
पड़रौना तहसील में अब खतौनी में स्वतः दर्ज होगी वरासत: एसडीएम
शिवाकांत पाण्डेय/लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। भूमियों की विरासत संबंधी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जिलाधिकारी महेंद्र सिंह ने डिमांड आधारित के बजाय सप्लाई आधारित व्यवस्था लागू की है। अब ग्रामीणों को आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। संबंधित लेखपाल स्वयं गांव का सर्वे कर मृतक काश्तकारों की पहचान करेंगे और अभियान के तहत खतौनी में उत्तराधिकारियों के नाम दर्ज करेंगे। पूर्व प्रणाली में आवेदन न होने या प्रक्रियागत जटिलताओं से प्रकरण वर्षों तक लंबित रहते थे, जिससे लोगों को परेशानी और भ्रष्टाचार की संभावना बनी रहती थी। नई व्यवस्था सेवाभिमुख व पारदर्शी होगी। उपजिलाधिकारी ऋषभ पुंडीर ने बताया कि तहसील सदर पडरौना के सभी ग्रामों में खतौनी का पठन-परीक्षण कर मृतक काश्तकारों के नाम हटाए जा रहे हैं। प्रत्येक लेखपाल को चार दिन में एक ग्राम की खतौनी अद्यतन कर प्रमाण-पत्र देने का निर्देश है।