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कुशीनगर:ग्रीन जोन में धड़ल्ले से अवैध निर्माण: प्रशासन और मास्टर प्लान की मिलीभगत उजागर कुशीनगर:ग्रीन जोन में धड़ल्ले से अवैध निर्माण: प्रशासन और मास्टर प्लान की मिलीभगत उजागर मास्टर प्लान के जेई को करें 'मैनेज' और कर लें बेखौफ अवैध निर्माण! blank लोकायुक्त न्यूज ब्यूरो,कुशीनगर। जनपद के पडरौना नगर पालिका क्षेत्र में ग्रीन जोन और विनियमित क्षेत्र में अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है। बिना नक्शा पास कराए बहुमंजिला इमारतें, दुकानें, अस्पताल और रेस्टोरेंट तेजी से खड़े किए जा रहे हैं। चर्चा है कि मास्टर प्लान के जेई को "मैनेज" कर लीजिए और बेखौफ निर्माण कराते रहिए। राज्य सरकार पर्यावरण सुरक्षा और ग्रीन बेल्ट को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से इस मिशन पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते शहर के पर्यावरण को बचाने के लिए चिन्हित की गई ग्रीन बेल्ट की भूमि पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है। प्रशासन की तरफ से कुछ नोटिस दिए गए हैं, लेकिन यह महज दिखावा बनकर रह गया है। दबंगों पर इनका कोई असर नहीं हो रहा। ग्रीन जोन में बेखौफ अवैध निर्माण blank सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन और मास्टर प्लान विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ग्रीन जोन में खुलेआम निर्माण कार्य जारी है। इस खेल में तहसील प्रशासन के जिम्मेदार लोग और विनियमित क्षेत्र (मास्टर प्लान) के जेई मोटी रकम लेकर आंखें मूंद लेते हैं। जब अवैध निर्माण को लेकर हंगामा मचता है तो औपचारिकता के लिए नोटिस जारी कर दिया जाता है, जिससे अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच सकें। पडरौना नगर के सुभाष चौक स्थित गैस वेल्डिंग व्यवसायी विनोद शर्मा इसका जीवंत उदाहरण हैं। वे ग्रीन जोन में बिना नक्शा पास कराए दो मंजिला इमारत का निर्माण करवा रहे हैं। जब उनसे इस अवैध निर्माण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दबंगई दिखाते हुए स्वीकार किया कि वे बिना किसी अनुमति के भवन बना रहे हैं और प्रशासन जो करना चाहे कर ले। उन्होंने कहा, "मास्टर प्लान ने नोटिस दिया है, ऐसे नोटिस आते रहते हैं। विभाग ने अपना काम किया है, हम अपना कार्य कर रहे हैं।" ग्रीन जोन में निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित गौरतलब है कि पडरौना-कसया मार्ग पर स्थित बड़ी गंडक नहर की प्रथम पटरी के बगल में, पुल से बावली चौक तक का क्षेत्र ग्रीन जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में स्थायी निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए मास्टर प्लान विभाग किसी भी नक्शे को पास नहीं करता। बावजूद इसके, प्रशासन की मिलीभगत से यहां खुलेआम अवैध निर्माण जारी है। सरकार की छवि धूमिल कर रहा प्रशासन योगी सरकार पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन बेल्ट को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण यह मिशन विफल होता दिख रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों की  निष्क्रियता के कारण दबंग लोग ग्रीन जोन की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले समय में पडरौना नगर की हरियाली पूरी तरह खत्म हो जाएगी और इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ेगा। प्रशासन और मास्टर प्लान विभाग के अधिकारी इस भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे सरकार की छवि को नुकसान हो रहा है।   Click to listen highlighted text! कुशीनगर:ग्रीन जोन में धड़ल्ले से अवैध निर्माण: प्रशासन और मास्टर प्लान की मिलीभगत उजागर कुशीनगर:ग्रीन जोन में धड़ल्ले से अवैध निर्माण: प्रशासन और मास्टर प्लान की मिलीभगत उजागर मास्टर प्लान के जेई को करें मैनेज और कर लें बेखौफ अवैध निर्माण! लोकायुक्त न्यूज ब्यूरो,कुशीनगर। जनपद के पडरौना नगर पालिका क्षेत्र में ग्रीन जोन और विनियमित क्षेत्र में अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है। बिना नक्शा पास कराए बहुमंजिला इमारतें, दुकानें, अस्पताल और रेस्टोरेंट तेजी से खड़े किए जा रहे हैं। चर्चा है कि मास्टर प्लान के जेई को मैनेज कर लीजिए और बेखौफ निर्माण कराते रहिए। राज्य सरकार पर्यावरण सुरक्षा और ग्रीन बेल्ट को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से इस मिशन पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते शहर के पर्यावरण को बचाने के लिए चिन्हित की गई ग्रीन बेल्ट की भूमि पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है। प्रशासन की तरफ से कुछ नोटिस दिए गए हैं, लेकिन यह महज दिखावा बनकर रह गया है। दबंगों पर इनका कोई असर नहीं हो रहा। ग्रीन जोन में बेखौफ अवैध निर्माण सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन और मास्टर प्लान विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ग्रीन जोन में खुलेआम निर्माण कार्य जारी है। इस खेल में तहसील प्रशासन के जिम्मेदार लोग और विनियमित क्षेत्र (मास्टर प्लान) के जेई मोटी रकम लेकर आंखें मूंद लेते हैं। जब अवैध निर्माण को लेकर हंगामा मचता है तो औपचारिकता के लिए नोटिस जारी कर दिया जाता है, जिससे अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच सकें। पडरौना नगर के सुभाष चौक स्थित गैस वेल्डिंग व्यवसायी विनोद शर्मा इसका जीवंत उदाहरण हैं। वे ग्रीन जोन में बिना नक्शा पास कराए दो मंजिला इमारत का निर्माण करवा रहे हैं। जब उनसे इस अवैध निर्माण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दबंगई दिखाते हुए स्वीकार किया कि वे बिना किसी अनुमति के भवन बना रहे हैं और प्रशासन जो करना चाहे कर ले। उन्होंने कहा, मास्टर प्लान ने नोटिस दिया है, ऐसे नोटिस आते रहते हैं। विभाग ने अपना काम किया है, हम अपना कार्य कर रहे हैं। ग्रीन जोन में निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित गौरतलब है कि पडरौना-कसया मार्ग पर स्थित बड़ी गंडक नहर की प्रथम पटरी के बगल में, पुल से बावली चौक तक का क्षेत्र ग्रीन जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में स्थायी निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए मास्टर प्लान विभाग किसी भी नक्शे को पास नहीं करता। बावजूद इसके, प्रशासन की मिलीभगत से यहां खुलेआम अवैध निर्माण जारी है। सरकार की छवि धूमिल कर रहा प्रशासन योगी सरकार पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन बेल्ट को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण यह मिशन विफल होता दिख रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों की  निष्क्रियता के कारण दबंग लोग ग्रीन जोन की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले समय में पडरौना नगर की हरियाली पूरी तरह खत्म हो जाएगी और इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ेगा। प्रशासन और मास्टर प्लान विभाग के अधिकारी इस भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे सरकार की छवि को नुकसान हो रहा है।

