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कुशीनगर के सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान प्रसूता व नवजात की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया हत्या का आरोप कुशीनगर के सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान प्रसूता व नवजात की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया हत्या का आरोप blank तहसील परिसर में हुआ जोरदार प्रदर्शन, तीन दिन में कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी शत्रुधन मणि त्रिपाठी/लोकायुक्त न्यूज तमकुहीराज (कुशीनगर)। सीएचसी तमकुहीराज में डिलीवरी के दौरान एक शिक्षिका महिला और नवजात की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतका के परिजनों ने सीएचसी अधीक्षक व महिला चिकित्सक पर लापरवाही और जानबूझकर हत्या का गंभीर आरोप लगाते हुए रविवार को थाना तमकुहीराज में तहरीर दी है। वहीं सोमवार को सैकड़ों की संख्या में लोगों ने तहसील परिसर में प्रदर्शन कर न्याय की मांग की और तीन दिन में कार्रवाई न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। पटेल नगर वार्ड नंबर सात निवासी राकेश सिंह ने अपनी तहरीर में बताया कि उनकी पुत्रवधू सुप्रिया सिंह (पत्नी अमनदीप सिंह) गर्भवती थी और डिलीवरी के लिए उसे 22 मई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तमकुहीराज में भर्ती कराया गया था। अधीक्षक डॉ. अमित राय और महिला चिकित्सक डॉ. सलोनी जायसवाल ने नार्मल डिलीवरी का भरोसा दिलाया था और कहा था कि अस्पताल में ऑपरेशन की भी पूरी व्यवस्था है। परिजनों के मुताबिक सुबह 11 बजे उन्हें बताया गया कि नार्मल डिलीवरी सफल रही है और जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। लेकिन कुछ ही देर में अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई और कहा गया कि मरीज को जिला अस्पताल ले जाना होगा। परिजन जब तक कुछ समझ पाते, महिला चिकित्सक व स्टाफ वहां से चले गए। जिला अस्पताल पडरौना पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि दोनों की मौत लगभग डेढ़ घंटे पहले हो चुकी थी। राकेश सिंह का आरोप है कि सुप्रिया की मौत सीएचसी में ही हो गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें गुमराह किया। जब वे दोबारा सीएचसी पहुंचे तो अधीक्षक व अन्य स्टाफ गायब मिले। थाना प्रभारी सुशील शुक्ला ने बताया कि तहरीर प्राप्त हुई है, पोस्टमार्टम कराया गया है और जांच जारी है। वहीं अधीक्षक डॉ. अमित राय का कहना है कि महिला चिकित्सक और विशेषज्ञों की मौजूदगी में नार्मल डिलीवरी कराई गई थी, लेकिन प्रसव के बाद अचानक स्थिति बिगड़ गई। महिला को जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां रास्ते में या पहुंचते समय उसकी मृत्यु हो गई। मंगलवार को परिजनों और क्षेत्रवासियों ने मृतका को न्याय दिलाने की मांग को लेकर तमकुहीराज तहसील परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेसी नेता अमित सिंह की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर सीएचसी अधीक्षक और महिला चिकित्सक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि तीन दिन में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।     Click to listen highlighted text! कुशीनगर के सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान प्रसूता व नवजात की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया हत्या का आरोप कुशीनगर के सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान प्रसूता व नवजात की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया हत्या का आरोप तहसील परिसर में हुआ जोरदार प्रदर्शन, तीन दिन में कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी शत्रुधन मणि त्रिपाठी/लोकायुक्त न्यूज तमकुहीराज (कुशीनगर)। सीएचसी तमकुहीराज में डिलीवरी के दौरान एक शिक्षिका महिला और नवजात की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतका के परिजनों ने सीएचसी अधीक्षक व महिला चिकित्सक पर लापरवाही और जानबूझकर हत्या का गंभीर आरोप लगाते हुए रविवार को थाना तमकुहीराज में तहरीर दी है। वहीं सोमवार को सैकड़ों की संख्या में लोगों ने तहसील परिसर में प्रदर्शन कर न्याय की मांग की और तीन दिन में कार्रवाई न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। https://lokayuktnews.in/wp-content/uploads/2025/05/VID-20250527-WA0762.mp4 पटेल नगर वार्ड नंबर सात निवासी राकेश सिंह ने अपनी तहरीर में बताया कि उनकी पुत्रवधू सुप्रिया सिंह (पत्नी अमनदीप सिंह) गर्भवती थी और डिलीवरी के लिए उसे 22 मई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तमकुहीराज में भर्ती कराया गया था। अधीक्षक डॉ. अमित राय और महिला चिकित्सक डॉ. सलोनी जायसवाल ने नार्मल डिलीवरी का भरोसा दिलाया था और कहा था कि अस्पताल में ऑपरेशन की भी पूरी व्यवस्था है। https://lokayuktnews.in/wp-content/uploads/2025/05/VID-20250527-WA0760.mp4 परिजनों के मुताबिक सुबह 11 बजे उन्हें बताया गया कि नार्मल डिलीवरी सफल रही है और जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। लेकिन कुछ ही देर में अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई और कहा गया कि मरीज को जिला अस्पताल ले जाना होगा। परिजन जब तक कुछ समझ पाते, महिला चिकित्सक व स्टाफ वहां से चले गए। जिला अस्पताल पडरौना पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि दोनों की मौत लगभग डेढ़ घंटे पहले हो चुकी थी। https://lokayuktnews.in/wp-content/uploads/2025/05/VID-20250527-WA0767.mp4 राकेश सिंह का आरोप है कि सुप्रिया की मौत सीएचसी में ही हो गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें गुमराह किया। जब वे दोबारा सीएचसी पहुंचे तो अधीक्षक व अन्य स्टाफ गायब मिले। https://lokayuktnews.in/wp-content/uploads/2025/05/VID-20250527-WA0765.mp4 थाना प्रभारी सुशील शुक्ला ने बताया कि तहरीर प्राप्त हुई है, पोस्टमार्टम कराया गया है और जांच जारी है। वहीं अधीक्षक डॉ. अमित राय का कहना है कि महिला चिकित्सक और विशेषज्ञों की मौजूदगी में नार्मल डिलीवरी कराई गई थी, लेकिन प्रसव के बाद अचानक स्थिति बिगड़ गई। महिला को जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां रास्ते में या पहुंचते समय उसकी मृत्यु हो गई। मंगलवार को परिजनों और क्षेत्रवासियों ने मृतका को न्याय दिलाने की मांग को लेकर तमकुहीराज तहसील परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेसी नेता अमित सिंह की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर सीएचसी अधीक्षक और महिला चिकित्सक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि तीन दिन में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।  

