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एम्स गोरखपुर में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) मानसिक रोग विभाग ने शुरू की सेवा एम्स गोरखपुर में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) मानसिक रोग विभाग ने शुरू की सेवा रवि गुप्ता/लोकायुक्त न्यूज़ गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के मानसिक रोग विभाग में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) की सुविधा शुरू हो गई। इस सेवा का उद्घाटन एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ.विभा दत्ता की उपस्थिति में ओटी कॉम्प्लेक्स में किया गया। ईसीटी एक वैज्ञानिक और प्रमाणित उपचार पद्धति है, जो पिछले 60-70 वर्षों से मानसिक रोगों के इलाज में प्रयोग की जा रही है। इस प्रक्रिया में हल्की विद्युत ऊर्जा का उपयोग किया जाता है, जिससे कई प्रकार के मानसिक विकारों का प्रभावी इलाज संभव है। यह थेरेपी गंभीर अवसाद (Severe Depression), आत्महत्या के विचार (Acute Suicidal Thoughts), सिज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia), गंभीर मनोविकृति (Severe Psychosis) और उन मानसिक रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होती है, जिनका सामान्य दवाओं से उपचार संभव नहीं हो पाता। ईसीटी एक सुरक्षित, प्रभावी और दर्दरहित प्रक्रिया है, जिसे बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के आसानी से दिया जा सकता है। यह गैर-सर्जिकल प्रक्रिया है और मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया एवं मांसपेशी शिथिलक (Muscle Relaxants) के प्रयोग के साथ दी जाती है। पूरी प्रक्रिया मात्र 20-30 मिनट में पूर्ण हो जाती है, और उपचार के बाद मरीज को कोई असुविधा या याददाश्त की समस्या नहीं होती। वह तुरंत सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकता है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर *एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विक्रम वर्धन, प्रो. संतोष शर्मा, मनोरोग विभाग के फैकल्टी प्रभारी डॉ. मनोज पृथ्वीराज,* दोनों विभागों के अन्य संकाय सदस्य, रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी उपस्थित रहे। एम्स गोरखपुर में ईसीटी सुविधा की शुरुआत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाएगी तथा गंभीर मानसिक विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए एक प्रभावी उपचार विकल्प प्रदान करेगी।   Click to listen highlighted text! एम्स गोरखपुर में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) मानसिक रोग विभाग ने शुरू की सेवा एम्स गोरखपुर में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) मानसिक रोग विभाग ने शुरू की सेवा रवि गुप्ता/लोकायुक्त न्यूज़ गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के मानसिक रोग विभाग में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) की सुविधा शुरू हो गई। इस सेवा का उद्घाटन एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ.विभा दत्ता की उपस्थिति में ओटी कॉम्प्लेक्स में किया गया। ईसीटी एक वैज्ञानिक और प्रमाणित उपचार पद्धति है, जो पिछले 60-70 वर्षों से मानसिक रोगों के इलाज में प्रयोग की जा रही है। इस प्रक्रिया में हल्की विद्युत ऊर्जा का उपयोग किया जाता है, जिससे कई प्रकार के मानसिक विकारों का प्रभावी इलाज संभव है। यह थेरेपी गंभीर अवसाद (Severe Depression), आत्महत्या के विचार (Acute Suicidal Thoughts), सिज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia), गंभीर मनोविकृति (Severe Psychosis) और उन मानसिक रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होती है, जिनका सामान्य दवाओं से उपचार संभव नहीं हो पाता। ईसीटी एक सुरक्षित, प्रभावी और दर्दरहित प्रक्रिया है, जिसे बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के आसानी से दिया जा सकता है। यह गैर-सर्जिकल प्रक्रिया है और मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया एवं मांसपेशी शिथिलक (Muscle Relaxants) के प्रयोग के साथ दी जाती है। पूरी प्रक्रिया मात्र 20-30 मिनट में पूर्ण हो जाती है, और उपचार के बाद मरीज को कोई असुविधा या याददाश्त की समस्या नहीं होती। वह तुरंत सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकता है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर *एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विक्रम वर्धन, प्रो. संतोष शर्मा, मनोरोग विभाग के फैकल्टी प्रभारी डॉ. मनोज पृथ्वीराज,* दोनों विभागों के अन्य संकाय सदस्य, रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी उपस्थित रहे। एम्स गोरखपुर में ईसीटी सुविधा की शुरुआत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाएगी तथा गंभीर मानसिक विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए एक प्रभावी उपचार विकल्प प्रदान करेगी।

एम्स गोरखपुर में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) मानसिक रोग विभाग ने शुरू की सेवा

एम्स गोरखपुर में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) मानसिक रोग विभाग ने शुरू की सेवा

रवि गुप्ता/लोकायुक्त न्यूज़
गोरखपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर के मानसिक रोग विभाग में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) की सुविधा शुरू हो गई। इस सेवा का उद्घाटन एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ.विभा दत्ता की उपस्थिति में ओटी कॉम्प्लेक्स में किया गया।

ईसीटी एक वैज्ञानिक और प्रमाणित उपचार पद्धति है, जो पिछले 60-70 वर्षों से मानसिक रोगों के इलाज में प्रयोग की जा रही है। इस प्रक्रिया में हल्की विद्युत ऊर्जा का उपयोग किया जाता है, जिससे कई प्रकार के मानसिक विकारों का प्रभावी इलाज संभव है। यह थेरेपी गंभीर अवसाद (Severe Depression), आत्महत्या के विचार (Acute Suicidal Thoughts), सिज़ोफ्रेनिया (Schizophrenia), गंभीर मनोविकृति (Severe Psychosis) और उन मानसिक रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होती है, जिनका सामान्य दवाओं से उपचार संभव नहीं हो पाता।
ईसीटी एक सुरक्षित, प्रभावी और दर्दरहित प्रक्रिया है, जिसे बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के आसानी से दिया जा सकता है। यह गैर-सर्जिकल प्रक्रिया है और मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया एवं मांसपेशी शिथिलक (Muscle Relaxants) के प्रयोग के साथ दी जाती है। पूरी प्रक्रिया मात्र 20-30 मिनट में पूर्ण हो जाती है, और उपचार के बाद मरीज को कोई असुविधा या याददाश्त की समस्या नहीं होती। वह तुरंत सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकता है।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर *एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विक्रम वर्धन, प्रो. संतोष शर्मा, मनोरोग विभाग के फैकल्टी प्रभारी डॉ. मनोज पृथ्वीराज,* दोनों विभागों के अन्य संकाय सदस्य, रेजिडेंट डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी उपस्थित रहे।

एम्स गोरखपुर में ईसीटी सुविधा की शुरुआत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाएगी तथा गंभीर मानसिक विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए एक प्रभावी उपचार विकल्प प्रदान करेगी।

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