कुशीनगर:ग्रीन जोन में धड़ल्ले से अवैध निर्माण: प्रशासन और मास्टर प्लान की मिलीभगत उजागर

कुशीनगर:ग्रीन जोन में धड़ल्ले से अवैध निर्माण: प्रशासन और मास्टर प्लान की मिलीभगत उजागर

मास्टर प्लान के जेई को करें ‘मैनेज’ और कर लें बेखौफ अवैध निर्माण!

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लोकायुक्त न्यूज

ब्यूरो,कुशीनगर। जनपद के पडरौना नगर पालिका क्षेत्र में ग्रीन जोन और विनियमित क्षेत्र में अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है। बिना नक्शा पास कराए बहुमंजिला इमारतें, दुकानें, अस्पताल और रेस्टोरेंट तेजी से खड़े किए जा रहे हैं। चर्चा है कि मास्टर प्लान के जेई को “मैनेज” कर लीजिए और बेखौफ निर्माण कराते रहिए। राज्य सरकार पर्यावरण सुरक्षा और ग्रीन बेल्ट को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से इस मिशन पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते शहर के पर्यावरण को बचाने के लिए चिन्हित की गई ग्रीन बेल्ट की भूमि पर धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहा है। प्रशासन की तरफ से कुछ नोटिस दिए गए हैं, लेकिन यह महज दिखावा बनकर रह गया है। दबंगों पर इनका कोई असर नहीं हो रहा।

ग्रीन जोन में बेखौफ अवैध निर्माण

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सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन और मास्टर प्लान विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से ग्रीन जोन में खुलेआम निर्माण कार्य जारी है। इस खेल में तहसील प्रशासन के जिम्मेदार लोग और विनियमित क्षेत्र (मास्टर प्लान) के जेई मोटी रकम लेकर आंखें मूंद लेते हैं। जब अवैध निर्माण को लेकर हंगामा मचता है तो औपचारिकता के लिए नोटिस जारी कर दिया जाता है, जिससे अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच सकें। पडरौना नगर के सुभाष चौक स्थित गैस वेल्डिंग व्यवसायी विनोद शर्मा इसका जीवंत उदाहरण हैं। वे ग्रीन जोन में बिना नक्शा पास कराए दो मंजिला इमारत का निर्माण करवा रहे हैं। जब उनसे इस अवैध निर्माण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दबंगई दिखाते हुए स्वीकार किया कि वे बिना किसी अनुमति के भवन बना रहे हैं और प्रशासन जो करना चाहे कर ले। उन्होंने कहा, “मास्टर प्लान ने नोटिस दिया है, ऐसे नोटिस आते रहते हैं। विभाग ने अपना काम किया है, हम अपना कार्य कर रहे हैं।”

ग्रीन जोन में निर्माण पूरी तरह प्रतिबंधित

गौरतलब है कि पडरौना-कसया मार्ग पर स्थित बड़ी गंडक नहर की प्रथम पटरी के बगल में, पुल से बावली चौक तक का क्षेत्र ग्रीन जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में स्थायी निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए मास्टर प्लान विभाग किसी भी नक्शे को पास नहीं करता। बावजूद इसके, प्रशासन की मिलीभगत से यहां खुलेआम अवैध निर्माण जारी है।

सरकार की छवि धूमिल कर रहा प्रशासन

योगी सरकार पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन बेल्ट को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण यह मिशन विफल होता दिख रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों की  निष्क्रियता के कारण दबंग लोग ग्रीन जोन की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो आने वाले समय में पडरौना नगर की हरियाली पूरी तरह खत्म हो जाएगी और इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ेगा। प्रशासन और मास्टर प्लान विभाग के अधिकारी इस भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे सरकार की छवि को नुकसान हो रहा है।

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