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ISI-दाऊद से जुड़े शारिक साठा ने रची थी संभल हिंसा की साजिश! भारत में ऑटोलिफ्टर गैंग का था सरगना, फर्जी पासपोर्ट पर भागा दुबई: पुलिस को शक- पाकिस्तानी बुलेट्स उसी ने भेजीं संभल पुलिस को शक है कि दुबई में रहने वाले शारिक साठा ने ही यहाँ 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा की साजिश रची है। वह मूल रूप से संभल का ही रहने वाला है और अब वह ISI के लिए काम करता है। उसके लिंक दाऊद इब्राहिम के गैंग से भी हैं। यह आशंका जताई गई है कि उसने ही पाकिस्तानी गोलियाँ संभल में भेजीं, जो बाद में पुलिस को मिलीं। संभल में रहने वाले शारिक के गुर्गों पर अब पुलिस तलाश करके कार्रवाई करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संभल के दीपा सराय का रहने वाला शारिक साठा वर्तमान में दुबई में रहता है। वह भारत से 2020 में दुबई भागा था। इसके लिए उसने फर्जी पासपोर्ट का उपयोग किया था। इससे पहले वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद था। भारत में वह एक बड़े गाड़ी चोरी गिरोह का सरगना था। वह भारत में अलग-अलग जगह से गाड़ियाँ चुराता था और उन्हें नेपाल भेजता था। उसके गैंग में सैकड़ों लड़के शामिल थे। दिल्ली में गैंग से 300 गाड़ियाँ चोरी की बरामद हुई थीं। शारिक साठा पर यूपी समेत बाकी प्रदेशों में कई मुकदमे दर्ज हैं। दुबई भागने के बाद वह उसका गैंग गाड़ी चोरी के बजाय जाली नोट का कारोबार करते हैं। शारिक साठा इस काम के लिए पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और दाऊद इब्राहिम के गैंग से जुड़ा हुआ है। उसके चेले भारत में उसका कारोबार संभालते हैं और जरूरत पड़ने पर दुबई उससे मिलने भी जाते हैं। 2021 में उसके दो गुर्गे ₹4 लाख के नकली नोट के साथ पकड़े गए थे। उन्होंने उसका नाम लिया था। यह दोनों भी संभल के रहने वाले थे। संभल पुलिस को अब शक है कि 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा में उसके गुर्गे शामिल थे और उसने ही दुबई से इन्हें हिंसा के लिए मदद भेजी थी। पुलिस को हिंसा के कुछ दिन बाद नाली में पाकिस्तान की सरकारी आयुध फैक्ट्री में बने कारतूस भी बरामद किए थे। अब पुलिस को यह आशंका है कि कारतूस भी किसी गुर्गे के जरिए शारिक ने ही भिजवाए थे। पुलिस अब उसके पुराने मुकदमों और उसके गुर्गों की जानकारी इकट्ठा कर रही है और दबिश दे रही है। इससे पहले शनिवार (28 दिसम्बर, 2024) को पुलिस ने दो दंगाइयों को दिल्ली के बाटला हाउस से पकड़ा था।   Click to listen highlighted text! ISI-दाऊद से जुड़े शारिक साठा ने रची थी संभल हिंसा की साजिश! भारत में ऑटोलिफ्टर गैंग का था सरगना, फर्जी पासपोर्ट पर भागा दुबई: पुलिस को शक- पाकिस्तानी बुलेट्स उसी ने भेजीं संभल पुलिस को शक है कि दुबई में रहने वाले शारिक साठा ने ही यहाँ 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा की साजिश रची है। वह मूल रूप से संभल का ही रहने वाला है और अब वह ISI के लिए काम करता है। उसके लिंक दाऊद इब्राहिम के गैंग से भी हैं। यह आशंका जताई गई है कि उसने ही पाकिस्तानी गोलियाँ संभल में भेजीं, जो बाद में पुलिस को मिलीं। संभल में रहने वाले शारिक के गुर्गों पर अब पुलिस तलाश करके कार्रवाई करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संभल के दीपा सराय का रहने वाला शारिक साठा वर्तमान में दुबई में रहता है। वह भारत से 2020 में दुबई भागा था। इसके लिए उसने फर्जी पासपोर्ट का उपयोग किया था। इससे पहले वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद था। भारत में वह एक बड़े गाड़ी चोरी गिरोह का सरगना था। वह भारत में अलग-अलग जगह से गाड़ियाँ चुराता था और उन्हें नेपाल भेजता था। उसके गैंग में सैकड़ों लड़के शामिल थे। दिल्ली में गैंग से 300 गाड़ियाँ चोरी की बरामद हुई थीं। शारिक साठा पर यूपी समेत बाकी प्रदेशों में कई मुकदमे दर्ज हैं। दुबई भागने के बाद वह उसका गैंग गाड़ी चोरी के बजाय जाली नोट का कारोबार करते हैं। शारिक साठा इस काम के लिए पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और दाऊद इब्राहिम के गैंग से जुड़ा हुआ है। उसके चेले भारत में उसका कारोबार संभालते हैं और जरूरत पड़ने पर दुबई उससे मिलने भी जाते हैं। 2021 में उसके दो गुर्गे ₹4 लाख के नकली नोट के साथ पकड़े गए थे। उन्होंने उसका नाम लिया था। यह दोनों भी संभल के रहने वाले थे। संभल पुलिस को अब शक है कि 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा में उसके गुर्गे शामिल थे और उसने ही दुबई से इन्हें हिंसा के लिए मदद भेजी थी। पुलिस को हिंसा के कुछ दिन बाद नाली में पाकिस्तान की सरकारी आयुध फैक्ट्री में बने कारतूस भी बरामद किए थे। अब पुलिस को यह आशंका है कि कारतूस भी किसी गुर्गे के जरिए शारिक ने ही भिजवाए थे। पुलिस अब उसके पुराने मुकदमों और उसके गुर्गों की जानकारी इकट्ठा कर रही है और दबिश दे रही है। इससे पहले शनिवार (28 दिसम्बर, 2024) को पुलिस ने दो दंगाइयों को दिल्ली के बाटला हाउस से पकड़ा था।

