Welcome to Lokayukt News   Click to listen highlighted text! Welcome to Lokayukt News
Latest Story
blankधरमौली के युवक की गुड़गांव में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंकाblankकुशीनगर जिला कांग्रेस कमेटी का गठन, मो. जहिरूद्दीन उपाध्यक्ष, आर्यन बाबू महामंत्री व निशा कुमारी बनीं सचिवblankकुशीनगर में “सोनम-2” का पर्दाफाश,फर्जी शादी, बदला धर्म और फिर 18 एकड़ ज़मीन के लालच में प्रेमी संग मिलकर सुहागरात के दिन की हत्याblankकुशीनगर में विद्युत करंट की चपेट में आने से प्राइवेट लाइनमैन की मौतblankबाइक की टक्कर में एक युवक गंभीर रूप से घायल, जिला अस्पताल रेफरblankनहर में मिला अज्ञात व्यक्ति का शव,क्षेत्र में फैली सनसनीblankजंगल सिसवा रेगुलेटर में मिला अज्ञात युवक का शव, क्षेत्र में फैली सनसनीblankशुकदेव प्रसाद त्रिपाठी महाविद्यालय में इस वर्ष भी बी.एड. की 200 सीटों पर होगी काउंसिलिंगblankपत्रकारों की एकजुटता ही संगठन की ताकत:सुभाष चंद्र श्रीवास्तवblankएंबुलेंस और ट्रैक्टर-ट्रॉली की भिड़ंत,पांच घायल
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की अवस्था में निधन,क्या है जीवन परिचय और भारत में उनका महत्वपूर्ण योगदान ? लोकायुक्त संवाद नई दिल्ली। डॉ.मनमोहन सिंह भारत के एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री,राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री थे । उनका जीवन अनेक उपलब्धियों और योगदानों से भरा हुआ है। नीचे उनके जीवन के प्रमुख बिंदु दिए गए हैं: जन्म और प्रारंभिक जीवन जन्म: 26 सितंबर 1932, गाँव गाह,पंजाब (अब पाकिस्तान में)। परिवार: उनका परिवार सिख था और भारत विभाजन के समय भारत में आकर बस गए । शिक्षा:पंजाब विश्वविद्यालय,चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातक। कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी.फिल.की उपाधि। करियर की शुरुआत डॉ. सिंह ने अपने करियर की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक अर्थशास्त्री के रूप में की। 1971 में, भारत सरकार में आर्थिक मामलों के सलाहकार बने। 1982-85 तक, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रहे। 1991 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया। प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल कार्यकाल: 22 मई 2004 से 26 मई 2014 (दो कार्यकाल)। उपलब्धियाँ: भारत में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया। ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) लागू की। परमाणु समझौता (Indo-US Nuclear Deal) पर हस्ताक्षर। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के प्रयास। चुनौतियाँ: भ्रष्टाचार के आरोप (2G घोटाला, कोयला घोटाला आदि)। महंगाई और बेरोजगारी। सम्मान और योगदान अर्थशास्त्र में उनकी विशेषज्ञता और नीतियों के लिए उन्हें वैश्विक स्तर पर सराहा गया। उन्हें 1987 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। भारत के आर्थिक उदारीकरण (1991) में उनकी भूमिका ऐतिहासिक मानी जाती है। डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सादगी,विद्वत्ता और नीतिगत दृष्टिकोण के लिए हमेशा याद किया जाएगा। निधन : डॉ.मनमोहन सिंह का आज 26 दिसम्बर 2024 को निधन हो गया। उनकी उम्र 92 वर्ष रही है और वे राजनीति से दूर शांतिपूर्ण जीवन बिता रहे थे।   Click to listen highlighted text! भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की अवस्था में निधन,क्या है जीवन परिचय और भारत में उनका महत्वपूर्ण योगदान ? लोकायुक्त संवाद नई दिल्ली। डॉ.मनमोहन सिंह भारत के एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री,राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री थे । उनका जीवन अनेक उपलब्धियों और योगदानों से भरा हुआ है। नीचे उनके जीवन के प्रमुख बिंदु दिए गए हैं: जन्म और प्रारंभिक जीवन जन्म: 26 सितंबर 1932, गाँव गाह,पंजाब (अब पाकिस्तान में)। परिवार: उनका परिवार सिख था और भारत विभाजन के समय भारत में आकर बस गए । शिक्षा:पंजाब विश्वविद्यालय,चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातक। कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी.फिल.की उपाधि। करियर की शुरुआत डॉ. सिंह ने अपने करियर की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक अर्थशास्त्री के रूप में की। 1971 में, भारत सरकार में आर्थिक मामलों के सलाहकार बने। 1982-85 तक, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रहे। 1991 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया। प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल कार्यकाल: 22 मई 2004 से 26 मई 2014 (दो कार्यकाल)। उपलब्धियाँ: भारत में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया। ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) लागू की। परमाणु समझौता (Indo-US Nuclear Deal) पर हस्ताक्षर। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के प्रयास। चुनौतियाँ: भ्रष्टाचार के आरोप (2G घोटाला, कोयला घोटाला आदि)। महंगाई और बेरोजगारी। सम्मान और योगदान अर्थशास्त्र में उनकी विशेषज्ञता और नीतियों के लिए उन्हें वैश्विक स्तर पर सराहा गया। उन्हें 1987 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। भारत के आर्थिक उदारीकरण (1991) में उनकी भूमिका ऐतिहासिक मानी जाती है। डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सादगी,विद्वत्ता और नीतिगत दृष्टिकोण के लिए हमेशा याद किया जाएगा। निधन : डॉ.मनमोहन सिंह का आज 26 दिसम्बर 2024 को निधन हो गया। उनकी उम्र 92 वर्ष रही है और वे राजनीति से दूर शांतिपूर्ण जीवन बिता रहे थे।

