
बोर्ड परीक्षा:कुशीनगर में 283 छात्रों की मेहनत पर पानी! शिक्षक संघ और प्रशासन आमने-सामने?
लोकायुक्त न्यूज
कुशीनगर। जिले के कसया थाना क्षेत्र स्थित जनता इंटर कॉलेज, सोहसा मठिया में एक गंभीर लापरवाही सामने आई है। शुक्रवार को हाईस्कूल की अंग्रेजी परीक्षा देने वाले 283 छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल रास्ते में कहीं गायब हो गया। इस घटना के बाद से छात्रों और उनके अभिभावकों में चिंता का माहौल है। वहीं, शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर शिक्षक संघ में भी भारी आक्रोश है।
कैसे गायब हुआ उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल?
शुरुआती जानकारी के अनुसार, परीक्षा समाप्त होने के बाद केंद्र व्यवस्थापक एवं जनता इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य कपिलदेव प्रसाद ने उत्तर पुस्तिकाओं का बंडल अपनी बाइक के पीछे बांधकर कुशीनगर संकलन केंद्र के लिए रवाना हुए। लेकिन रास्ते में कहीं वह बंडल गिर गया। अपराह्न तीन बजे तक जब बंडल संकलन केंद्र नहीं पहुंचा, तो संकलन केंद्र प्रभारी उमेश उपाध्याय ने प्रधानाचार्य से पूछताछ की। इसके बाद, प्रधानाचार्य ने उत्तर पुस्तिकाओं के गायब होने की सूचना दी।
बंडल खोजने की तमाम कोशिशों के बावजूद जब सफलता नहीं मिली, तो जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) श्रवण कुमार को घटना की जानकारी दी गई। लेकिन कथित रूप से, डीआईओएस ने पहले मामले को दबाने की कोशिश की। जब बात नहीं बनी, तो देर रात (घटना के लगभग दस घंटे बाद) प्रधानाचार्य कपिलदेव प्रसाद और संकलन केंद्र प्रभारी उमेश उपाध्याय के खिलाफ कसया थाने में तहरीर देकर उनके ऊपर अनुचित साधनों का निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।
नेता जी के बयान से विवाद बढ़ा
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ, पाण्डेय गुट, गोरखपुर मंडल की एक बैठक गोरखपुर में बैंक कॉलोनी, पादरी बाजार स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित हुई। इस बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश पाण्डेय ने कहा कि शिक्षकों और प्रधानाचार्यों पर इस प्रकार की कार्रवाई निंदनीय और अस्वीकार्य है।
बैठक में कुशीनगर जिलाध्यक्ष नंदा पाण्डेय ने कहा कि प्रशासन ने संकलन केंद्र प्रभारी के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज कराई है, वह गैर-संवैधानिक और अनुचित है। उन्होंने मांग की कि यदि कोई एफआईआर दर्ज होनी चाहिए तो वह जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) और एसडीएम कसया के खिलाफ होनी चाहिए। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि यह एफआईआर वापस नहीं ली जाती, तो शिक्षक संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
छात्रों के भविष्य पर मंडराता संकट
इस पूरे प्रकरण में सबसे बड़ा नुकसान उन 283 छात्रों का है जिनकी उत्तर पुस्तिकाएं गायब हो गई हैं। यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इन छात्रों का भविष्य क्या होगा और उनकी परीक्षा का पुनर्मूल्यांकन किस प्रकार किया जाएगा।