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हिंसा के बीच बांग्लादेश में हिंदू अधिकारियों पर गाज, यूनुस सरकार ने 100 अधिकारियों को हटाया: सरकारी नौकरी के 1500 आवेदन खारिज, पुलिस में ‘नो एंट्री’! बांग्लादेश में पुलिस से हिन्दुओं को हटाया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी पक्का कर दिया गया है कि नई भर्तियों में भी हिन्दू शामिल ना हो पाएँ। यह सब काम बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार कर रही है। हिन्दुओं को हटा कर इस्लामी कट्टरपंथी पुलिस में लाए जाएँगे। यह सभी दावे अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसके लिए बांग्लादेश के पुलिस मुखिया को भी निर्देश दिया गया है। जनसत्ता की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में हाल ही में 100 हिन्दू पुलिस अफसरों को उनके पदों से हटाया गया है। यह अफसर IG, DIG, SP और SSP जैसे पदों पर तैनात थे। इनके पास जिले से लेकर बड़े मंडलों तक की जिम्मेदारी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इनकी जगह पर ऐसे अफसर लाए जा रहे हैं जो इस्लामी कट्टरपंथी हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह नए अफसर जमात-इस्लामी से जुड़े हुए हैं। हिन्दू अफसरों को पदों से हटा दिया गया है। इसके अलावा पुलिस बल में आगे और हिन्दू भर्ती नहीं हो, इसके भी इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके लिए हाल ही में कथित तौर पर एक भर्ती रद्द की गई है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पिछले वर्ष 79000 पुलिसबल की भर्ती शेख हसीना सरकार के दौरान बांग्लादेश में चालू की गई थी, अब इसे रद्द कर दिया गया है। इससे 1500 हिन्दू उम्मीदवारों के आवेदन भी रद्द किए गए हैं। इसकी जगह पर नई भर्ती होगी। दावा है कि इसमें हिन्दू उम्मीदवारों को नहीं लिया जाएगा। इसके लिए आदेश बांग्लादेश पुलिस के मुखिया IGP बहरुल इस्लाम को विशेष निर्देश दिए गए हैं। हिन्दुओ को पात्र होने के बाद भी ना सेलेक्ट किए जाने की बात कही गई है। साथ ही उनके नौकरशाही में प्रवेश पर भी रोक है। बांग्लादेश यह कवायद पुलिस को कट्टरपंथी बनाने के लिए चल रही है। अब तक पुलिसबल में काफी संख्या हिन्दुओं की थी। बांग्लादेश में यूनुस सरकार के सत्ता में आने के बाद पुलिस विभाग में बड़े तबादले किए गए हैं। IGP बहरुल इस्लाम को भी यूनुस सरकार ही लेकर आई है। यूनुस सरकार में शामिल लोग और जमात-ए-इस्लामी लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि पुलिसबल में शामिल लोग हसीना सरकार के दौरान उनका उत्पीड़न करते रहे हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के दौरान इस्लामी कट्टरपंथियों ने सबसे अधिक निशाना पुलिस वालों को ही बनाया था। यूनुस सरकार कई पुलिस वालों के खिलाफ जाँच भी कर रही है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार जाने के बाद लगातार हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। भारत सरकार ने हाल ही में संसद में बताया था कि बांग्लादेश से 2200 ऐसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं, जिनमें हिन्दुओं या फिर बाकी अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया गया। बांग्लादेश में हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उन्होंने हिन्दुओं पर प्रताड़ना का मामला उठाया था। बांग्लादेश में कई हिन्दुओं को कॉलेजों और बाकि संतानों से इस्तीफ़ा देने पर तक मजबूर किया गया है। अब यही नीति पुलिस में अपनाई जा रही है।   Click to listen highlighted text! हिंसा के बीच बांग्लादेश में हिंदू अधिकारियों पर गाज, यूनुस सरकार ने 100 अधिकारियों को हटाया: सरकारी नौकरी के 1500 आवेदन खारिज, पुलिस में ‘नो एंट्री’! बांग्लादेश में पुलिस से हिन्दुओं को हटाया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी पक्का कर दिया गया है कि नई भर्तियों में भी हिन्दू शामिल ना हो पाएँ। यह सब काम बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार कर रही है। हिन्दुओं को हटा कर इस्लामी कट्टरपंथी पुलिस में लाए जाएँगे। यह सभी दावे अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसके लिए बांग्लादेश के पुलिस मुखिया को भी निर्देश दिया गया है। जनसत्ता की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में हाल ही में 100 हिन्दू पुलिस अफसरों को उनके पदों से हटाया गया है। यह अफसर IG, DIG, SP और SSP जैसे पदों पर तैनात थे। इनके पास जिले से लेकर बड़े मंडलों तक की जिम्मेदारी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इनकी जगह पर ऐसे अफसर लाए जा रहे हैं जो इस्लामी कट्टरपंथी हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह नए अफसर जमात-इस्लामी से जुड़े हुए हैं। हिन्दू अफसरों को पदों से हटा दिया गया है। इसके अलावा पुलिस बल में आगे और हिन्दू भर्ती नहीं हो, इसके भी इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके लिए हाल ही में कथित तौर पर एक भर्ती रद्द की गई है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पिछले वर्ष 79000 पुलिसबल की भर्ती शेख हसीना सरकार के दौरान बांग्लादेश में चालू की गई थी, अब इसे रद्द कर दिया गया है। इससे 1500 हिन्दू उम्मीदवारों के आवेदन भी रद्द किए गए हैं। इसकी जगह पर नई भर्ती होगी। दावा है कि इसमें हिन्दू उम्मीदवारों को नहीं लिया जाएगा। इसके लिए आदेश बांग्लादेश पुलिस के मुखिया IGP बहरुल इस्लाम को विशेष निर्देश दिए गए हैं। हिन्दुओ को पात्र होने के बाद भी ना सेलेक्ट किए जाने की बात कही गई है। साथ ही उनके नौकरशाही में प्रवेश पर भी रोक है। बांग्लादेश यह कवायद पुलिस को कट्टरपंथी बनाने के लिए चल रही है। अब तक पुलिसबल में काफी संख्या हिन्दुओं की थी। बांग्लादेश में यूनुस सरकार के सत्ता में आने के बाद पुलिस विभाग में बड़े तबादले किए गए हैं। IGP बहरुल इस्लाम को भी यूनुस सरकार ही लेकर आई है। यूनुस सरकार में शामिल लोग और जमात-ए-इस्लामी लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि पुलिसबल में शामिल लोग हसीना सरकार के दौरान उनका उत्पीड़न करते रहे हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के दौरान इस्लामी कट्टरपंथियों ने सबसे अधिक निशाना पुलिस वालों को ही बनाया था। यूनुस सरकार कई पुलिस वालों के खिलाफ जाँच भी कर रही है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार जाने के बाद लगातार हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। भारत सरकार ने हाल ही में संसद में बताया था कि बांग्लादेश से 2200 ऐसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं, जिनमें हिन्दुओं या फिर बाकी अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया गया। बांग्लादेश में हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उन्होंने हिन्दुओं पर प्रताड़ना का मामला उठाया था। बांग्लादेश में कई हिन्दुओं को कॉलेजों और बाकि संतानों से इस्तीफ़ा देने पर तक मजबूर किया गया है। अब यही नीति पुलिस में अपनाई जा रही है।