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की अवस्था में निधन,क्या है जीवन परिचय और भारत में उनका महत्वपूर्ण योगदान ?

लोकायुक्त संवाद
नई दिल्ली। डॉ.मनमोहन सिंह भारत के एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री,राजनेता और पूर्व प्रधानमंत्री थे । उनका जीवन अनेक उपलब्धियों और योगदानों से भरा हुआ है। नीचे उनके जीवन के प्रमुख बिंदु दिए गए हैं:

जन्म और प्रारंभिक जीवन

जन्म: 26 सितंबर 1932, गाँव गाह,पंजाब (अब पाकिस्तान में)।

परिवार: उनका परिवार सिख था और भारत विभाजन के समय भारत में आकर बस गए ।

शिक्षा:पंजाब विश्वविद्यालय,चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातक।

कैंब्रिज विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी.फिल.की उपाधि।

करियर की शुरुआत

डॉ. सिंह ने अपने करियर की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक अर्थशास्त्री के रूप में की।

1971 में, भारत सरकार में आर्थिक मामलों के सलाहकार बने।

1982-85 तक, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रहे।

1991 में प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने उन्हें भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया।

प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल

कार्यकाल: 22 मई 2004 से 26 मई 2014 (दो कार्यकाल)।

उपलब्धियाँ:

भारत में आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया।

ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA) लागू की।

परमाणु समझौता (Indo-US Nuclear Deal) पर हस्ताक्षर।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार के प्रयास।

चुनौतियाँ:

भ्रष्टाचार के आरोप (2G घोटाला, कोयला घोटाला आदि)।

महंगाई और बेरोजगारी।

सम्मान और योगदान

अर्थशास्त्र में उनकी विशेषज्ञता और नीतियों के लिए उन्हें वैश्विक स्तर पर सराहा गया।

उन्हें 1987 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

भारत के आर्थिक उदारीकरण (1991) में उनकी भूमिका ऐतिहासिक मानी जाती है।

डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सादगी,विद्वत्ता और नीतिगत दृष्टिकोण के लिए हमेशा याद किया जाएगा।

निधन : डॉ.मनमोहन सिंह का आज 26 दिसम्बर 2024 को निधन हो गया। उनकी उम्र 92 वर्ष रही है और वे राजनीति से दूर शांतिपूर्ण जीवन बिता रहे थे।

Related Posts

कुशीनगर जिला कांग्रेस कमेटी का गठन, मो. जहिरूद्दीन उपाध्यक्ष, आर्यन बाबू महामंत्री व निशा कुमारी बनीं सचिव

कुशीनगर जिला कांग्रेस कमेटी का गठन, मो. जहिरूद्दीन उपाध्यक्ष, आर्यन बाबू महामंत्री व निशा कुमारी बनीं सचिव लोकायुक्त न्यूज कुशीनगर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कुशीनगर जिला कांग्रेस कमेटी का…

कुशीनगर में “सोनम-2” का पर्दाफाश,फर्जी शादी, बदला धर्म और फिर 18 एकड़ ज़मीन के लालच में प्रेमी संग मिलकर सुहागरात के दिन की हत्या

कुशीनगर में “सोनम-2” का पर्दाफाश,फर्जी शादी, बदला धर्म और फिर 18 एकड़ ज़मीन के लालच में प्रेमी संग मिलकर सुहागरात के दिन की हत्या अनिरुद्धाचार्य महाराज की प्रार्थना शिविर में…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Click to listen highlighted text!