
महाराजगंज:सीमा पर हाई अलर्ट के बावजूद खाद तस्करी जोरों पर,किसान हो रहे परेशान
नेपाल में दोगुने दाम पर बिक रही है सब्सिडी वाली खाद, तस्कर मालामाल
धर्मेंद्र कुमार गुप्ता/लोकायुक्त न्यूज
ठूठीबारी (महराजगंज):भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों के हाई अलर्ट के बावजूद क्षेत्र में खाद की तस्करी धड़ल्ले से जारी है। खेती के मौसम की आहट मिलते ही तस्करों ने खाद दुकानदारों से मिलीभगत कर तस्करी को तेज कर दिया है। तस्कर सरकारी सब्सिडी वाली खाद को नेपाल ले जाकर दोगुने दामों में बेच रहे हैं, जिससे करोड़ों रुपए की सरकारी सब्सिडी बर्बाद हो रही है और स्थानीय किसान खाद के लिए परेशान हैं।
तस्करों के लिए बना ‘सेफ जोन’
ठूठीबारी कोतवाली क्षेत्र के लक्ष्मीपुर खुर्द चौकी के पीछे का बंधा, चालीस कड़िया, राजाबारी, टडहवा, मरचहवां, बरगदवां, पडियाताल, पिपरा, अशोकवां और चकरार जैसे इलाकों से बड़ी मात्रा में खाद नेपाल भेजी जा रही है। इन क्षेत्रों को तस्करों ने ‘सेफ जोन’ बना लिया है, जहां से हर रोज रात के अंधेरे में ट्रैक्टर और बाइक के जरिए तस्करी की जा रही है।
किसानों को नहीं मिल रहा खाद
स्थानीय किसानों रामकेवल गुप्ता, धनंजय सिंह, सुखलाल यादव, रामवृक्ष भारती, रामराज साहनी, सूर्यभान यादव, मनोज विश्वकर्मा, ठगई, जीतई प्रसाद चौधरी आदि का कहना है कि जिले में जरूरत से ज्यादा खाद की आपूर्ति के बावजूद असली जरूरतमंद किसानों को खाद नहीं मिल रही। दुकानदारों से सांठगांठ कर तस्कर किसानों का हक छीने जा रहे हैं।
प्रशासन का दावा – सतर्क है पुलिस इस पूरे मामले पर लक्ष्मीपुर चौकी प्रभारी नवनीत नागर ने कहा कि खाद खाद्यान्न तस्करी को रोकने के लिए पुलिस टीम पूरी तरह सतर्क है। कई बार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है, और आगे भी इस पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।
जनहित और सरकार दोनों को नुकसान
विशेषज्ञों का मानना है कि खाद की तस्करी न केवल स्थानीय किसानों को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि सरकार की कृषि नीतियों और करोड़ों की सब्सिडी को भी चोट पहुंचा रही है। यदि समय रहते इस पर प्रभावी नियंत्रण नहीं लगाया गया तो आगामी समय में खाद की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बन सकती है।