
AIIMS गोरखपुर में दुर्लभ और जटिल कूल्हे की हड्डी की सर्जरी सफल
रवि गुप्ता/लोकायुक्त न्यूज़
गोरखपुर। AIIMS गोरखपुर की ट्रॉमा टीम ने एक अत्यंत जटिल और दुर्लभ कूल्हे की हड्डी (Acetabulum) की सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर चिकित्सा क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
गंभीर चोट के बावजूद जीवन की नई उम्मीद : 40 वर्षीय श्रमिक, जो मोतीराम स्थित एक निर्माण स्थल पर काम कर रहे थे, ऊँचाई से गिरने के कारण गंभीर चोट का शिकार हो गए। गिरने से उनकी कूल्हे की हड्डी चूर-चूर हो गई थी। उन्हें तत्काल AIIMS गोरखपुर लाया गया, जहाँ विशेषज्ञों ने उनकी स्थिति की गंभीरता को समझते हुए सर्जरी का निर्णय लिया।
दुर्लभ प्रकार का फ्रैक्चर : मरीज को Anterior Column with Posterior Hemitransverse (ACPHT) with Posterior Wall Fracture with Spur जैसे जटिल फ्रैक्चर का सामना करना पड़ा था। इस प्रकार की सर्जरी अत्यंत सटीकता और बहुआयामी तकनीकों की मांग करती है।
पहली बार तीन सर्जिकल अप्रोच का उपयोग : AIIMS गोरखपुर में पहली बार एक ही मरीज की सर्जरी में तीन सर्जिकल अप्रोच का उपयोग किया गया:
1. Modified Stoppa (AIP) Approach
2. Lateral Window Approach
3. Kocher-Langenbeck (KL) Approach
यह सर्जरी एपिड्यूरल एनेस्थीसिया में 4 घंटे तक चली।
टीम की सफलता : मुख्य सर्जन डॉ. अरुण पांडेय और उनकी टीम ने इस चुनौतीपूर्ण सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। एनेस्थेटिस्ट, सीनियर रेजिडेंट और नर्सिंग स्टाफ ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
निदेशक का सराहना संदेश
AIIMS गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल