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एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड, NIFTEM… दुलारी देवी की दी साड़ी में आईं, बजट में दिखाया दुलार: 50+ साल से अटके कोसी नहर की भी ली सुध, जानिए कैसे बिहार की तस्वीर बदलेगी मोदी सरकार केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी 2025) को बजट पेश किया। इस दौरान वह बिहार की मशहूर मधुबनी पेंटिंग वाली क्रीम कलर की साड़ी पहनी हुई नजर आईं। मिथिला क्षेत्र में रेशम और कपास से बनने वाली हस्त निर्मित इस साड़ी को बिहार की रहने वाली पद्मश्री विजेता दुलारी देवी ने 2 महीने पहले उन्हें उपहार में दिया था। उस दौरान वह एक कार्यक्रम के लिए मधुबनी आई थीं। कहा जा रहा है कि पद्मश्री दुलारी देवी ने उपहार देते समय वित्त मंत्री को से आग्रह किया था कि इस साड़ी को वह बजट पेश करने के दिन पहनें। निर्मला सीतारमण ने दुलारी देवी का मान रखते हुए उनकी दी साड़ी को पहनकर बजट किया। इस बजट में उन्होंने मध्यम वर्ग के लोगों को 12 लाख रुपए तक की आय को आयकर मुक्त करने के साथ-साथ बिहार को बड़ी सौगात भी दिए। इनमें इनमें ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड का गठन, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान, आईआईटी पटना का विस्तार, मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना, बोधगया एवं वैशाली सहित भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों का विकास आदि शामिल हैं। इस बजट से बिहार के लोगों के साथ-साथ बिहार के नेता भी खुश हैं। इन परियोजनाओं के कारण बिहार को कई तरह का फायदा होगा। बिहार में स्थापित किया जाएगा राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थानसमूचे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को मजबूती प्रदान करेगा• किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर उनकी आय में बढ़ोत्तरी करेगा• युवाओं के लिए हुनर, उद्यमिता और रोजगार… pic.twitter.com/pSaMGxJXxT— Ministry of Finance (@FinMinIndia) February 1, 2025 बोर्ड के गठन से मखाना के उत्पादन, मार्केटिंग और प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा। बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के लगभग 35,000 हेक्टेयर में मखाने की खेती होती है। इससे लगभग 25,000 किसान परिवार जुड़े हैं। बिहार सरकार भी अगले दो-तीन साल में 50-60 हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती होने और 50 हजार और किसानों को जोड़ने के लिए प्रयासरत है। बोर्ड बन जाने के किसानों की आय बढ़ेगी। देश में सबसे अधिक मखाना उत्पादन बिहार में होता है। देश के कुल मखाना का 85 प्रतिशत उत्पादन होता है। इसलिए, इस खेती से जुड़े लोगों को FPO के रूप में संगठित करने की घोषणा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किया है। मखाना बोर्ड इससे जुड़े किसानों को सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इसके साथ ही बोर्ड इससे जुड़े किसानों को सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करेगा। इससे मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी और किशनगंज जिले में मखाना की खेती प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा बंगाल, असम और यूपी के उन जिलों को भी फायदा होगा, जहाँ मखाने की खेती होती है। बिहार का मखाना अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान, इंग्लैंड जैसे देशों में निर्यात किया जाता है। भारत में मखाना का बाजार 100 करोड़ रुपए है। बिहार को तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट भी मिले हैं। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का मतलब होता कि किसी ऐसी जमीन पर एयरपोर्ट बनाना, जहाँ पहले से कोई निर्माण नहीं किया गया हो। यह पूर्णया नए सिरे से विकसित करके बनाया जाता। है। आमतौर पर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को शहर से काफी दूर बनाया जाता है। ये पटना एयरपोर्ट के विस्तार और बिहटा में एक ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे के अतिरिक्त होंगे। बता दें कि पटना एयरपोर्ट पर 1,400 करोड़ रुपए की लागत से नए टर्मिनल भवन का निर्माण का हो रहा है, जो अपने अंतिम चरण में है। इसे इसी महीने पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। नए टर्मिनल के बन जाने से यात्रियों की क्षमता में भारी बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में