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कुशीनगर:महाकुंभ भगदड़ में महिला की मौत, गांव वालों ने चंदा इकठ्ठा कर मंगाया शव

कुशीनगर:महाकुंभ भगदड़ में महिला की मौत, गांव वालों ने चंदा इकठ्ठा कर मंगाया शव 

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मृतका की फाइल फोटो।
  लोकायुक्त न्यूज कुशीनगर। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान हुई भगदड़ में कुशीनगर जिले की एक महिला की मौत हो गई। शव को घर लाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई गई, लेकिन कोई मदद न मिलने पर गांववालों ने चंदा एकत्र कर निजी एंबुलेंस का किराया चुकाया। भगदड़ में घायल हुई महिला की मौत कुशीनगर जिले के रामकोला थाना क्षेत्र के बगहा बुजुर्ग गांव की रहने वाली 40 वर्षीय बसंती देवी 28 जनवरी को प्रयागराज कुंभ स्नान के लिए निकली थीं। उनकी बहन गोरखपुर से ट्रेन से प्रयागराज पहुंचने वाली थीं। मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान कुंभ में अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें बसंती देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। 29 जनवरी की सुबह जब उनकी बहन ने फोन किया तो किसी पुलिसकर्मी ने कॉल रिसीव कर बताया कि बसंती देवी अस्पताल में भर्ती हैं। इलाज के दौरान 30 जनवरी को उनकी मृत्यु हो गई। शव ले जाने को लेकर प्रशासन ने नहीं दी मदद
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मृतका की खबर सुनकर उसके घर पहुंचे ग्रामीण।
बसंती देवी की बहन ने शव को घर ले जाने के लिए प्रशासन से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। इस बीच, जब सूरत में मजदूरी कर रहे उनके पति बीरबल गुप्ता को घटना की जानकारी मिली, तो वे ट्रेन से घर रवाना हुए। चूंकि दंपती के कोई संतान नहीं थी और गांव में भी कोई अन्य पारिवारिक सदस्य मौजूद नहीं था, इसलिए ग्रामीणों ने चंदा एकत्र कर शव को प्रयागराज से कुशीनगर लाने की व्यवस्था की। 30 हजार मांगे, 22 हजार में लाया गया शव बसंती देवी की बहन ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन जल्द से जल्द शव हटाने का दबाव बना रहा था, लेकिन उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। निजी एंबुलेंस ने ₹30,000 की मांग की, लेकिन हाथ-पैर जोड़ने के बाद ₹22,000 में सौदा तय हुआ। इस दौरान गांववालों ने मदद कर चंदे से पैसे इकट्ठा किए, तब जाकर शव 31 जनवरी की रात कुशीनगर लाया गया। गांव पहुंचने पर शव का हुआ अंतिम संस्कार कुशीनगर पहुंचने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शनिवार को पति बीरबल गुप्ता ने अंतिम संस्कार किया। सरकारी अव्यवस्थाओं पर उठे सवाल मृतका की बहन ने सरकार की अव्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा,"महाकुंभ में कोई सुविधा नहीं है। शव ले जाने के लिए कोई सरकारी मदद नहीं मिली। अगर गांव वालों ने चंदा न दिया होता, तो मैं अपनी बहन का शव घर तक नहीं ला पाती। सरकार को ऐसी घटनाओं के लिए तुरंत मदद उपलब्ध करानी चाहिए।"  
  Click to listen highlighted text! कुशीनगर:महाकुंभ भगदड़ में महिला की मौत, गांव वालों ने चंदा इकठ्ठा कर मंगाया शव कुशीनगर:महाकुंभ भगदड़ में महिला की मौत, गांव वालों ने चंदा इकठ्ठा कर मंगाया शव  मृतका की फाइल फोटो।   लोकायुक्त न्यूज कुशीनगर। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान हुई भगदड़ में कुशीनगर जिले की एक महिला की मौत हो गई। शव को घर लाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई गई, लेकिन कोई मदद न मिलने पर गांववालों ने चंदा एकत्र कर निजी एंबुलेंस का किराया चुकाया। भगदड़ में घायल हुई महिला की मौत https://lokayuktnews.in/wp-content/uploads/2025/02/VID-20250201-WA1135.mp4 कुशीनगर जिले के रामकोला थाना क्षेत्र के बगहा बुजुर्ग गांव की रहने वाली 40 वर्षीय बसंती देवी 28 जनवरी को प्रयागराज कुंभ स्नान के लिए निकली थीं। उनकी बहन गोरखपुर से ट्रेन से प्रयागराज पहुंचने वाली थीं। मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान कुंभ में अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें बसंती देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। 29 जनवरी की सुबह जब उनकी बहन ने फोन किया तो किसी पुलिसकर्मी ने कॉल रिसीव कर बताया कि बसंती देवी अस्पताल में भर्ती हैं। इलाज के दौरान 30 जनवरी को उनकी मृत्यु हो गई। शव ले जाने को लेकर प्रशासन ने नहीं दी मदद मृतका की खबर सुनकर उसके घर पहुंचे ग्रामीण। बसंती देवी की बहन ने शव को घर ले जाने के लिए प्रशासन से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। इस बीच, जब सूरत में मजदूरी कर रहे उनके पति बीरबल गुप्ता को घटना की जानकारी मिली, तो वे ट्रेन से घर रवाना हुए। चूंकि दंपती के कोई संतान नहीं थी और गांव में भी कोई अन्य पारिवारिक सदस्य मौजूद नहीं था, इसलिए ग्रामीणों ने चंदा एकत्र कर शव को प्रयागराज से कुशीनगर लाने की व्यवस्था की। 30 हजार मांगे, 22 हजार में लाया गया शव https://lokayuktnews.in/wp-content/uploads/2025/02/VID-20250201-WA1148.mp4 बसंती देवी की बहन ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन जल्द से जल्द शव हटाने का दबाव बना रहा था, लेकिन उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। निजी एंबुलेंस ने ₹30,000 की मांग की, लेकिन हाथ-पैर जोड़ने के बाद ₹22,000 में सौदा तय हुआ। इस दौरान गांववालों ने मदद कर चंदे से पैसे इकट्ठा किए, तब जाकर शव 31 जनवरी की रात कुशीनगर लाया गया। गांव पहुंचने पर शव का हुआ अंतिम संस्कार https://lokayuktnews.in/wp-content/uploads/2025/02/VID-20250201-WA1151.mp4 कुशीनगर पहुंचने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शनिवार को पति बीरबल गुप्ता ने अंतिम संस्कार किया। सरकारी अव्यवस्थाओं पर उठे सवाल https://lokayuktnews.in/wp-content/uploads/2025/02/VID-20250201-WA1152.mp4 मृतका की बहन ने सरकार की अव्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा,महाकुंभ में कोई सुविधा नहीं है। शव ले जाने के लिए कोई सरकारी मदद नहीं मिली। अगर गांव वालों ने चंदा न दिया होता, तो मैं अपनी बहन का शव घर तक नहीं ला पाती। सरकार को ऐसी घटनाओं के लिए तुरंत मदद उपलब्ध करानी चाहिए।  

