कुशीनगर:आखिर किसके संरक्षण पर अब तक विभाग ने नहीं की अवैध मन्नत हॉस्पिटल पर कारवाई
लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। अवैध रूप से संचालित मन्नत हॉस्पिटल के कारण जच्चा-बच्चा की मौत के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बेसमेंट में अवैध तरीके से चल रहे इस हॉस्पिटल को अब बंद कर दिया गया है, लेकिन संचालकों ने दूसरी जगह अवैध रूप से हॉस्पिटल का संचालन शुरू कर दिया है। जबकि नियमानुसार उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कर कारवाई होनी चाहिए लेकिन किसके संरक्षण में विभाग कुंभकर्णी नीद में सोया है ये तो उच्च स्तरीय जाँच हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए लेकिन आखिर जांच करे तो कौन करे? ये बड़ा सवाल बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो विभाग से इनकी मोटी डीलिंग की बात भी सामने आ रही है जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या है मामला
बतादे कि बीते दिसम्बर माह में पडरौना कोतवाली क्षेत्र के खिरकिया – बासी मार्ग पर बेसमेंट में अवैध तरीके से संचालित मन्नत हॉस्पिटल द्वारा प्रसव-पीड़ा से जूझ रही सोहरौना गांव के निवासी मुन्ना मंसूरी की पत्नी का आपरेशन किया गया था जहां चिकित्सक की लापरवाही के कारण आपरेशन के बाद दुनिया में आये नवजात शिशु की मौत हो गयी थी। बताया जाता है कि चिकित्सक की लापरवाही के कारण नवजात की हुई मौत को लेकर परिजन आक्रोशित हुए किन्तु संचालक द्वारा किसी तरह से परिजनो को शान्त करा दिया गया। तीन दिन बाद 18 दिसम्बर की भोर में जब मुन्ना संसूरी की पत्नी की हालत बिगड़ने लगी तो अस्पताल संचालक तबरेज ने उसे जिला मुख्यालय रवीन्द्रनगर स्थित मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया, जहां महिला की भी मौत हो गई। हास्पिटल की लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की हुई मौत को लेकर आक्रोशित परिजन जिला अस्पताल से शव लेकर मन्नत हास्पिटल पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। बताया जाता है कि परिजनों का तेवर देख मन्नत हास्पिटल के संचालक तबरेज मामले को मैनेज करने के लिए बिचौलियों को लगाकर अस्पताल पर ताला जड़ स्टाफ के साथ फरार हो गया।
दलालो ने परिजनो को मैनेज कर कराया था शान्त
ऐसी चर्चा है कि मन्नत हास्पिटल पर परिजनो द्वारा घंटो हो-हल्ला किया गया इसके बाद दलालो ने किसी तरह से मामले को मैनेज कर परिजनों को शव के साथ घर भेज दिया। इस दौरान सूचना पाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची लेकिन अवैध हास्पिटल पर कार्रवाई व संचालक पर मुकदमा दर्ज कराने के बजाय भौकाल बनाकर बैरंग वापस चली आयी।
दो जिन्दगी की लाखो मे हुआ सौदा
सूत्र बताते है कि घटना के दो दिन बाद हास्पिटल संचालक तबरेज, विभाग के जिम्मेदार लोगो से मिलकर मामले को लाखो रुपये में मैनेज किया ताकि जच्चा-बच्चा की हुई मौत के मामले में विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नही की जाए। यही वजह है कि घटना के बीस दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी हास्पिटल संचालक तबरेज द्वारा मन्नत हास्पिटल बंद कर फरार होने की विलाप कर हाथ पर हाथ धरे बैठे है। नतीजतन विभाग द्वारा न तो अभी तक मन्नत हास्पिटल सील किया गया और न ही हास्पिटल के संचालक तबरेज व अवैध हास्पिटल के बोर्ड पर अंकित जनरल फिजिशियन बीएएमएस चिकित्सक डाँ. सीके वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है
दुसरे जगह किया जा रहा है हॉस्पिटल संचालित
बेशक! मन्नत हास्पिटल पर चिकित्सक की लापरवाही के कारण जच्चा – बच्चा की मौत के बाद हास्पिटल के संचालक तबरेज हास्पिटल मे ताला जडकर स्टाफ के साथ फरार हो गया। सूत्र बताते है कि विभाग के जिम्मेदारो से मोटी डिलिंग के बाद तबरेज खिरकिया-बांसी मार्ग पर संचालित बिना पंजीकृत हास्पिटल को बंद कर अब बासी में अवैध हास्पिटल संचालित कर रहा है। हालांकि कई मीडिया इसकी पुष्टि नही कर रही है लेकिन सच्चाई जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। चूकि विभाग द्वारा तबरेज और मन्नत हास्पिटल के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नही किया जाना तबरेज को विभाग का संरक्षण प्राप्ति
की ओर इशारा करता है
*काश! स्थानीय लोगो के शिकायत पर हुई होती कार्रवाई*
स्थानीय लोगो का कहना है कि काश पूर्व के शिकायतों पर बेसमेंट में तबरेज द्वारा अवैध तरीके से संचालित मन्नत हास्पिटल के खिलाफ विभाग के जिम्मेदार लोगो ने कार्रवाई की होती तो मुन्ना मंसूरी की पत्नी व उसके नवजात शिशु की
मौत नही हुई होती। लोगो का आरोप है कि विभाग के संरक्षण मे जनपद मे बिना डिग्रीधारी व झोलाछाप डाक्टरों का अवैध हास्पिटल संचालित हो रहा है।