले के दागी सैंटियागो मार्टिन का केस लड़ा था। हालाँकि, उन्हें कम्युनिस्टों के विरोध के चलते मामले से नाम वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था। तक कॉन्ग्रेस के मीडिया प्रमुख जनार्दन द्विवेदी ने कहा था, “पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है, भले ही सिंघवी इस मामले से हटने की घोषणा की है।”

‘पत्रकार’ रोहिणी सिंह ने सितम्बर 2021 में एक ‘क्षेत्रीय दल’ और एक लॉटरी माफिया के बीच एक गठजोड़ की तरफ इशारा किया था।

A tainted lottery mafia and a regional party. Interesting times ahead.— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 8, 2021

इसके बाद दिसंबर, 2021 में उन्होंने ट्वीट किया, ”अडानी और अम्बानी को भूल जाओ। लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन पर नजर रखो और उस पार्टी पर नजर रखो जिसे वह फंड करता है। देश की राजनीति में आगे का समय बड़ा दिलचस्प है।’

Forget Adani and Ambani. The man to watch out for is lottery king Santiago Martin and who all he funds. Interesting times ahead in Indian politics.— Rohini Singh (@rohini_sgh) December 4, 2021

G2G न्यूज की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि सैंटियागो की कम्पनी फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज ने वर्ष 2017 और 2021 के बीच पश्चिम बंगाल में ₹12000 करोड़ GST दिया था। इस न्यूज रिपोर्ट में कम्पनी की वेबसाइट को आधार बनाते हुए लिखा गया था, “फ्यूचर गेमिंग देश के बड़े करदाताओं में से एक है। हर बार समय पर बड़ी मात्रा में करों का भुगतान करके, एक मजबूत देश के निर्माण में इसका योगदान प्रशंसनीय है।” सैंटियागो मार्टिन की कंपनी कंपनी लम्बे समय से पश्चिम बंगाल में ‘डियर लॉटरी’ चला रही है।

नवंबर 2022 में, सीबीआई ने बताया था कि तृणमूल कॉन्ग्रेस (टीएमसी) के मंत्री अनुब्रत मंडल और उनकी बेटी ने तीन साल में 5 बार यह लॉटरी जीती है। TMC को सबसे अधिक चन्दा फ्यूचर गेमिंग से ही मिला।

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