
कुशीनगर : बेटे-बहू की प्रताड़ना से बेघर हुई माँ-न्याय के लिए दर-दर भटक रहीं प्रेमशिला,क्या है पूरा मामला!
लोकायुक्त न्यूज़
उत्तर प्रदेश में जनपद कुशीनगर के खड्डा नगर में प्रेमशिला देवी की मार्मिक कहानी ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है। जिन बच्चों के लिए उन्होंने जीवनभर संघर्ष किया, वही आज उन्हें बेघर करने पर तुले हुए हैं। बेटे अजय और बहू रागिनी की प्रताड़ना और घर से बेदखल करने की घटना ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
पति की मेहनत से बना घर, लेकिन मां हो गई बेघर : करीब 26 साल पहले, प्रेमशिला देवी के पति ने गांव में छोटी सी दुकान चलाकर पैसे जुटाए और खड्डा में जमीन खरीदकर परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत किया। लेकिन 2010 में पति का निधन हो गया, और इसके बाद प्रेमशिला के जीवन में दुखों का सिलसिला शुरू हो गया। देवर ने उन्हें पुश्तैनी घर से निकाल दिया, लेकिन भाइयों की मदद से उन्होंने अपने चार बच्चों की परवरिश की।
बड़े बेटे को आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया सहयोग : प्रेमशिला देवी ने बड़े बेटे अजय के लिए मोबाइल की दुकान खुलवाई, ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके। छोटे बेटे आशुतोष ने 2014 में बैंक से लोन लेकर अपनी दुकान शुरू की। परिवार धीरे-धीरे संभलने लगा था, लेकिन 2021 में बड़े बेटे अजय की शादी के बाद हालात बदलने लगे।
शादी के बाद बदल गया बेटे-बहू का रवैया : अजय की शादी देवरिया की रागिनी से हुई। शादी के बाद अजय और रागिनी ने घर के बंटवारे को लेकर मां पर दबाव बनाना शुरू कर दिया। बहू के साथ मिलकर अजय ने प्रेमशिला देवी और उनके छोटे बेटे आशुतोष को घर से बाहर निकाल दिया। कई कानूनी प्रयासों के बाद उन्हें सिर्फ एक कमरा मिला, लेकिन वहां भी शांति नहीं मिली।
मारपीट और फर्जी रजिस्ट्री के आरोप : प्रेमशिला देवी ने आरोप लगाया कि बेटा-बहू अक्सर उनके साथ मारपीट करते हैं। उन्होंने घर की फर्जी रजिस्ट्री करवा ली है। लेखपाल की जांच रिपोर्ट भी प्रेमशिला देवी के पक्ष में है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
थाने से लगाये मुख्यमंत्री तक लगाई गुहार : प्रेमशिला देवी थाने, तहसील और जिला मुख्यालय में न्याय के लिए चक्कर काट रही हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में भी अपनी फरियाद रखी, लेकिन वहां से भी कोई मदद नहीं मिली।
किराए के मकान में रहकर लड़ रही कानूनी लड़ाई : वर्तमान में प्रेमशिला देवी छोटे बेटे आशुतोष के साथ किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं। दोनों अपने हक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। प्रेमशिला देवी ने कहा, “अपने ही बच्चों से लड़ना बहुत दर्दनाक है, लेकिन मुझे न्याय चाहिए।”
प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल : इस घटना से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इलाके के लोग मांग कर रहे हैं कि प्रेमशिला देवी को न्याय दिलाया जाए और उनके हक का घर वापस किया जाए।