नगर पालिका कुशीनगर में नाली निर्माण में घोटाला: अधूरे निर्माण का कराया लोकार्पण, 600 मीटर की जगह केवल 250 मीटर बनी नाली
कुशीनगर। नगर पालिका परिषद कुशीनगर में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें 32 लाख रुपये की लागत से स्वीकृत नाली निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई है। वार्ड संख्या-12 वीर अब्दुल हमीद नगर में प्रमोद तिवारी के घर से विक्की श्रीवास्तव के घर तक कुल 600 मीटर आरसीसी नाली निर्माण का कार्य प्रस्तावित था। परंतु ठेकेदार अनीश आलम और नगर पालिका प्रशासन की मिलीभगत से केवल ढाई सौ मीटर ही नाली का निर्माण कराया गया और पूरे 600 मीटर के निर्माण को पूर्ण दर्शाते हुए भुगतान भी कर दिया गया। इस अधूरे निर्माण कार्य का लोकार्पण विधायक पीएन पाठक से करा दिया गया, जिससे स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है।
नाली अधूरी, भुगतान पूरा – खुलेआम भ्रष्टाचार
नगर पालिका प्रशासन ने इस योजना में बड़े पैमाने पर धन के बंदरबांट की आशंका को जन्म दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पांच महीने बीतने के बाद भी नाली का शेष 350 मीटर का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है, लेकिन ठेकेदार को पूरा भुगतान किया जा चुका है।
मोहल्लेवासियों का कहना है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत नगर पालिका प्रशासन, विधायक पीएन पाठक से लेकर कई अन्य जनप्रतिनिधियों तक की, लेकिन किसी ने भी इस भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं की। इससे यह स्पष्ट होता है कि इस घोटाले में कई बड़े लोग शामिल हैं।
लोकार्पण पट्टिका पर भी खेल, भ्रष्टाचार का बड़ा संकेत
घोटाले की पुष्टि करने वाला एक और बड़ा सबूत लोकार्पण पट्टिका (शिलान्यास बोर्ड) है।
- इस बोर्ड पर स्वीकृत धनराशि (32 लाख रुपये) का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
- बोर्ड पर प्रस्तावित निर्माण 600 मीटर लिखा भी नहीं गया, जिससे स्पष्ट होता है कि लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की गई है।
- लोकार्पण पत्थर पर सबसे ऊपर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम प्रेरणास्त्रोत के रूप में अंकित है।
- क्षेत्रीय सांसद विजय दूबे, नगर विकास मंत्री एके शर्मा, विधायक पीएन पाठक, नगर पालिका अध्यक्ष किरण राकेश जायसवाल और सभासद मधुबाला सोनू त्रिपाठी का नाम भी अंकित किया गया है।
जनता की मांग: डीएम करें निष्पक्ष जांच
वार्ड संख्या-12 के निवासियों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक पूरा निर्माण कार्य नहीं होता और दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
स्थानीय जनता ने जिलाधिकारी कुशीनगर से अपील की है कि
- पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
- अधूरे निर्माण के बावजूद ठेकेदार को भुगतान करने की सीधी जवाबदेही तय की जाए।
- यदि भ्रष्टाचार प्रमाणित होता है तो ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
नगर पालिका प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
इस पूरे मामले पर नगर पालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधि चुप्पी साधे हुए हैं। शिकायतों के बावजूद किसी अधिकारी ने अब तक स्थल निरीक्षण नहीं किया है। जनता का मानना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक भ्रष्टाचार का उदाहरण बनेगा।
क्या जिलाधिकारी कार्रवाई करेंगे?
अब सवाल यह है कि क्या जिलाधिकारी इस घोटाले की निष्पक्ष जांच कराएंगे? क्या ठेकेदार और नगर पालिका प्रशासन की मिलीभगत उजागर होगी? या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह दबा दिया जाएगा?
स्थानीय जनता को उम्मीद है कि जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई होगी और अधूरी नाली का निर्माण पूरा कराया जाएगा।