Welcome to Lokayukt News   Click to listen highlighted text! Welcome to Lokayukt News
Latest Story
blank‘युसूफ पठान बाहरी, वोटर्स के साथ खेल रहे खेल’ : मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद TMC सांसद का रवैया देख पार्टी नेताओं ने ही लताड़ा, कहा- तौर-तरीके नहीं बदले तो नहीं मिलने देंगे टिकटblank‘इस बर्बर घटना से हम व्यथित, खुलेआम घूम रहे अपराधी’: भारत ने हिंदू नेता की हत्या पर बांग्लादेश को फटकारा, कहा – ये चिंताजनक पैटर्न का हिस्साblankअभी 10 साल कुर्सी पर रहेंगे PM मोदी, अगला चुनाव भी जीतेंगे, 90+ साल जिएँगे: जिन्होंने सबसे पहले देखी दिल्ली में केजरीवाल की हार, उनकी भविष्यवाणीblank‘जिन्हें बुर्के से समस्या नहीं, उन्हें जनेऊ से क्यों दिक्कत’: कर्नाटक में CET परीक्षा में हिंदू छात्रों के साथ भेदभाव देख BJP ने उठाए सवाल, बवाल के बाद कॉन्ग्रेस मंत्री ने जाँच के आदेश दिएblankगाज़ियाबाद के नए पुलिस कमिश्नर एक्शन मोड पर, थाना प्रभारियों को चेतावनी और बड़ा सन्देशblankयोगी सरकार और पुलिस की छवि को घूमिल कर रही हनुमानगंज की पुलिसblankबुद्धा हॉस्पिटल का फर्जीवाड़ा उजागर,ऑपरेशन कांड की जांच को सीएमओ ने बनाई टीमblankजिस वक्फ कानून के विरोध में इस्लामी कट्टरपंथी कर रहे हिंसा, उसका दाऊदी बोहरा समुदाय ने किया समर्थन: PM मोदी से मुलाकात कर कहा- शुक्रिया, इससे मुस्लिमों को होगा फायदाblankपुलिस कमिश्नर का बड़ा एक्शन, पूरी पुलिस चौकी लाइन हाजिरblankनेता, SP, यूट्यूबर… पंजाब में सबके घर पर करवाता था ग्रेनेड अटैक, अब अमेरिका में पकड़ा गया हैप्पी पासिया: ISI की शह पर खड़ा कर रहा था आतंक का नेटवर्क, बब्बर खालसा से लिंक
जीजा-साली के बीच सेक्स वाला रिलेशन ‘अनैतिक’, लेकिन यह बलात्कार नहीं : क्या है हाईकोर्ट का फैसला लोकायुक्त न्यूज़  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जीजा और साली के बीच संबंधों से जुड़े एक विवादित मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि यह रिश्ता समाज और नैतिक दृष्टि से गलत हो सकता है, लेकिन अगर महिला बालिग है और सहमति से संबंध बनाए गए हैं, तो इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस समीर जैन की पीठ ने आरोपित की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि साली बालिग थी और उसने पहले धारा 161 के तहत अपने बयान में आरोपित पर लगाए गए आरोपों से इनकार किया था। हालाँकि बाद में उसने धारा 164 के तहत अपना बयान बदलते हुए अभियोजन पक्ष का समर्थन किया। यह मामला जुलाई 2024 का है, जब आरोपित जीजा पर अपनी साली के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया था। परिवार को जीजा और साली के बीच अवैध संबंधों की जानकारी मिली, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 366 (बहला-फुसलाकर भगाना), 376 (बलात्कार), और 506 (धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। हाई कोर्ट में आरोपित के वकील ने तर्क दिया कि जीजा और साली के बीच अवैध संबंधों की जानकारी मिलने के बाद परिवार ने यह मामला दर्ज कराया। उन्होंने यह भी कहा कि आरोप झूठे हो सकते हैं, क्योंकि दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे। दूसरी ओर एजीए (सरकारी अधिवक्ता) ने जमानत का विरोध किया, लेकिन इस तथ्य को नकार नहीं सके कि साली बालिग थी।blank हाई कोर्ट ने माना कि यह रिश्ता समाज और नैतिकता के दृष्टिकोण से गलत हो सकता है, लेकिन कानूनी रूप से इसे बलात्कार नहीं कहा जा सकता। उसके खिलाफ धारा 366, 376 और 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन कोर्ट ने आरोपी की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि न होने और जुलाई 2024 से हिरासत में होने के कारण उसे जमानत दे दी।   Click to listen highlighted text! जीजा-साली के बीच सेक्स वाला रिलेशन ‘अनैतिक’, लेकिन यह बलात्कार नहीं : क्या है हाईकोर्ट का फैसला लोकायुक्त न्यूज़  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जीजा और साली के बीच संबंधों से जुड़े एक विवादित मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि यह रिश्ता समाज और नैतिक दृष्टि से गलत हो सकता है, लेकिन अगर महिला बालिग है और सहमति से संबंध बनाए गए हैं, तो इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस समीर जैन की पीठ ने आरोपित की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि साली बालिग थी और उसने पहले धारा 161 के तहत अपने बयान में आरोपित पर लगाए गए आरोपों से इनकार किया था। हालाँकि बाद में उसने धारा 164 के तहत अपना बयान बदलते हुए अभियोजन पक्ष का समर्थन किया। यह मामला जुलाई 2024 का है, जब आरोपित जीजा पर अपनी साली के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया था। परिवार को जीजा और साली के बीच अवैध संबंधों की जानकारी मिली, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 366 (बहला-फुसलाकर भगाना), 376 (बलात्कार), और 506 (धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था। हाई कोर्ट में आरोपित के वकील ने तर्क दिया कि जीजा और साली के बीच अवैध संबंधों की जानकारी मिलने के बाद परिवार ने यह मामला दर्ज कराया। उन्होंने यह भी कहा कि आरोप झूठे हो सकते हैं, क्योंकि दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे। दूसरी ओर एजीए (सरकारी अधिवक्ता) ने जमानत का विरोध किया, लेकिन इस तथ्य को नकार नहीं सके कि साली बालिग थी। हाई कोर्ट ने माना कि यह रिश्ता समाज और नैतिकता के दृष्टिकोण से गलत हो सकता है, लेकिन कानूनी रूप से इसे बलात्कार नहीं कहा जा सकता। उसके खिलाफ धारा 366, 376 और 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन कोर्ट ने आरोपी की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि न होने और जुलाई 2024 से हिरासत में होने के कारण उसे जमानत दे दी।