कुशीनगर:महाकुंभ भगदड़ में महिला की मौत, गांव वालों ने चंदा इकठ्ठा कर मंगाया शव

कुशीनगर:महाकुंभ भगदड़ में महिला की मौत, गांव वालों ने चंदा इकठ्ठा कर मंगाया शव 

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मृतका की फाइल फोटो।

 

लोकायुक्त न्यूज

कुशीनगर। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के दौरान हुई भगदड़ में कुशीनगर जिले की एक महिला की मौत हो गई। शव को घर लाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई गई, लेकिन कोई मदद न मिलने पर गांववालों ने चंदा एकत्र कर निजी एंबुलेंस का किराया चुकाया।

भगदड़ में घायल हुई महिला की मौत

कुशीनगर जिले के रामकोला थाना क्षेत्र के बगहा बुजुर्ग गांव की रहने वाली 40 वर्षीय बसंती देवी 28 जनवरी को प्रयागराज कुंभ स्नान के लिए निकली थीं। उनकी बहन गोरखपुर से ट्रेन से प्रयागराज पहुंचने वाली थीं। मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान कुंभ में अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें बसंती देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। 29 जनवरी की सुबह जब उनकी बहन ने फोन किया तो किसी पुलिसकर्मी ने कॉल रिसीव कर बताया कि बसंती देवी अस्पताल में भर्ती हैं। इलाज के दौरान 30 जनवरी को उनकी मृत्यु हो गई।

शव ले जाने को लेकर प्रशासन ने नहीं दी मदद

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मृतका की खबर सुनकर उसके घर पहुंचे ग्रामीण।

बसंती देवी की बहन ने शव को घर ले जाने के लिए प्रशासन से मदद मांगी, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। इस बीच, जब सूरत में मजदूरी कर रहे उनके पति बीरबल गुप्ता को घटना की जानकारी मिली, तो वे ट्रेन से घर रवाना हुए। चूंकि दंपती के कोई संतान नहीं थी और गांव में भी कोई अन्य पारिवारिक सदस्य मौजूद नहीं था, इसलिए ग्रामीणों ने चंदा एकत्र कर शव को प्रयागराज से कुशीनगर लाने की व्यवस्था की।

30 हजार मांगे, 22 हजार में लाया गया शव

बसंती देवी की बहन ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन जल्द से जल्द शव हटाने का दबाव बना रहा था, लेकिन उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। निजी एंबुलेंस ने ₹30,000 की मांग की, लेकिन हाथ-पैर जोड़ने के बाद ₹22,000 में सौदा तय हुआ। इस दौरान गांववालों ने मदद कर चंदे से पैसे इकट्ठा किए, तब जाकर शव 31 जनवरी की रात कुशीनगर लाया गया।

गांव पहुंचने पर शव का हुआ अंतिम संस्कार

कुशीनगर पहुंचने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शनिवार को पति बीरबल गुप्ता ने अंतिम संस्कार किया।

सरकारी अव्यवस्थाओं पर उठे सवाल

मृतका की बहन ने सरकार की अव्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए कहा,“महाकुंभ में कोई सुविधा नहीं है। शव ले जाने के लिए कोई सरकारी मदद नहीं मिली। अगर गांव वालों ने चंदा न दिया होता, तो मैं अपनी बहन का शव घर तक नहीं ला पाती। सरकार को ऐसी घटनाओं के लिए तुरंत मदद उपलब्ध करानी चाहिए।”

 

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