कुशीनगर:पडरौना नगर पालिका का कारनामा! जांच कमेटी बनते ही आनन-फानन में अधूरे कार्य शुरू, घोटाले पर लीपापोती की कोशिश
बैलिस्टर तिवारी/लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। पडरौना नगर पालिका में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच शुरू होते ही नगर पालिका प्रशासन ने अधूरे कार्यों को तेजी से पूरा कराने का खेल शुरू कर दिया है। घोटाले की परतें खुलने से पहले ही अधिकारी अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को आनन-फानन में पूरा करने में जुट गए हैं, ताकि जांच टीम को गड़बड़ियों के ठोस प्रमाण न मिल सकें।
विधायक ने खोली पोल, डीएम ने बनाई जांच कमेटी
पडरौना के सदर विधायक मनीष जायसवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि 110 लाख रुपये के सीवरेज निर्माण और 1172 लाख रुपये की मुख्यमंत्री सृजन योजना की धनराशि में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया है। विधायक ने आरोप लगाया कि नगर पालिका के ईओ (कार्यपालक अधिकारी), जेई (जूनियर इंजीनियर) और ठेकेदार की मिलीभगत से यह गड़बड़ियां की गईं।
विधायक की शिकायत के बाद जिलाधिकारी (DM) ने इस मामले में त्रिस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया, जिसमें एसडीएम पडरौना, अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता को शामिल किया गया है। डीएम ने एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
जांच से पहले ही शुरू हुआ कार्य, घोटाले को छिपाने की साजिश!
जांच टीम के सक्रिय होते ही नगर पालिका प्रशासन ने अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को अचानक तेज कर दिया। जिन सड़कों, नालों और सीवरेज कार्यों को महीनों से अधूरा छोड़ दिया गया था, उन्हें अब तेजी से पूरा किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन जांच में घोटाले की परतें खुलने से पहले ही गड़बड़ियों को छिपाने की कोशिश कर रहा है।
भ्रष्टाचार की लीपापोती को लेकर जनता में आक्रोश
नगर पालिका की इस जल्दबाजी पर नगरवासियों में आक्रोश है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सब कुछ सही था, तो अब तक ये कार्य अधूरे क्यों पड़े थे? आखिर जांच टीम के गठन के बाद ही कार्यों में तेजी क्यों आई? यह साफ इशारा करता है कि नगर पालिका के अधिकारी साक्ष्य मिटाने और गड़बड़ियों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
सांसद विजय दुबे ने भी किया समर्थन, कार्रवाई की चेतावनी
इस मामले में कुशीनगर सांसद विजय दुबे ने भी विधायक मनीष जायसवाल के आरोपों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यदि जांच में भ्रष्टाचार साबित होता है, तो दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस घोटाले को दबाने नहीं दिया जाएगा।
नगरवासियों की मांग हो गहराई से जांच
स्थानीय लोगों ने डीएम से मांग की है कि जांच सिर्फ कागजों तक सीमित न रहे, बल्कि जमीनी स्तर पर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और धनराशि के सही उपयोग की गहराई से जांच की जाए। लोगों का कहना है कि अगर निष्पक्ष जांच हुई, तो घोटाले के बड़े राज सामने आएंगे। अब देखना यह है कि क्या जांच टीम इस लीपापोती को उजागर कर पाएगी, या फिर घोटालेबाजों की साजिश सफल हो जाएगी? यह आने वाला समय बताएगा।