पटना एयरपोर्ट का पीक आवर में रोजाना 1300 यात्रियों की क्षमता है। इसकी वार्षिक क्षमता 23 लाख है। यहाँ पर अभी एक साथ पाँच फ्लाइट को पार्क किया जा सकता है। पटना एयरपोर्ट का रनवे भी अभी बेहद छोटा यानी 6800 फीट का है। इसके साथ ही यहाँ से विदेशों के लिए सीधी उड़ान भी नहीं है। देश के कई शहरों के साथ भी पटना सीधे नहीं जुड़ा है। पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का भवन के शुरू हो जाने के बाद यहाँ यात्रियों की सालाना क्षमता एक करोड़ हो जाएगी। इसके साथ ही पटना देश के कई शहरों से सीधी उड़ान के साथ जुड़ जाएगा। पटना से विदेशों के लिए भी सीधी उड़ान सेवा शुरू होने वाली है। इसके अलावा, यात्रियों की सुविधाओं में भी तेजी से वृद्धि होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में उड़ान स्‍कीम के तहत नए एयरपोर्ट के निर्माण के साथ बंद पड़े एयरपोर्ट के जीर्णोंद्धार की बात भी कही है। इससे बिहार को फायदा मिलने की उम्मीद है। वहीं, बिहटा हवाई अड्डे की नई इमारत 66,000 वर्ग मीटर में फैली होगी, जो सालाना 50 लाख यात्रियों को सँभालेगी। इसे सालाना 1 करोड़ यात्रियों तक बढ़ाया जा सकता है। वाई अड्डे पर एक समय में 3,000 यात्रियों की क्षमता होगी। इसके साथ ही 10 विमानों को पार्किंग बनाए जाएँगे। लगभग 2027 के अंत तक पूर्ण होने वाले इस एयरपोर्ट की रनवे की लंबाई 3700 मीटर तक बढ़ाने की योजना है। वित्त मंत्री ने बिहार में बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) की स्थापना करने की भी घोषणा की है। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएँ मजबूत होंगी। इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ाने, युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इससे पूर्वी भारत में बिहार खाद्य प्रसंस्करण के केंद्र के रूप में स्थापित होगा। केंद्रीय बजट में IIT पटना में सीटों की संख्या बढ़ाने की भी घोषणा की गई है। बिहार 2008 में स्थापित आईआईटी पटना के छात्रावास और अन्य बुनियादी ढाँचे की क्षमता में विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही बिहार को एजुकेशनल हब बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके साथ ही बिहार सहित देश भर में AI शिक्षा के लिए 500 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान किया गया है। पटना से करीब 35 किलोमीटर दूर बिहटा में लगभग 501 एकड़ जमीन पर IIT बनाया गया है। इस संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान माना जाता गया है। इसमें आधुनिक क्लासरूम, प्रयोगशाला और पुस्तकालय हैं। संस्थान में छात्र-छात्राओं के लिए फुटबॉल, क्रिकेट, बॉस्केटबॉल और वॉलीबॉल जैसी खेल सुविधाएँ हैं। IIT में बीएससी, एमटेक, एमबीए और बीबीए जैसे कोर्स कराए जाते हैं। साल 2024 में आईआईटी पटना के 817 सीटों में 797 सीटों पर दाखिला हुआ था। वहीं, 20 सीटें खाली रह गई थीं। आईआईटी पटना में फिलहाल दो बॉयज हॉस्टल हैं और एक गर्ल्स हॉस्टल है। पीएचडी और मास्टर्स के छात्रों के लिए दो मैरिड स्कॉलर अपार्टमेंट भी उपलब्ध हैं। फिलहाल IIT पटना के हॉस्टल में 1500 से अधिक छात्र-छात्राएँ रह रहे हैं।   बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाके कोसी क्षेत्र में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना शुरू की जाएगी। इस परियोजना से बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 2.5 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। इसमें बाढ़ के कहर से बचाने की कोशिश की गई है। बता दें कि वेस्टर्न कोसी कैनाल प्रोजेक्ट करीब 50 साल से अधर में लटका हुआ है। इससे पूरा मिथिलांचल प्रभावित होगा। बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का भी ऐलान किया गया, जिसमें पहली बार में देश के 100 जिलों को शामिल किया गया है। इनमें बिहार के भी कई जिले शामिल हैं। इसके अलावा, भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को पर्यटन स्थल के के रूप में बढ़ावा देने की भी घोषणा की गई है। इस योजना के तहत बिहार के बोधगया और वैशाली का विकास किया जाएगा। इन दोनों देश के अन्य बौद्ध स्थलों से जोड़ा जाएगा। इससे बिहार में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और दुनिया भर से बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को संबंधित राज्यों के साथ साझेदारी में चुनौती मोड में विकसित किया जाएगा। इससे दुनिया के नक्शे पर बिहार के स्थलों की पहचान बढ़ेगी।   Click to listen highlighted text! एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड, NIFTEM… दुलारी देवी की दी साड़ी में आईं, बजट में दिखाया दुलार: 50+ साल से अटके कोसी नहर की भी ली सुध, जानिए कैसे बिहार की तस्वीर बदलेगी मोदी सरकार केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी 2025) को बजट पेश किया। इस दौरान वह बिहार की मशहूर मधुबनी पेंटिंग वाली क्रीम कलर की साड़ी पहनी हुई नजर आईं। मिथिला क्षेत्र में रेशम और कपास से बनने वाली हस्त निर्मित इस साड़ी को बिहार की रहने वाली पद्मश्री विजेता दुलारी देवी ने 2 महीने पहले उन्हें उपहार में दिया था। उस दौरान वह एक कार्यक्रम के लिए मधुबनी आई थीं। कहा जा रहा है कि पद्मश्री दुलारी देवी ने उपहार देते समय वित्त मंत्री को से आग्रह किया था कि इस साड़ी को वह बजट पेश करने के दिन पहनें। निर्मला सीतारमण ने दुलारी देवी का मान रखते हुए उनकी दी साड़ी को पहनकर बजट किया। इस बजट में उन्होंने मध्यम वर्ग के लोगों को 12 लाख रुपए तक की आय को आयकर मुक्त करने के साथ-साथ बिहार को बड़ी सौगात भी दिए। इनमें इनमें ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड का गठन, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान, आईआईटी पटना का विस्तार, मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना, बोधगया एवं वैशाली सहित भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों का विकास आदि शामिल हैं। इस बजट से बिहार के लोगों के साथ-साथ बिहार के नेता भी खुश हैं। इन परियोजनाओं के कारण बिहार को कई तरह का फायदा होगा। बिहार में स्थापित किया जाएगा राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थानसमूचे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को मजबूती प्रदान करेगा• किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर उनकी आय में बढ़ोत्तरी करेगा• युवाओं के लिए हुनर, उद्यमिता और रोजगार… pic.twitter.com/pSaMGxJXxT— Ministry of Finance (@FinMinIndia) February 1, 2025 बोर्ड के गठन से मखाना के उत्पादन, मार्केटिंग और प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा। बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के लगभग 35,000 हेक्टेयर में मखाने की खेती होती है। इससे लगभग 25,000 किसान परिवार जुड़े हैं। बिहार सरकार भी अगले दो-तीन साल में 50-60 हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती होने और 50 हजार और किसानों को जोड़ने के लिए प्रयासरत है। बोर्ड बन जाने के किसानों की आय बढ़ेगी। देश में सबसे अधिक मखाना उत्पादन बिहार में होता है। देश के कुल मखाना का 85 प्रतिशत उत्पादन होता है। इसलिए, इस खेती से जुड़े लोगों को FPO के रूप में संगठित करने की घोषणा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किया है। मखाना बोर्ड इससे जुड़े किसानों को सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इसके साथ ही बोर्ड इससे जुड़े किसानों को सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करेगा। इससे मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी और किशनगंज जिले में मखाना की खेती प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा बंगाल, असम और यूपी के उन जिलों को भी फायदा होगा, जहाँ मखाने की खेती होती है। बिहार का मखाना अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान, इंग्लैंड जैसे देशों में निर्यात किया जाता है। भारत में मखाना का बाजार 100 करोड़ रुपए है। बिहार को तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट भी मिले हैं। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का मतलब होता कि किसी ऐसी जमीन पर एयरपोर्ट बनाना, जहाँ पहले से कोई निर्माण नहीं किया गया हो। यह पूर्णया नए सिरे से विकसित करके बनाया जाता। है। आमतौर पर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को शहर से काफी दूर बनाया जाता है। ये पटना एयरपोर्ट के विस्तार और बिहटा में एक ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे के अतिरिक्त होंगे। बता दें कि पटना एयरपोर्ट पर 1,400 करोड़ रुपए की लागत से नए टर्मिनल भवन का निर्माण का हो रहा है, जो अपने अंतिम चरण में है। इसे इसी महीने पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। नए टर्मिनल के बन जाने से यात्रियों की क्षमता में भारी बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में