
आवारा पशु किसानों की फसलें कर रहे बर्बाद, प्रशासन मौन
लोकायुक्त न्यूज़
उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के चरथावल थाना क्षेत्र में आवारा पशुओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। ये पशु किसानों की कड़ी मेहनत और आर्थिक निवेश को बर्बाद कर रहे हैं। फसलें या तो चर ली जाती हैं या फिर कुचली जाती हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
फसलें बर्बाद होने का सिलसिला जारी : किसानों का कहना है कि तड़के से ही आवारा पशु खेतों में घुस आते हैं। झुंड में पहुंचकर ये पौधों को इस कदर नुकसान पहुंचाते हैं कि वे दोबारा खड़े नहीं हो पाते। कभी-कभी ये पशु घरों में भी घुस जाते हैं और पालतू पशुओं व बच्चों को जख्मी कर देते हैं।
चरथावल क्षेत्र में चार गौशालाएं होने के बावजूद आवारा पशुओं की समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्थानीय अधिकारियों से बार-बार शिकायत के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। किसान प्रशासन की निष्क्रियता से नाराज हैं।
किसान फसल बचाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आवारा पशुओं के झुंड के सामने ये उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं।
खेतों के चारों ओर तारों की बाड़ लगाई जा रही है।
कांटेदार झाड़ियों और बांस की बाड़ लगाई जा रही है।
दिन-रात खेतों में पहरा दिया जा रहा है।
नीम की पत्तियों और गोबर का मिश्रण फसलों पर छिड़का जा रहा है।
प्रेम सिंह (पीड़ित किसान) : “आवारा पशुओं ने हमारी मेहनत को बर्बाद कर दिया है। प्रशासन हमारी समस्या सुनने को तैयार नहीं है।”
सोहन वीर सिंह (जिला मंत्री, विश्व हिंदू परिषद): “सरकार को तुरंत आवारा पशुओं के लिए ठोस व्यवस्था करनी चाहिए। गौशालाओं को सही तरीके से संचालित किया जाए, ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके।”
किसानों का मानना है कि इस समस्या से निपटने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे। गौशालाओं को सक्रिय करना और आवारा पशुओं के लिए विशेष अभियान चलाना जरूरी है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला तो यह समस्या और विकराल हो सकती है।