कुशीनगर:सरकारी इंटर कॉलेज के शिक्षकों की अवैध कोचिंग का खुलासा
कुशीनगर में सरकारी नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां, छात्रों से मोटी फीस वसूलने का आरोप
लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर: सरकारी शिक्षकों द्वारा निजी कोचिंग चलाने का एक गंभीर मामला सामने आया है। बुद्ध इंटरमीडिएट कॉलेज में कार्यरत दो शिक्षक, प्रेम कुमार मिश्रा (पी.के. मिश्रा) और लक्ष्मी नारायण तिवारी (एल.एन. तिवारी), सरकारी नियमों का उल्लंघन कर निजी कोचिंग चला रहे हैं। इन शिक्षकों का कोचिंग पढ़ाते हुए एक वीडियो वायरल हुआ है, जिससे पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। बुद्ध इंटरमीडिएट कॉलेज में भौतिक विज्ञान के शिक्षक लक्ष्मी नारायण तिवारी और जीव विज्ञान के शिक्षक प्रेम कुमार मिश्रा सरकारी सेवा में रहते हुए निजी कोचिंग सेंटर चला रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इन शिक्षकों की कोचिंग में दो शिफ्टों में सैकड़ों छात्र पढ़ते हैं, जिससे हर महीने लाखों रुपये की अवैध कमाई की जाती है।
स्थान:
- एल.एन. तिवारी: एल.एन.टी. पब्लिक स्कूल के पास कोचिंग पढ़ाते हैं।
- पी.के. मिश्रा: राहुल स्कूल के बगल में कोचिंग चलाते हैं।
छात्रों को कोचिंग के लिए किया जा रहा मजबूर
कॉलेज के छात्रों का आरोप है कि कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों को परीक्षा और प्रैक्टिकल में प्राथमिकता दी जाती है, जबकि कक्षा में ठीक से पढ़ाई नहीं कराई जाती। कई छात्र कोचिंग में न जाने के कारण पिछड़ रहे हैं, जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है।
सरकारी नियमों की अनदेखी
शिक्षा विभाग की सख्त गाइडलाइन के अनुसार:
✅ सरकारी शिक्षक निजी कोचिंग सेंटर नहीं चला सकते।
✅ शिक्षक घर पर भी सशुल्क ट्यूशन नहीं दे सकते।
✅ शिक्षकों को केवल संस्था प्रमुख की लिखित अनुमति से अधिकतम तीन छात्रों को ट्यूशन पढ़ाने की छूट है।
इसके बावजूद, बुद्ध इंटरमीडिएट कॉलेज के ये शिक्षक इन नियमों को खुलेआम तोड़ रहे हैं।
शिक्षकों को मिल रही मोटी सरकारी सैलरी
इन शिक्षकों को सरकार से ₹1.5 लाख से अधिक वेतन मिलता है, लेकिन इसके बावजूद वे अवैध रूप से कोचिंग से कमाई कर रहे हैं। सरकारी नौकरी में रहते हुए अन्य व्यवसाय करना पूर्णतः प्रतिबंधित है, लेकिन इसके बावजूद ये शिक्षक न सिर्फ निजी कोचिंग चला रहे हैं, बल्कि छात्रों से मोटी फीस भी वसूल रहे हैं।
शिक्षा विभाग क्या करेगा?
इस मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग पर कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है। शिक्षा निदेशक ने स्पष्ट किया है कि सरकारी शिक्षकों को कोचिंग पढ़ाने की अनुमति नहीं है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। यदि इन शिक्षकों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं होती, तो यह सरकारी नियमों की साख पर भी सवाल खड़ा करेगा।