कुशीनगर में पुजारी हत्याकाण्ड: पुलिस पर साक्ष्य मिटाने और अस्पताल में देरी से पहुंचने के आरोप,सवालों के घेरे में पुलिस
घायल को 15 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने में पुलिस को लगे लगभग दो घण्टे
लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। जिले के वरवापट्टी थाना क्षेत्र के एक मंदिर में फलहारी बाबा नामक पुजारी की रहस्यमय हत्या ने इलाके में हलचल मचा दी है। हत्या के बाद स्थानीय पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। घटनास्थल से साक्ष्य मिटाने के आरोप, अस्पताल पहुंचाने में हुई देरी और कई अन्य पहलुओं ने मामले को और जटिल बना दिया है।
घटना पर ग्रामीणों का आरोप: साक्ष्य मिटाने की कोशिश
घटना के दिन सुबह जब ग्रामीण पूजा के लिए फूल तोड़ने पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि पुलिस घटनास्थल पर पहले से मौजूद थी। ग्रामीणों का दावा है कि पुलिस ने खून के धब्बों को पानी से धुलवा दिया था। जब स्थानीय लोग यह देखने की कोशिश कर रहे थे कि वहां क्या हुआ, तो पुलिस ने उन्हें मौके से खदेड़ दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की यह हरकत हत्यारे को बचाने की कोशिश का हिस्सा हो सकती है। इससे पुलिस पर साक्ष्य मिटाने के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
अस्पताल पहुंचाने में दो घंटे की देरी ने बढ़ाए शक
पुलिस का दावा है कि रात करीब ढाई बजे गश्त के दौरान फलहारी बाबा घायल अवस्था में मिले। उन्हें तुरंत सीएचसी दुदही अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हालांकि, सीएचसी के डॉक्टरों का कहना है कि पुलिस शव को सुबह पांच बजे लेकर पहुंची, और उस वक्त तक बाबा की मृत्यु हो चुकी थी। यह बात ग्रामीणों के आरोपों को बल देती है कि पुलिस ने घटना के बाद समय गंवाया। 15 किमी की दूरी तय करने में दो घंटे लगना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है।
तस्करों या पुलिस-माफिया कनेक्शन की संभावना
घटनास्थल बिहार की सीमा से मात्र 100 मीटर की दूरी पर है। यह इलाका तस्करों के लिए कुख्यात है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि तस्करों और पुलिस के बीच किसी मुठभेड़ के दौरान बाबा गलती से पुलिस गाड़ी की चपेट में आ गए हो सकते हैं।
ग्रामीणों ने भी इस संभावना को खारिज नहीं किया। उनका कहना है कि पुलिस ने शायद अपनी संलिप्तता छिपाने के लिए घटना को दूसरी दिशा देने की कोशिश की हो।
क्या दुश्मनी बनी हत्या की वजह?
फलहारी बाबा की पहचान एक शांत और मिलनसार व्यक्ति के रूप में थी। ग्रामीणों के अनुसार, बाबा का किसी से कोई विवाद नहीं था। हालांकि, मंदिर की बड़ी जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद की आशंका जताई जा रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेगा मौत का राज
मौत के कारण को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि बाबा के शरीर पर धारदार हथियार के निशान थे, जबकि पुलिस ने सिर्फ घाव होने की बात कही है। एसपी संतोष मिश्रा ने कहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हत्या के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा।
पुलिस पर उठे सवालों के घेरे में जांच
ग्रामीणों और स्थानीय नेताओं का कहना है कि पुलिस की कार्यवाही सवालों के घेरे में है। घटनास्थल पर साक्ष्य मिटाने से लेकर अस्पताल पहुंचाने में देरी तक, हर पहलू पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
एसपी कुशीनगर का बयान
एसपी संतोष मिश्रा ने कहा, “हम मामले की गहन जांच कर रहे हैं। सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”