नेपाल में भूकंप के तेज झटके, भारत के दिल्ली NCR सहित कई हिस्सों में महसूस किए गए झटके
नेपाल में मंगलवार सुबह 6:35 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र लोबुचे से 93 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित था। नेपाल के साथ-साथ भारत के कई राज्यों में भी इस भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर, बिहार और पश्चिम बंगाल में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग डर के कारण अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए।
दिल्ली-एनसीआर, बिहार और बंगाल में महसूस हुए झटके
नेपाल में आए इस भूकंप का असर भारत के कई हिस्सों में भी देखा गया। दिल्ली-एनसीआर, बिहार और पश्चिम बंगाल में झटके महसूस किए गए। बिहार में लोगों के बीच सबसे ज्यादा भय का माहौल देखा गया। भूकंप के झटके के तुरंत बाद लोग घरों से बाहर निकल आए और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की कोशिश करने लगे।
नेपाल में बार-बार क्यों आ रहे भूकंप?
विशेषज्ञों के अनुसार, नेपाल हिमालयन रेंज में स्थित है, जो एक सक्रिय टेक्टोनिक प्लेट ज़ोन है। आईआईटी कानपुर के प्रो. जावेद एन मलिक ने बताया कि इस क्षेत्र में प्लेट्स की लगातार गतिविधियों के कारण भूकंप आते रहते हैं।
पिछले भूकंप की याद ताजा
21 दिसंबर 2024 को भी नेपाल में 4.8 तीव्रता का भूकंप आया था। वहीं, अप्रैल 2015 में 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप ने लगभग 9,000 लोगों की जान ली थी और 22,000 से अधिक लोग घायल हुए थे।
भूकंप क्यों आता है?
पृथ्वी के अंदर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। इनके आपस में टकराने से दबाव बढ़ता है, जो प्लेट्स के टूटने का कारण बनता है। इससे उत्पन्न ऊर्जा भूकंप के रूप में बाहर निकलती है।
भूकंप की तीव्रता और केंद्र का मतलब
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है, जहां से प्लेटों में हलचल शुरू होती है। केंद्र के आसपास का क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होता है। रिक्टर स्केल पर 7 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप विनाशकारी हो सकता है।
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल से मापी जाती है। इसे 1 से 9 तक के पैमाने पर मापा जाता है। रिक्टर स्केल पर 7.1 तीव्रता वाला भूकंप अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और बड़े क्षेत्र में भारी नुकसान पहुंचा सकता है।