ISI-दाऊद से जुड़े शारिक साठा ने रची थी संभल हिंसा की साजिश! भारत में ऑटोलिफ्टर गैंग का था सरगना, फर्जी पासपोर्ट पर भागा दुबई: पुलिस को शक- पाकिस्तानी बुलेट्स उसी ने भेजीं

संभल पुलिस को शक है कि दुबई में रहने वाले शारिक साठा ने ही यहाँ 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा की साजिश रची है। वह मूल रूप से संभल का ही रहने वाला है और अब वह ISI के लिए काम करता है। उसके लिंक दाऊद इब्राहिम के गैंग से भी हैं। यह आशंका जताई गई है कि उसने ही पाकिस्तानी गोलियाँ संभल में भेजीं, जो बाद में पुलिस को मिलीं। संभल में रहने वाले शारिक के गुर्गों पर अब पुलिस तलाश करके कार्रवाई करने जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संभल के दीपा सराय का रहने वाला शारिक साठा वर्तमान में दुबई में रहता है। वह भारत से 2020 में दुबई भागा था। इसके लिए उसने फर्जी पासपोर्ट का उपयोग किया था। इससे पहले वह दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद था।

भारत में वह एक बड़े गाड़ी चोरी गिरोह का सरगना था। वह भारत में अलग-अलग जगह से गाड़ियाँ चुराता था और उन्हें नेपाल भेजता था। उसके गैंग में सैकड़ों लड़के शामिल थे। दिल्ली में गैंग से 300 गाड़ियाँ चोरी की बरामद हुई थीं।

शारिक साठा पर यूपी समेत बाकी प्रदेशों में कई मुकदमे दर्ज हैं। दुबई भागने के बाद वह उसका गैंग गाड़ी चोरी के बजाय जाली नोट का कारोबार करते हैं। शारिक साठा इस काम के लिए पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और दाऊद इब्राहिम के गैंग से जुड़ा हुआ है।

उसके चेले भारत में उसका कारोबार संभालते हैं और जरूरत पड़ने पर दुबई उससे मिलने भी जाते हैं। 2021 में उसके दो गुर्गे ₹4 लाख के नकली नोट के साथ पकड़े गए थे। उन्होंने उसका नाम लिया था। यह दोनों भी संभल के रहने वाले थे।

संभल पुलिस को अब शक है कि 24 नवंबर, 2024 को हुई हिंसा में उसके गुर्गे शामिल थे और उसने ही दुबई से इन्हें हिंसा के लिए मदद भेजी थी। पुलिस को हिंसा के कुछ दिन बाद नाली में पाकिस्तान की सरकारी आयुध फैक्ट्री में बने कारतूस भी बरामद किए थे।

अब पुलिस को यह आशंका है कि कारतूस भी किसी गुर्गे के जरिए शारिक ने ही भिजवाए थे। पुलिस अब उसके पुराने मुकदमों और उसके गुर्गों की जानकारी इकट्ठा कर रही है और दबिश दे रही है। इससे पहले शनिवार (28 दिसम्बर, 2024) को पुलिस ने दो दंगाइयों को दिल्ली के बाटला हाउस से पकड़ा था।

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