पटना एयरपोर्ट का पीक आवर में रोजाना 1300 यात्रियों की क्षमता है। इसकी वार्षिक क्षमता 23 लाख है। यहाँ पर अभी एक साथ पाँच फ्लाइट को पार्क किया जा सकता है। पटना एयरपोर्ट का रनवे भी अभी बेहद छोटा यानी 6800 फीट का है। इसके साथ ही यहाँ से विदेशों के लिए सीधी उड़ान भी नहीं है। देश के कई शहरों के साथ भी पटना सीधे नहीं जुड़ा है। पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का भवन के शुरू हो जाने के बाद यहाँ यात्रियों की सालाना क्षमता एक करोड़ हो जाएगी। इसके साथ ही पटना देश के कई शहरों से सीधी उड़ान के साथ जुड़ जाएगा। पटना से विदेशों के लिए भी सीधी उड़ान सेवा शुरू होने वाली है। इसके अलावा, यात्रियों की सुविधाओं में भी तेजी से वृद्धि होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में उड़ान स्‍कीम के तहत नए एयरपोर्ट के निर्माण के साथ बंद पड़े एयरपोर्ट के जीर्णोंद्धार की बात भी कही है। इससे बिहार को फायदा मिलने की उम्मीद है। वहीं, बिहटा हवाई अड्डे की नई इमारत 66,000 वर्ग मीटर में फैली होगी, जो सालाना 50 लाख यात्रियों को सँभालेगी। इसे सालाना 1 करोड़ यात्रियों तक बढ़ाया जा सकता है। वाई अड्डे पर एक समय में 3,000 यात्रियों की क्षमता होगी। इसके साथ ही 10 विमानों को पार्किंग बनाए जाएँगे। लगभग 2027 के अंत तक पूर्ण होने वाले इस एयरपोर्ट की रनवे की लंबाई 3700 मीटर तक बढ़ाने की योजना है। वित्त मंत्री ने बिहार में बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) की स्थापना करने की भी घोषणा की है। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएँ मजबूत होंगी। इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ाने, युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इससे पूर्वी भारत में बिहार खाद्य प्रसंस्करण के केंद्र के रूप में स्थापित होगा। केंद्रीय बजट में IIT पटना में सीटों की संख्या बढ़ाने की भी घोषणा की गई है। बिहार 2008 में स्थापित आईआईटी पटना के छात्रावास और अन्य बुनियादी ढाँचे की क्षमता में विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही बिहार को एजुकेशनल हब बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके साथ ही बिहार सहित देश भर में AI शिक्षा के लिए 500 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान किया गया है। पटना से करीब 35 किलोमीटर दूर बिहटा में लगभग 501 एकड़ जमीन पर IIT बनाया गया है। इस संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान माना जाता गया है। इसमें आधुनिक क्लासरूम, प्रयोगशाला और पुस्तकालय हैं। संस्थान में छात्र-छात्राओं के लिए फुटबॉल, क्रिकेट, बॉस्केटबॉल और वॉलीबॉल जैसी खेल सुविधाएँ हैं। IIT में बीएससी, एमटेक, एमबीए और बीबीए जैसे कोर्स कराए जाते हैं। साल 2024 में आईआईटी पटना के 817 सीटों में 797 सीटों पर दाखिला हुआ था। वहीं, 20 सीटें खाली रह गई थीं। आईआईटी पटना में फिलहाल दो बॉयज हॉस्टल हैं और एक गर्ल्स हॉस्टल है। पीएचडी और मास्टर्स के छात्रों के लिए दो मैरिड स्कॉलर अपार्टमेंट भी उपलब्ध हैं। फिलहाल IIT पटना के हॉस्टल में 1500 से अधिक छात्र-छात्राएँ रह रहे हैं।   बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाके कोसी क्षेत्र में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना शुरू की जाएगी। इस परियोजना से बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 2.5 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। इसमें बाढ़ के कहर से बचाने की कोशिश की गई है। बता दें कि वेस्टर्न कोसी कैनाल प्रोजेक्ट करीब 50 साल से अधर में लटका हुआ है। इससे पूरा मिथिलांचल प्रभावित होगा। बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का भी ऐलान किया गया, जिसमें पहली बार में देश के 100 जिलों को शामिल किया गया है। इनमें बिहार के भी कई जिले शामिल हैं। इसके अलावा, भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को पर्यटन स्थल के के रूप में बढ़ावा देने की भी घोषणा की गई है। इस योजना के तहत बिहार के बोधगया और वैशाली का विकास किया जाएगा। इन दोनों देश के अन्य बौद्ध स्थलों से जोड़ा जाएगा। इससे बिहार में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और दुनिया भर से बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को संबंधित राज्यों के साथ साझेदारी में चुनौती मोड में विकसित किया जाएगा। इससे दुनिया के नक्शे पर बिहार के स्थलों की पहचान बढ़ेगी।

एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड, NIFTEM… दुलारी देवी की दी साड़ी में आईं, बजट में दिखाया दुलार: 50+ साल से अटके कोसी नहर की भी ली सुध, जानिए कैसे बिहार की तस्वीर बदलेगी मोदी सरकार

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार (1 फरवरी 2025) को बजट पेश किया। इस दौरान वह बिहार की मशहूर मधुबनी पेंटिंग वाली क्रीम कलर की साड़ी पहनी हुई नजर आईं। मिथिला क्षेत्र में रेशम और कपास से बनने वाली हस्त निर्मित इस साड़ी को बिहार की रहने वाली पद्मश्री विजेता दुलारी देवी ने 2 महीने पहले उन्हें उपहार में दिया था। उस दौरान वह एक कार्यक्रम के लिए मधुबनी आई थीं।

कहा जा रहा है कि पद्मश्री दुलारी देवी ने उपहार देते समय वित्त मंत्री को से आग्रह किया था कि इस साड़ी को वह बजट पेश करने के दिन पहनें। निर्मला सीतारमण ने दुलारी देवी का मान रखते हुए उनकी दी साड़ी को पहनकर बजट किया। इस बजट में उन्होंने मध्यम वर्ग के लोगों को 12 लाख रुपए तक की आय को आयकर मुक्त करने के साथ-साथ बिहार को बड़ी सौगात भी दिए।

