
कुशीनगर में गणतंत्र दिवस का भव्य उत्सव: गांव से लेकर शहर तक दिखा देशभक्ति का जज्बा
लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। जिले में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक राष्ट्रीय पर्व का उत्साह हर तरफ देखने को मिला। स्कूलों, मदरसों और सार्वजनिक स्थलों पर तिरंगा फहराया गया, और देशभक्ति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने इस दिन को और खास बना दिया।
शहर से गांवों तक छाई उत्सव की रंगत
ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों, शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने मिलकर गणतंत्र दिवस को अद्वितीय तरीके से मनाया। मदरसा एम अल कलम एकेडमी, बंगाली पट्टी टिकुलिया में आयोजित कार्यक्रम ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। यहां बच्चों ने देशभक्ति गीत, नृत्य और नाटक के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और संविधान की महत्ता को खूबसूरती से प्रस्तुत किया।
स्वामी विवेकानंद जूनियर हाई स्कूल, जंगल पचरुखिया, सिसवा बाजार में भी गणतंत्र दिवस का उत्सव बड़े जोश और उल्लास के साथ मनाया गया। ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के बाद बच्चों ने शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। गीत, कविताएं और नाटक के माध्यम से उन्होंने गणतंत्र दिवस के महत्व और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद किया।
इसी तरह, जगरानी देवी जूनियर हाई स्कूल, जंगल पचरुखिया में भी कार्यक्रमों की रौनक देखने लायक थी। यहां के बच्चों ने देशभक्ति के गानों और नृत्य के जरिए लोगों का मन मोह लिया।
शांति देवी चिल्ड्रेन एकेडमी, जंगल पचरुखिया में भी बच्चों की प्रस्तुतियां सभी के आकर्षण का केंद्र रहीं। छोटे-छोटे बच्चों ने देशभक्ति गीतों पर नृत्य और नाटकों के जरिए एकजुटता और भाईचारे का संदेश दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम बने मुख्य आकर्षण
गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर बच्चों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। तिरंगे के सम्मान में प्रस्तुत किए गए गानों और नृत्य ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। बच्चों ने “हम सब एक हैं” और “मेरा भारत महान” जैसे विषयों पर आधारित नाटकों के जरिए सामाजिक संदेश भी दिया।
मुख्य अतिथि ने बढ़ाया बच्चों का उत्साह
इस अवसर पर सदर ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि इंजीनियर मनोज सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और बच्चों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की सराहना की। अपने संबोधन में उन्होंने गणतंत्र दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बच्चों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “गणतंत्र दिवस हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक है। हमें अपने अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।” उन्होंने बच्चों को पढ़ाई और खेलकूद में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
देशभक्ति से सराबोर हुआ माहौल
प्रत्येक स्कूल और मदरसे में ध्वजारोहण के साथ राष्ट्रगान गाया गया। कार्यक्रम में शिक्षकों ने बच्चों को संविधान के महत्व और राष्ट्रीय कर्तव्यों के बारे में बताया। साथ ही, स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों को याद करते हुए बच्चों को देशभक्ति और एकता के लिए प्रेरित किया।
स्थानीय सहभागिता और जोश
इस आयोजन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और अभिभावकों ने भी भाग लिया। बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम के अंत में तिरंगे के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
संविधान और राष्ट्रीय एकता का संदेश
गणतंत्र दिवस का यह पर्व न केवल एक उत्सव था, बल्कि यह एक ऐसा अवसर था जिसने बच्चों और युवाओं को अपने देश के संविधान, अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया। शिक्षकों और प्रमुख वक्ताओं ने इस दिन के महत्व को समझाते हुए राष्ट्रीय एकता और अखंडता के संदेश को मजबूत किया।