
झारखंड के खेल एवं युवा मामले व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने शरीयत को संविधान के ऊपर बताया है। बड़ी बात ये है कि उन्होंने ये बयान बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर सोमवार (14 अप्रैल, 2025) को दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शरीयत उनके लिए सबसे बड़ा है। मुस्लिमों की बात करते हुए हफीजुल हसन अंसारी ने कहा कि हम सीने में क़ुरान और हाथ में संविधान रखते हैं। ‘News11 डिजिटल’ से बात करते हुए उन्होंने ये बयान दिया।
उन्होंने कहा कि पहले हम शरीयत को पकड़ेंगे, इसके बाद संविधान को – इस्लाम में वही है। झारखंड की जिस गठबंधन सरकार में वो मंत्री हैं, उसका हिस्सा कॉन्ग्रेस भी है। एक तरफ राहुल गाँधी अपने हर कार्यक्रम में संविधान का रट्टा लगते रहते हैं, वहीं दूसरी हफीजुल हसन अंसारी के बयान को लेकर उनकी पार्टी ने चुप्पी साधी हुई है। 2024 का पूरा लोकसभा चुनाव संविधान बचाने के नाम पर लड़ा गया। आज I.N.D.I. गठबंधन का मंत्री खुलेआम शरीयत की वकालत कर रहा।
झारखंड सरकार के मंत्री श्री हफीजुल हसन अंसारी जी का कहना है कि वो पहले शरीयत को मानेंगे और उसके बाद संविधान को…#WaqfAmendmentBill #WaqfBill @yourBabulal @tuhins @Shehzad_Ind @BikerGirlkancha @amitmalviya pic.twitter.com/c6fL6l6rxy— Ajay Sah (@ajaysahspeaks) April 13, 2025
झारखंड की प्रदेश भाजपा ने मंत्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जिनके सीने में शरीया है, उनके लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश के रास्ते खुले हैं। हिंदुस्तान सिर्फ बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के संविधान से चलेगा और सबसे ऊपर रहेगा।” वहीं गोड्डा से भाजपा संसद निशिकांत दुबे ने कहा, “कॉन्ग्रेस तथा उनके सहयोगियों के लिए बाबासाहेब आंबेडकर जी के संविधान का कोई मूल्य नहीं है। यह हैं झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल अंसारी, इनके अनुसार पहले शरिया क़ानून यानी मुस्लिम संविधान, फिर कोई संविधान। मीडिया कुछ नहीं बोलेगा क्योंकि यह इंडी गठबंधन कह रहा है।”
हफीजुल हसन अंसारी 2021 से ही गोड्डा के मधुपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उससे पहले 4 बार उनके अब्बा हाजी हुसैन अंसारी यहाँ से MLA रह चुके हैं। वो झारखंड में मंत्री बनने वाले पहले व एकमात्र मुस्लिम थे। उनके बाद उनके बेटे को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय सौंपा गया। हाजी हुसैन अंसारी कोरोना पीड़ित होने के बाद चल बसे थे। उनकी ओपन हार्ट सर्जरी भी हुई थी। झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा जनजातीय समाज की जमीनें हड़पने व उनकी लड़कियों को फँसाने के मामले सामने आते रहे हैं।
हाल ही में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए वक्फ संशोधन क़ानून को लेकर भी हफीजुल हसन अंसारी ने विरोध जताया। उन्होंने वक्फ को 1400 वर्ष पुराना कॉन्सेप्ट बताते हुए केंद्र सरकार पर मुस्लिमों को जेल में भेजने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट भाजपा का एक राजनीतिक स्टंट है, कल को ईसाई व जनजातीय समाज को निशाना बनाते हुए भी क़ानून बनाए जाएँगे। उन्होंने देश-दुनिया में अराजकता की धमकी देते हुए कहा कि मुस्लिम सब्र में है, कब्र में नहीं।