
मथुरा की DPRO किरण चौधरी 70 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार
मथुरा, मंगलवार: जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) किरण चौधरी को विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उन पर 70,000 रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। विजिलेंस टीम ने एक सुनियोजित रणनीति के तहत यह कार्रवाई की और लखनऊ से आई टीम ने मथुरा की इंद्रप्रस्थ कॉलोनी स्थित उनके घर पर छापा मारा। जांच टीम ने पहले से ही योजना बनाकर महिला अधिकारी को फरियादी बनाकर भेजा, जिसके बाद किरण चौधरी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
शिकायत के बाद बनाई गई छापेमारी की योजना
विजिलेंस विभाग को DPRO किरण चौधरी के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। शिकायतों के आधार पर टीम ने गुप्त रूप से जांच-पड़ताल शुरू की। जब पुष्टि हो गई कि वे रिश्वत ले रही हैं, तो विजिलेंस टीम ने छापेमारी की रणनीति तैयार की। महिला अफसर फरियादी बनकर रिश्वत देने के बहाने उनके घर पहुंची और जैसे ही किरण चौधरी ने 70,000 रुपये स्वीकार किए, टीम ने उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया।
चार गाड़ियों से पहुंची विजिलेंस टीम, 30-45 मिनट तक चली पूछताछ
डीजी विजिलेंस राजीव कृष्णा के मुताबिक, कार्रवाई पूरी गोपनीयता के साथ की गई। विजिलेंस टीम चार गाड़ियों में पहुंची, जिनमें महिला अधिकारियों समेत कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। टीम के पहुंचने के बाद कर्मियों को शांत रहने के लिए कहा गया और किरण चौधरी का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया।
इसके बाद टीम ने उन्हें बंद कमरे में 30-45 मिनट तक पूछताछ की। जांच के दौरान कई दस्तावेजों की भी जांच की गई। रिश्वत की रकम की गिनती भी मौके पर की गई और जब पुख्ता सबूत मिल गए, तो किरण चौधरी को हिरासत में ले लिया गया।
गिरफ्तारी के बाद आगे की कार्रवाई जारी
गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस टीम किरण चौधरी को अपनी कार में बैठाकर ले गई। इस कार्रवाई के बाद मथुरा के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को लेकर हड़कंप मच गया। विजिलेंस विभाग अब मामले की गहराई से जांच कर रहा है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस भ्रष्टाचार में अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस टीम को इस मामले में और भी नए खुलासे होने की उम्मीद है। टीम इस बात की जांच कर रही है कि क्या इससे पहले भी किरण चौधरी ने इसी तरह रिश्वत ली थी और किन-किन लोगों को फायदा पहुंचाया गया था।
भ्रष्टाचार पर सरकार का सख्त रुख
प्रदेश सरकार पहले से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। हाल के महीनों में कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है और विजिलेंस विभाग को भ्रष्टाचार के मामलों पर नजर बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।