
नववर्ष पर कुशीनगर में उमड़ा सैलानियों का सैलाब
साजिद अंसारी/लोकायुक्त न्यूज
ब्यूरो,कुशीनगर। नववर्ष का स्वागत बुद्ध नगरी कुशीनगर ने पूरे उत्साह और उमंग के साथ किया। मंगलवार आधी रात से शुरू हुए जश्न ने बुधवार को भी अपनी रफ्तार बनाए रखी। आतिशबाजी, संगीत, और खुशियों के माहौल के बीच लोग बड़ी संख्या में बौद्ध स्थलों और मंदिरों पर पहुंचे। रामाभार स्तूप, महापरिनिर्वाण मंदिर, और विश्व दर्शन मंदिर जैसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों पर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली…
धार्मिक आस्था और पर्यटन का संगम
कुशीनगर के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों ने नववर्ष के अवसर पर श्रद्धालुओं का स्वागत किया। महात्मा बुद्ध की लेटी हुई प्रतिमा सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनी रही। रामकोला का विश्व दर्शन मंदिर पिकनिक स्पॉट में तब्दील हो गया, जहां परिवारों और दोस्तों ने मिलकर दिन बिताया। मदनपुर देवी मंदिर में भक्तों ने पूजा-अर्चना कर नववर्ष की शुरुआत की।
युवाओं और परिवारों का उत्साह
सुबह से ही माथा कुंवर मंदिर और रामाभार स्तूप जैसे स्थलों पर युवाओं और नवविवाहित जोड़ों का जमावड़ा शुरू हो गया। विश्व दर्शन मंदिर में सैकड़ों लोगों ने सेल्फी लेकर इन खास पलों को कैमरे में कैद किया। गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, और बिहार के गोपालगंज और बेतिया से आए सैलानियों ने इस अवसर को यादगार बनाया।
खान-पान और मनोरंजन की व्यवस्था
मेले में खान-पान के स्टॉल्स, फास्ट फूड, आइसक्रीम, और खिलौनों की दुकानों ने बच्चों और बड़ों को लुभाया। माथा कुंवर मंदिर के बाहर सजाए गए फूड स्टॉल्स लोगों की पसंद बने। बच्चों के लिए खिलौनों और झूलों की व्यवस्था ने मेले को और खास बना दिया।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
प्रशासन ने मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए हरसंभव प्रयास किए। मुख्य प्रवेश द्वार पर शराबियों की जांच के लिए विशेष व्यवस्था की गई। डॉग स्क्वॉड की टीम संदिग्ध वस्तुओं की जांच करती नजर आई। धर्मशाला में कंट्रोल रूम और खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए, जहां से मेले की हर गतिविधि पर नजर रखी गई।
प्रशासन की सक्रियता
एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, और नायब तहसीलदार सहित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मेले की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। महापरिनिर्वाण मंदिर, रामाभार स्तूप, और माथा कुंवर मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कतारबद्ध प्रवेश व्यवस्था की गई।
सर्द मौसम भी उत्साह को नहीं रोक सका
हालांकि दिनभर सूर्यदेव के दर्शन मुश्किल रहे और मौसम सर्द बना रहा, लेकिन लोगों के उत्साह पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। पिकनिक स्थलों और मंदिर परिसरों में दिनभर लोगों की आवाजाही बनी रही।
नववर्ष की यादगार झलकियां
बुद्ध नगरी कुशीनगर में नववर्ष के इस उत्सव ने धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक समन्वय का अद्भुत उदाहरण पेश किया। यह मेला न केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए भी एक यादगार अनुभव साबित हुआ।