जीजा-साली के बीच सेक्स वाला रिलेशन ‘अनैतिक’, लेकिन यह बलात्कार नहीं : क्या है हाईकोर्ट का फैसला

लोकायुक्त न्यूज़ 

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जीजा और साली के बीच संबंधों से जुड़े एक विवादित मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि यह रिश्ता समाज और नैतिक दृष्टि से गलत हो सकता है, लेकिन अगर महिला बालिग है और सहमति से संबंध बनाए गए हैं, तो इसे बलात्कार नहीं माना जा सकता।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस समीर जैन की पीठ ने आरोपित की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया कि साली बालिग थी और उसने पहले धारा 161 के तहत अपने बयान में आरोपित पर लगाए गए आरोपों से इनकार किया था। हालाँकि बाद में उसने धारा 164 के तहत अपना बयान बदलते हुए अभियोजन पक्ष का समर्थन किया।

यह मामला जुलाई 2024 का है, जब आरोपित जीजा पर अपनी साली के साथ बलात्कार का आरोप लगाया गया था। परिवार को जीजा और साली के बीच अवैध संबंधों की जानकारी मिली, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई। आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 366 (बहला-फुसलाकर भगाना), 376 (बलात्कार), और 506 (धमकी देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

हाई कोर्ट में आरोपित के वकील ने तर्क दिया कि जीजा और साली के बीच अवैध संबंधों की जानकारी मिलने के बाद परिवार ने यह मामला दर्ज कराया। उन्होंने यह भी कहा कि आरोप झूठे हो सकते हैं, क्योंकि दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे। दूसरी ओर एजीए (सरकारी अधिवक्ता) ने जमानत का विरोध किया, लेकिन इस तथ्य को नकार नहीं सके कि साली बालिग थी।blank

हाई कोर्ट ने माना कि यह रिश्ता समाज और नैतिकता के दृष्टिकोण से गलत हो सकता है, लेकिन कानूनी रूप से इसे बलात्कार नहीं कहा जा सकता। उसके खिलाफ धारा 366, 376 और 506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन कोर्ट ने आरोपी की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि न होने और जुलाई 2024 से हिरासत में होने के कारण उसे जमानत दे दी।

  • Related Posts

    ‘युसूफ पठान बाहरी, वोटर्स के साथ खेल रहे खेल’ : मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद TMC सांसद का रवैया देख पार्टी नेताओं ने ही लताड़ा, कहा- तौर-तरीके नहीं बदले तो नहीं मिलने देंगे टिकट

    पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद 11-12 अप्रैल को एक तरफ जब हिंसा की आग में जल रहा था, तब दूसरी तरफ इस जिले की बहरामपुर सीट से तृणमूल कॉन्ग्रेस के सांसद…

    ‘इस बर्बर घटना से हम व्यथित, खुलेआम घूम रहे अपराधी’: भारत ने हिंदू नेता की हत्या पर बांग्लादेश को फटकारा, कहा – ये चिंताजनक पैटर्न का हिस्सा

    बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के बसुदेवपुर गाँव में गुरुवार (17 अप्रैल 2025) को हिंदू समुदाय के नेता भावेश चंद्र रॉय की हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि 58…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    error: Content is protected !!
    Click to listen highlighted text!