
उत्तर प्रदेश के संभल जिले के नरौली कस्बे में दुकानों की दीवारों पर ‘फ्री गाजा, फ्री फिलिस्तीन’ जैसे पोस्टर चिपकाने के मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पोस्टरों में मुसलमानों से इजराइली सामान का बहिष्कार करने की अपील भी की गई है। पोस्टर में ऐसे सामानों को भी दिखाया गया है, जिनसे दूर रहने और खरीदारी ना करने की सलाह दी गई है।
बनियाथार एसएचओ रामवीर सिंह ने रविवार (20 अप्रैल 2025) को पीटीआई को बताया कि पुलिस ने आरोपितों की पहचान कर उनमें से 7 लोगों को पकड़ा है। आरोपितों में मोहम्मद शादाब, मोहम्मद रिहान, गुलफाम, मोहम्मद सलीम, समीर, याकूब, और सलमान शामिल हैं। इन पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने, हिंसा फैलाने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर 200 से अधिक उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए हैं, जिनकी पहचान की जा रही है। इनमें से 11 और उपद्रवियों की पहचान हो गई है। सभी आरोपितों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमें दर्ज किए गए हैं। आपको बता दें कि ‘फ्री गाजा, फ्री फिलिस्तीन’ के पोस्टर मंदिर, दुकानों, बिजली के खंभों और मदरसों की दीवारों पर चिपकाए गए थे।
यूपी : संभल में माहौल खराब करने के लिए फ्री गाजा,फ्री फिलिस्तीन के नाम के दुकान,मंदिर,मदरसों की दीवारों एवं बिजली के खंभों पर विवादित पोस्टर लगाए गए हैं। @Uppolice @sambhalpolice @dgpup pic.twitter.com/Homi67XKgB— 𝐑𝐚𝐣𝐚𝐧 𝐒𝐨𝐧𝐤𝐚𝐫 𝐉𝐨𝐮𝐫𝐧𝐚𝐥𝐢𝐬𝐭 (@RajanSonkarlive) April 20, 2025
पुलिस के अनुसार, कुछ दिन पहले कस्बे की दुकानों की दीवारों पर यह पोस्टर देखे गए, जिनमें एक विशेष समुदाय से इज़रायली सामान का बहिष्कार करने की अपील भी की गई थी। थाना प्रभारी रामवीर सिंह ने कहा कि जिन दुकानों की दीवारों पर ये पोस्टर लगे थे, उनके मालिकों से भी पूछताछ की गई।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बजरंग दल के संयोजक नितिन शर्मा ने पत्रकारों से कहा कि पोस्टरों में मुसलमानों से अपील की गई थी कि वे सिर्फ मुस्लिम दुकानदारों से ही खरीदारी करें, जो समाज में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, “ये केवल पोस्टर नहीं हैं, बल्कि यह एक खतरनाक सोच है जो ज़िले में फैल रही है। पश्चिम बंगाल की तरह यहाँ भी हिन्दुओं के ख़िलाफ़ माहौल बनाया जा रहा है। अगर प्रशासन ने समय पर कार्रवाई नहीं की, तो विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे सँगठन खुद मोर्चा संभालेंगे।”
ग़ौरतलब है कि अक्टूबर 2023 में हमास के नेतृत्व वाले चरमपंथियों द्वारा दक्षिणी इज़राइल में हमला किए जाने के बाद इज़रायल ने गाज़ा में सैन्य अभियान शुरू किया था, जिसमें 1,200 लोगों की मौत हुई थी और 251 को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद से इज़रायली हमले में अब तक 51,000 से अधिक फिलीस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ और बच्चे शामिल हैं। यह जानकारी एपी ने गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से दी है।
इस घटना के बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएँ 48 घंटे के लिए बँद कर दी हैं। पुलिस और प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जाँच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं।