कुशीनगर मेडिकल कॉलेज के टूटी खिड़कियों से आ रही बर्फीली हवा, झांक रहे बंदर
दोपहर में निकली धूप से बच्चों और बुजुर्गों ने ली राहत की सांस
साजिद अंसारी
लोकायुक्त न्यूज
ब्यूरो, कुशीनग र। गुरुवार को दो दिनों की कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बाद दोपहर से धूप खिलने पर लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की। घरों से निकलकर लोग छतों, पार्कों और खुले मैदानों में पहुंच गए। बच्चे पार्कों में खेलते दिखे, वहीं बुजुर्ग और अन्य लोग धूप सेंकते नजर आए। बुद्धा पार्क में बच्चों ने क्रिकेट खेला, जबकि कुछ लोग ओपन जिम में व्यायाम करते दिखे।
धूप ने दी राहत, लेकिन शाम होते ही ठिठुरन वापस
धूप ने दिन में ठंड से राहत दी, लेकिन शाम ढलते ही सर्द हवा ने फिर ठिठुरन बढ़ा दी। सड़कों और बाजारों में चहल-पहल कम हो गई और लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए।
मेडिकल कॉलेज में मरीजों की दुश्वारी, ठंड और बंदरों का आतंक
दूसरी ओर, स्वशासी राजकीय मेडिकल कॉलेज के जनरल वार्ड में मरीज कड़ाके की ठंड से बेहाल हैं। वार्ड की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं, जिससे बर्फीली हवा सीधे अंदर आ रही है। मरीज ठंड से ठिठुर रहे हैं, लेकिन प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है। स्थिति इतनी खराब है कि टूटी खिड़कियों से बंदर वार्ड में झांकते रहते हैं। कई बार बंदरों को अंदर घुसने की कोशिश करते भी देखा गया है, जिससे मरीज और उनके परिजन डरे हुए हैं।
डॉक्टरों की अनुपस्थिति और समस्याएं
हृदय रोग विशेषज्ञ समेत अन्य डॉक्टरों की अनुपस्थिति भी मरीजों की परेशानियां बढ़ा रही है। ठंड के इस मौसम में हृदय रोगी इलाज के लिए गोरखपुर जाने को मजबूर हो रहे हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. केपी गोंड ने ठंड में सतर्कता बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि ठंड में खांसी, बुखार, डायरिया और सांस की समस्याएं बढ़ सकती हैं। बुजुर्गों और हृदय रोगियों को अपनी दवा का नियमित सेवन करना चाहिए। ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनना और घरों को गर्म रखना जरूरी है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का बयान
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरके शाही ने कहा कि मरीजों के लिए कंबल और ब्लोवर की व्यवस्था की गई है। रैन बसेरा भी बनाया गया है, जहां मरीजों के परिजन ठहर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जनरल वार्ड की खिड़कियों की मरम्मत जल्द कराई जाएगी, ताकि मरीजों को ठंड और बंदरों से राहत मिल सके।