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दिल्ली चुनावों से पहले BJP से हारी AAP, हरप्रीत कौर बाबला बनीं चंडीगढ़ की मेयर: जानिए अनिल मसीह प्रकरण से हुई किरकिरी के बाद कैसे पलटी बाजी दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में AAP को भाजपा ने पटखनी दी है। भाजपा की हरप्रीत कौर बाबला ने AAP की प्रेम लता को चुनाव हरा कर मेयर की सीट कब्जाई है। भाजपा ने यह झटका तब दिया है जब चंडीगढ़ में AAP और कॉन्ग्रेस एक साथ थे। गुरुवार (30 जनवरी, 2025) को हुई वोटिंग में भाजपा प्रत्याशी हरप्रीत कौर बाबला को 19 वोट मिले जबकि प्रेम लता 17 वोट ही इकट्ठा कर सकीं। यह चुनाव 1 वर्ष के कार्यकाल के लिए हुआ है। इस बार के चुनाव में सीट को महिला के लिए आरक्षित किया गया था। अभी तक AAP का मेयर चंडीगढ़ में था। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भाजपा प्रत्याशी बाबला को 3 वोट दूसरी पार्टियों को भी मिले हैं। चंडीगढ़ नगर निगम में पार्षद मेयर का चुनाव करते हैं। यहाँ भाजपा के पास 16 पार्षद हैं जबकि AAP के 13 पार्षद हैं। 6 पार्षद कॉन्ग्रेस के हैं। बताया गया कि कॉन्ग्रेस-AAP के तीन लोगों ने क्रॉस वोट किया है। 35 सदस्यों वाले चंडीगढ़ नगर निगम में जीत के लिए 19 वोट चाहिए होते हैं। वोटिंग में चंडीगढ़ का सांसद भी हिस्सा लेता है। वह चंडीगढ़ नगर निगम का पदेन सदस्य होता है। वर्तमान में चंडीगढ़ के सांसद कॉंग्रेस के मनीष तिवारी हैं। हालाँकि, उनके रहने से भी कोई फायदा नहीं हुआ। AAP और कॉन्ग्रेस ने चुनाव से पहले अपने पार्षदों को शहर के बाहर भी भेज दिया था। इसे कोई फर्क नहीं पड़ा और AAP-कॉन्ग्रेस जीत दर्ज करने में नाकाम रही। इससे पहले 2024 में हुआ चुनाव विवादों में घिर गया था। पहले इसमें भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया था जहाँ पर अनिल मसीह द्वारा बेईमानी किए जाने की बात सामने आई थी। दोबारा हुए चुनाव में AAP के कुलदीप कुमार जीते थे। चंडीगढ़ में AAP एक बार फिर सत्ता से बाहर हो गई है। 2024 में AAP से हारने से पहले भाजपा लगातार 9 बार यहाँ मेयर पद पर काबिज रही थी।   Click to listen highlighted text! दिल्ली चुनावों से पहले BJP से हारी AAP, हरप्रीत कौर बाबला बनीं चंडीगढ़ की मेयर: जानिए अनिल मसीह प्रकरण से हुई किरकिरी के बाद कैसे पलटी बाजी दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में AAP को भाजपा ने पटखनी दी है। भाजपा की हरप्रीत कौर बाबला ने AAP की प्रेम लता को चुनाव हरा कर मेयर की सीट कब्जाई है। भाजपा ने यह झटका तब दिया है जब चंडीगढ़ में AAP और कॉन्ग्रेस एक साथ थे। गुरुवार (30 जनवरी, 2025) को हुई वोटिंग में भाजपा प्रत्याशी हरप्रीत कौर बाबला को 19 वोट मिले जबकि प्रेम लता 17 वोट ही इकट्ठा कर सकीं। यह चुनाव 1 वर्ष के कार्यकाल के लिए हुआ है। इस बार के चुनाव में सीट को महिला के लिए आरक्षित किया गया था। अभी तक AAP का मेयर चंडीगढ़ में था। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भाजपा प्रत्याशी बाबला को 3 वोट दूसरी पार्टियों को भी मिले हैं। चंडीगढ़ नगर निगम में पार्षद मेयर का चुनाव करते हैं। यहाँ भाजपा के पास 16 पार्षद हैं जबकि AAP के 13 पार्षद हैं। 6 पार्षद कॉन्ग्रेस के हैं। बताया गया कि कॉन्ग्रेस-AAP के तीन लोगों ने क्रॉस वोट किया है। 35 सदस्यों वाले चंडीगढ़ नगर निगम में जीत के लिए 19 वोट चाहिए होते हैं। वोटिंग में चंडीगढ़ का सांसद भी हिस्सा लेता है। वह चंडीगढ़ नगर निगम का पदेन सदस्य होता है। वर्तमान में चंडीगढ़ के सांसद कॉंग्रेस के मनीष तिवारी हैं। हालाँकि, उनके रहने से भी कोई फायदा नहीं हुआ। AAP और कॉन्ग्रेस ने चुनाव से पहले अपने पार्षदों को शहर के बाहर भी भेज दिया था। इसे कोई फर्क नहीं पड़ा और AAP-कॉन्ग्रेस जीत दर्ज करने में नाकाम रही। इससे पहले 2024 में हुआ चुनाव विवादों में घिर गया था। पहले इसमें भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया था जहाँ पर अनिल मसीह द्वारा बेईमानी किए जाने की बात सामने आई थी। दोबारा हुए चुनाव में AAP के कुलदीप कुमार जीते थे। चंडीगढ़ में AAP एक बार फिर सत्ता से बाहर हो गई है। 2024 में AAP से हारने से पहले भाजपा लगातार 9 बार यहाँ मेयर पद पर काबिज रही थी।

