कुशीनगर में इंसानियत हुई शर्मसार: तीन महिलाओं को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने का आरोप
लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। कुशीनगर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। 2 जनवरी को नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र में तीन महिलाओं—एक 60 वर्षीय मां और उसकी दो चाचियों (40-40 वर्ष)—को निर्वस्त्र कर पूरे गांव में घुमाया गया। आरोप है कि इन महिलाओं के बेटे और भतीजे पर एक शादीशुदा महिला को भगाने का आरोप लगाकर ऐसा घिनौना कृत्य किया गया।
क्या है पूरा मामला
गोरखपुर के गुलरिहा थाना क्षेत्र में एक दलित परिवार की लड़की की शादी हुई थी। 31 दिसंबर को वह महिला अपने ससुराल से गायब हो गई। इसके बाद ससुराल वालों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। छानबीन के दौरान पुलिस कुशीनगर में महिला के मायके पहुंची। मायके वालों ने आरोप लगाया कि गांव में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के एक युवक ने महिला को भगाया है। महिला के घर वाले युवक के घर पहुंचे और घर में मौजूद महिलाओं को बाहर आने को कहा। जब कोई पुरुष घर पर नहीं मिला और महिलाओं ने बाहर आने से मना कर दिया, तो आरोप है कि महिला के परिजनों ने जबरन घर में घुसकर युवक की मां और दो चाचियों को बाहर घसीटा।
पिटाई और अमानवीयता का आरोप
पीड़ित महिलाओं का कहना है कि उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा गया और उनके कपड़े फाड़ दिए गए। आरोपियों ने तीनों महिलाओं को नग्न कर गांव में घुमाया। इतना ही नहीं, महिलाओं के घर के बाहर पड़े कपड़ों में भी आग लगा दी गई।
गांव में तनाव, भारी पुलिस बल तैनात
चुकीं घटना दो समुदायों से जुड़े होने के कारण घटना के बाद से दोनों समुदायों के बीच तनाव है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था की विफलता को उजागर करती है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने पर भी सवाल खड़े करती है। पीड़ित परिवार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
निर्वस्त्र कर घुमाने के आरोप को मनगढ़ंत बता रही पुलिस
घटना के दौरान गोरखपुर के गुलरिहा थाने के कुछ सिपाहियों के भी मौजूद होने का आरोप है। पीड़ितों का दावा है कि सिपाहियों ने भी महिलाओं को पीटा। हालांकि, थाना प्रभारी हर्षवर्धन सिंह ने कहा है कि महिलाओं को नग्न कर घुमाने के आरोपों का अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है।