इनमें इनमें ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, मखाना बोर्ड का गठन, राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान, आईआईटी पटना का विस्तार, मिथिलांचल में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना, बोधगया एवं वैशाली सहित भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों का विकास आदि शामिल हैं। इस बजट से बिहार के लोगों के साथ-साथ बिहार के नेता भी खुश हैं। इन परियोजनाओं के कारण बिहार को कई तरह का फायदा होगा।

बिहार में स्थापित किया जाएगा राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थानसमूचे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को मजबूती प्रदान करेगा• किसानों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाकर उनकी आय में बढ़ोत्तरी करेगा• युवाओं के लिए हुनर, उद्यमिता और रोजगार… pic.twitter.com/pSaMGxJXxT— Ministry of Finance (@FinMinIndia) February 1, 2025

बोर्ड के गठन से मखाना के उत्पादन, मार्केटिंग और प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा। बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के लगभग 35,000 हेक्टेयर में मखाने की खेती होती है। इससे लगभग 25,000 किसान परिवार जुड़े हैं। बिहार सरकार भी अगले दो-तीन साल में 50-60 हजार हेक्टेयर में मखाना की खेती होने और 50 हजार और किसानों को जोड़ने के लिए प्रयासरत है। बोर्ड बन जाने के किसानों की आय बढ़ेगी।

देश में सबसे अधिक मखाना उत्पादन बिहार में होता है। देश के कुल मखाना का 85 प्रतिशत उत्पादन होता है। इसलिए, इस खेती से जुड़े लोगों को FPO के रूप में संगठित करने की घोषणा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने किया है। मखाना बोर्ड इससे जुड़े किसानों को सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इसके साथ ही बोर्ड इससे जुड़े किसानों को सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करेगा।

इससे मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, सीतामढ़ी और किशनगंज जिले में मखाना की खेती प्रोत्साहन मिलेगा। इसके अलावा बंगाल, असम और यूपी के उन जिलों को भी फायदा होगा, जहाँ मखाने की खेती होती है। बिहार का मखाना अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान, इंग्लैंड जैसे देशों में निर्यात किया जाता है। भारत में मखाना का बाजार 100 करोड़ रुपए है।

बिहार को तीन ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट भी मिले हैं। ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का मतलब होता कि किसी ऐसी जमीन पर एयरपोर्ट बनाना, जहाँ पहले से कोई निर्माण नहीं किया गया हो। यह पूर्णया नए सिरे से विकसित करके बनाया जाता। है। आमतौर पर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को शहर से काफी दूर बनाया जाता है। ये पटना एयरपोर्ट के विस्तार और बिहटा में एक ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे के अतिरिक्त होंगे।

बता दें कि पटना एयरपोर्ट पर 1,400 करोड़ रुपए की लागत से नए टर्मिनल भवन का निर्माण का हो रहा है, जो अपने अंतिम चरण में है। इसे इसी महीने पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। नए टर्मिनल के बन जाने से यात्रियों की क्षमता में भारी बढ़ोतरी होगी। वर्तमान में पटना एयरपोर्ट का पीक आवर में रोजाना 1300 यात्रियों की क्षमता है। इसकी वार्षिक क्षमता 23 लाख है।

यहाँ पर अभी एक साथ पाँच फ्लाइट को पार्क किया जा सकता है। पटना एयरपोर्ट का रनवे भी अभी बेहद छोटा यानी 6800 फीट का है। इसके साथ ही यहाँ से विदेशों के लिए सीधी उड़ान भी नहीं है। देश के कई शहरों के साथ भी पटना सीधे नहीं जुड़ा है। पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का भवन के शुरू हो जाने के बाद यहाँ यात्रियों की सालाना क्षमता एक करोड़ हो जाएगी।

इसके साथ ही पटना देश के कई शहरों से सीधी उड़ान के साथ जुड़ जाएगा। पटना से विदेशों के लिए भी सीधी उड़ान सेवा शुरू होने वाली है। इसके अलावा, यात्रियों की सुविधाओं में भी तेजी से वृद्धि होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में उड़ान स्‍कीम के तहत नए एयरपोर्ट के निर्माण के साथ बंद पड़े एयरपोर्ट के जीर्णोंद्धार की बात भी कही है। इससे बिहार को फायदा मिलने की उम्मीद है।