दिल्ली चुनावों से पहले BJP से हारी AAP, हरप्रीत कौर बाबला बनीं चंडीगढ़ की मेयर: जानिए अनिल मसीह प्रकरण से हुई किरकिरी के बाद कैसे पलटी बाजी

दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में AAP को भाजपा ने पटखनी दी है। भाजपा की हरप्रीत कौर बाबला ने AAP की प्रेम लता को चुनाव हरा कर मेयर की सीट कब्जाई है। भाजपा ने यह झटका तब दिया है जब चंडीगढ़ में AAP और कॉन्ग्रेस एक साथ थे।

गुरुवार (30 जनवरी, 2025) को हुई वोटिंग में भाजपा प्रत्याशी हरप्रीत कौर बाबला को 19 वोट मिले जबकि प्रेम लता 17 वोट ही इकट्ठा कर सकीं। यह चुनाव 1 वर्ष के कार्यकाल के लिए हुआ है। इस बार के चुनाव में सीट को महिला के लिए आरक्षित किया गया था। अभी तक AAP का मेयर चंडीगढ़ में था।

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि भाजपा प्रत्याशी बाबला को 3 वोट दूसरी पार्टियों को भी मिले हैं। चंडीगढ़ नगर निगम में पार्षद मेयर का चुनाव करते हैं। यहाँ भाजपा के पास 16 पार्षद हैं जबकि AAP के 13 पार्षद हैं। 6 पार्षद कॉन्ग्रेस के हैं। बताया गया कि कॉन्ग्रेस-AAP के तीन लोगों ने क्रॉस वोट किया है।

35 सदस्यों वाले चंडीगढ़ नगर निगम में जीत के लिए 19 वोट चाहिए होते हैं। वोटिंग में चंडीगढ़ का सांसद भी हिस्सा लेता है। वह चंडीगढ़ नगर निगम का पदेन सदस्य होता है। वर्तमान में चंडीगढ़ के सांसद कॉंग्रेस के मनीष तिवारी हैं। हालाँकि, उनके रहने से भी कोई फायदा नहीं हुआ।

AAP और कॉन्ग्रेस ने चुनाव से पहले अपने पार्षदों को शहर के बाहर भी भेज दिया था। इसे कोई फर्क नहीं पड़ा और AAP-कॉन्ग्रेस जीत दर्ज करने में नाकाम रही। इससे पहले 2024 में हुआ चुनाव विवादों में घिर गया था। पहले इसमें भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी।

बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया था जहाँ पर अनिल मसीह द्वारा बेईमानी किए जाने की बात सामने आई थी। दोबारा हुए चुनाव में AAP के कुलदीप कुमार जीते थे। चंडीगढ़ में AAP एक बार फिर सत्ता से बाहर हो गई है। 2024 में AAP से हारने से पहले भाजपा लगातार 9 बार यहाँ मेयर पद पर काबिज रही थी।

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