
कर्नाटक के बेंगलुरु में ब्राह्मण लड़कों से ‘कॉमन एंट्रेंस एग्जाम’ के दौरान उनके जनेऊ उतरवाने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। भाजपा नेताओं ने राज्य की कॉन्ग्रेस सरकार से सवाल किए हैं कि जब शैक्षणिक संस्थान में बुर्का पहनकर जाने से प्रशासन को समस्या नहीं है, तो फिर जनेऊ से क्या दिक्कत है। इन सवालों के उठाने के बाद खबर है कि शिक्षा मंत्री डॉक्टर एमसी सुधाकर ने इस घटना की निंदा करते हुए मामले की रिपोर्ट माँगी है।
उन्होंने कहा कि एग्जाम के प्रोटोकॉल में कहीं ऐसा नहीं है कि किसी बच्चे की जनेऊ उतरवानी पड़े। ऐसा पहले कभी भी नहीं हुआ है। इस मामले को गंभीरता से लेंगे। इसे स्वीकारेंगे बिलकुल नहीं। रिपोर्ट मिलने के बाद इस पर कार्रवाई होगी। मामले में बीदर और शिवमोग्गा के उप-आयुक्तों से रिपोर्ट माँगी गई है।
गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2025 को कर्नाटक के शिवमोगा के स्फूर्ति कॉलेज में परीक्षा केंद्र पर स्क्रीनिंग कमेटी ने ब्राह्मण लड़के से जनेऊ उतारने को कहा और जब छात्र ने इससे इनकार किया तो उसे वापस भेज दिया गया। लड़के ने बताया कि ऐसा उसके साथ गणित परीक्षा वाले दिन हुआ जबकि इससे पहले वो दो परीक्षाएँ बिना समस्या के दे चुका था।
Students were allegedly asked to remove their sacred thread 'Janeu' before entering a CET exam center in Karnataka's Shivamogga.What is this mindset in Congress-ruled and I.N.D.I.A bloc-ruled states? On one hand, they say hijab should be allowed within the classrooms. On the… pic.twitter.com/f1KnjfciNI— TIMES NOW (@TimesNow) April 19, 2025
इसी प्रकार शिवमोग्गा के आदिचुंचनगिरी इंडिपेंडेंट पीयू कॉलेज परीक्षा केंद्र में तीन लड़कों को जनेऊ हटाने के लिए कहा गया। हालाँकि बाद में एक छात्र को जनेऊ के साथ एग्जाम लिखने की अनुमति दी गई, जबकि दो अन्य को ये अनुमति नहीं मिली।
इस घटना के बाद 17 अप्रैल को राज्य में हिंदू संगठनों द्वारा जमकर प्रदर्शन किए गए। कॉन्ग्रेस शासित सरकार और उनके प्रशासन पर सवाल उठाए गए। साथ ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस मामले पर माफी की माँग की गई।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से माफी माँगने की माँग करते हुए कहा, “कॉन्ग्रेस सरकार, जिसे बुर्का पहने छात्राओं से कोई समस्या नहीं थी, उसे हिंदू धर्म के पवित्र प्रतीक में खतरा नजर आ रहा है।” वहीं विपक्ष के नेता आर अशोक ने भी कहा कि जनेऊ का अपमान मराठा और वैश्य लोगों का भी अपमान है क्योंकि वो भी जनेऊ पहनते हैं।