वहीं, बिहटा हवाई अड्डे की नई इमारत 66,000 वर्ग मीटर में फैली होगी, जो सालाना 50 लाख यात्रियों को सँभालेगी। इसे सालाना 1 करोड़ यात्रियों तक बढ़ाया जा सकता है। वाई अड्डे पर एक समय में 3,000 यात्रियों की क्षमता होगी। इसके साथ ही 10 विमानों को पार्किंग बनाए जाएँगे। लगभग 2027 के अंत तक पूर्ण होने वाले इस एयरपोर्ट की रनवे की लंबाई 3700 मीटर तक बढ़ाने की योजना है।

वित्त मंत्री ने बिहार में बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान (NIFTEM) की स्थापना करने की भी घोषणा की है। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएँ मजबूत होंगी। इसके साथ ही किसानों की आय बढ़ाने, युवाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इससे पूर्वी भारत में बिहार खाद्य प्रसंस्करण के केंद्र के रूप में स्थापित होगा।

केंद्रीय बजट में IIT पटना में सीटों की संख्या बढ़ाने की भी घोषणा की गई है। बिहार 2008 में स्थापित आईआईटी पटना के छात्रावास और अन्य बुनियादी ढाँचे की क्षमता में विस्तार किया जाएगा। इसके साथ ही बिहार को एजुकेशनल हब बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। इसके साथ ही बिहार सहित देश भर में AI शिक्षा के लिए 500 करोड़ रुपए के बजट प्रावधान किया गया है।

पटना से करीब 35 किलोमीटर दूर बिहटा में लगभग 501 एकड़ जमीन पर IIT बनाया गया है। इस संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान माना जाता गया है। इसमें आधुनिक क्लासरूम, प्रयोगशाला और पुस्तकालय हैं। संस्थान में छात्र-छात्राओं के लिए फुटबॉल, क्रिकेट, बॉस्केटबॉल और वॉलीबॉल जैसी खेल सुविधाएँ हैं। IIT में बीएससी, एमटेक, एमबीए और बीबीए जैसे कोर्स कराए जाते हैं।

साल 2024 में आईआईटी पटना के 817 सीटों में 797 सीटों पर दाखिला हुआ था। वहीं, 20 सीटें खाली रह गई थीं। आईआईटी पटना में फिलहाल दो बॉयज हॉस्टल हैं और एक गर्ल्स हॉस्टल है। पीएचडी और मास्टर्स के छात्रों के लिए दो मैरिड स्कॉलर अपार्टमेंट भी उपलब्ध हैं। फिलहाल IIT पटना के हॉस्टल में 1500 से अधिक छात्र-छात्राएँ रह रहे हैं।  

बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाके कोसी क्षेत्र में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना शुरू की जाएगी। इस परियोजना से बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 2.5 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर खेती करने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। इसमें बाढ़ के कहर से बचाने की कोशिश की गई है। बता दें कि वेस्टर्न कोसी कैनाल प्रोजेक्ट करीब 50 साल से अधर में लटका हुआ है। इससे पूरा मिथिलांचल प्रभावित होगा।

बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का भी ऐलान किया गया, जिसमें पहली बार में देश के 100 जिलों को शामिल किया गया है। इनमें बिहार के भी कई जिले शामिल हैं। इसके अलावा, भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को पर्यटन स्थल के के रूप में बढ़ावा देने की भी घोषणा की गई है। इस योजना के तहत बिहार के बोधगया और वैशाली का विकास किया जाएगा।

इन दोनों देश के अन्य बौद्ध स्थलों से जोड़ा जाएगा। इससे बिहार में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और दुनिया भर से बिहार आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के शीर्ष 50 पर्यटन स्थलों को संबंधित राज्यों के साथ साझेदारी में चुनौती मोड में विकसित किया जाएगा। इससे दुनिया के नक्शे पर बिहार के स्थलों की पहचान बढ़ेगी।

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