कुशीनगर के सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान प्रसूता व नवजात की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया हत्या का आरोप

कुशीनगर के सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के दौरान प्रसूता व नवजात की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया हत्या का आरोप

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तहसील परिसर में हुआ जोरदार प्रदर्शन, तीन दिन में कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

शत्रुधन मणि त्रिपाठी/लोकायुक्त न्यूज

तमकुहीराज (कुशीनगर)। सीएचसी तमकुहीराज में डिलीवरी के दौरान एक शिक्षिका महिला और नवजात की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतका के परिजनों ने सीएचसी अधीक्षक व महिला चिकित्सक पर लापरवाही और जानबूझकर हत्या का गंभीर आरोप लगाते हुए रविवार को थाना तमकुहीराज में तहरीर दी है। वहीं सोमवार को सैकड़ों की संख्या में लोगों ने तहसील परिसर में प्रदर्शन कर न्याय की मांग की और तीन दिन में कार्रवाई न होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

पटेल नगर वार्ड नंबर सात निवासी राकेश सिंह ने अपनी तहरीर में बताया कि उनकी पुत्रवधू सुप्रिया सिंह (पत्नी अमनदीप सिंह) गर्भवती थी और डिलीवरी के लिए उसे 22 मई को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तमकुहीराज में भर्ती कराया गया था। अधीक्षक डॉ. अमित राय और महिला चिकित्सक डॉ. सलोनी जायसवाल ने नार्मल डिलीवरी का भरोसा दिलाया था और कहा था कि अस्पताल में ऑपरेशन की भी पूरी व्यवस्था है।

परिजनों के मुताबिक सुबह 11 बजे उन्हें बताया गया कि नार्मल डिलीवरी सफल रही है और जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं। लेकिन कुछ ही देर में अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई और कहा गया कि मरीज को जिला अस्पताल ले जाना होगा। परिजन जब तक कुछ समझ पाते, महिला चिकित्सक व स्टाफ वहां से चले गए। जिला अस्पताल पडरौना पहुंचने पर डॉक्टरों ने बताया कि दोनों की मौत लगभग डेढ़ घंटे पहले हो चुकी थी।

राकेश सिंह का आरोप है कि सुप्रिया की मौत सीएचसी में ही हो गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें गुमराह किया। जब वे दोबारा सीएचसी पहुंचे तो अधीक्षक व अन्य स्टाफ गायब मिले।

थाना प्रभारी सुशील शुक्ला ने बताया कि तहरीर प्राप्त हुई है, पोस्टमार्टम कराया गया है और जांच जारी है।

वहीं अधीक्षक डॉ. अमित राय का कहना है कि महिला चिकित्सक और विशेषज्ञों की मौजूदगी में नार्मल डिलीवरी कराई गई थी, लेकिन प्रसव के बाद अचानक स्थिति बिगड़ गई। महिला को जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां रास्ते में या पहुंचते समय उसकी मृत्यु हो गई।

मंगलवार को परिजनों और क्षेत्रवासियों ने मृतका को न्याय दिलाने की मांग को लेकर तमकुहीराज तहसील परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया।
कांग्रेसी नेता अमित सिंह की अगुवाई में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर सीएचसी अधीक्षक और महिला चिकित्सक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि तीन दिन में दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

 

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