
कुशीनगर: एएनएम की लापरवाही ने ली प्रसूता की जान,नवजात की हालत गंभीर
लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। जिले के दुदही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक 20 वर्षीय प्रसूता की मौत और नवजात की गंभीर हालत ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है। प्रसव के दौरान एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) की कथित लापरवाही और रिश्वतखोरी ने शुभावती नामक महिला की जान ले ली। मृतक के परिवार का आरोप है कि प्रसव के दौरान एएनएम ने पैसे की मांग की और ड्यूटी पर लापरवाही बरती, जिससे महिला का अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी मौत हो गई।
कोकिलपट्टी निवासी चंदन की पत्नी शुभावती (20) को रविवार को प्रसव पीड़ा हुई। परिवार ने गांव की आशा कार्यकर्ता उर्मिला देवी को बुलाया। उर्मिला ने तुरंत शुभावती को एम्बुलेंस के जरिए दुदही सीएचसी में भर्ती कराया।
मरीज की भर्ती होते ही ड्यूटी पर मौजूद एएनएम ममता चौहान ने 500 रुपये इंजेक्शन के नाम पर वसूले। आरोप है कि इंजेक्शन लगाने के बाद एएनएम अपने कमरे में चली गई। प्रसव के दौरान जब महिला को अत्यधिक रक्तस्राव हुआ, तो परिजनों और आशा ने एएनएम को बार-बार बुलाने की कोशिश की, लेकिन वह अपने कमरे से नहीं आई। शुभावती का बच्चा तो पैदा हो गया, लेकिन अत्यधिक रक्तस्राव के कारण उसकी स्थिति गंभीर हो गई। परिजनों का आरोप है कि एएनएम ने महिला को बिना रेफर कागजात दिए ही फोन पर कहीं और ले जाने को कह दिया। परिवार महिला को जिला अस्पताल ले गया, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
नवजात की हालत गंभीर
महिला के नवजात की स्थिति भी गंभीर बताई जा रही है। उसे कसया के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।
परिजनों का आरोप: रिश्वतखोरी और लापरवाही ने ली जान
परिजनों ने आरोप लगाया कि एएनएम ने इंजेक्शन और अन्य इलाज के नाम पर पैसे मांगे। इलाज के दौरान लापरवाही बरती गई और समय पर सही कदम नहीं उठाए गए। आशा कार्यकर्ता उर्मिला देवी ने बताया कि एएनएम को कई बार बुलाने के बाद भी वह कमरे से बाहर नहीं आई, जिससे महिला की जान चली गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
इस मामले का एक वीडियो किसी ग्रामीण ने बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जो तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में परिजनों की व्यथा और एएनएम की लापरवाही साफ झलक रही है। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोग स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठा रहे हैं।
ग्रामीणों का आक्रोश और स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी
घटना के बाद गांव में आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में लापरवाही और रिश्वतखोरी आम हो गई है। इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं
सीएमओ ने दिए जांच के आदेश
घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) सुरेश पटारिया ने दुदही सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. संदीप कुमार को जांच के निर्देश दिए हैं। डॉ. कुमार ने गांव पहुंचकर मृतका के परिजनों के बयान दर्ज किए और जांच रिपोर्ट तैयार करने की बात कही है।