हिंसा के बीच बांग्लादेश में हिंदू अधिकारियों पर गाज, यूनुस सरकार ने 100 अधिकारियों को हटाया: सरकारी नौकरी के 1500 आवेदन खारिज, पुलिस में ‘नो एंट्री’!

बांग्लादेश में पुलिस से हिन्दुओं को हटाया जा रहा है। इसके साथ ही यह भी पक्का कर दिया गया है कि नई भर्तियों में भी हिन्दू शामिल ना हो पाएँ। यह सब काम बांग्लादेश की अंतरिम यूनुस सरकार कर रही है। हिन्दुओं को हटा कर इस्लामी कट्टरपंथी पुलिस में लाए जाएँगे।

यह सभी दावे अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इसके लिए बांग्लादेश के पुलिस मुखिया को भी निर्देश दिया गया है। जनसत्ता की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में हाल ही में 100 हिन्दू पुलिस अफसरों को उनके पदों से हटाया गया है।

यह अफसर IG, DIG, SP और SSP जैसे पदों पर तैनात थे। इनके पास जिले से लेकर बड़े मंडलों तक की जिम्मेदारी थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि इनकी जगह पर ऐसे अफसर लाए जा रहे हैं जो इस्लामी कट्टरपंथी हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह नए अफसर जमात-इस्लामी से जुड़े हुए हैं।

हिन्दू अफसरों को पदों से हटा दिया गया है। इसके अलावा पुलिस बल में आगे और हिन्दू भर्ती नहीं हो, इसके भी इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके लिए हाल ही में कथित तौर पर एक भर्ती रद्द की गई है। रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पिछले वर्ष 79000 पुलिसबल की भर्ती शेख हसीना सरकार के दौरान बांग्लादेश में चालू की गई थी, अब इसे रद्द कर दिया गया है।

इससे 1500 हिन्दू उम्मीदवारों के आवेदन भी रद्द किए गए हैं। इसकी जगह पर नई भर्ती होगी। दावा है कि इसमें हिन्दू उम्मीदवारों को नहीं लिया जाएगा। इसके लिए आदेश बांग्लादेश पुलिस के मुखिया IGP बहरुल इस्लाम को विशेष निर्देश दिए गए हैं। हिन्दुओ को पात्र होने के बाद भी ना सेलेक्ट किए जाने की बात कही गई है। साथ ही उनके नौकरशाही में प्रवेश पर भी रोक है।

बांग्लादेश यह कवायद पुलिस को कट्टरपंथी बनाने के लिए चल रही है। अब तक पुलिसबल में काफी संख्या हिन्दुओं की थी। बांग्लादेश में यूनुस सरकार के सत्ता में आने के बाद पुलिस विभाग में बड़े तबादले किए गए हैं। IGP बहरुल इस्लाम को भी यूनुस सरकार ही लेकर आई है।

यूनुस सरकार में शामिल लोग और जमात-ए-इस्लामी लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि पुलिसबल में शामिल लोग हसीना सरकार के दौरान उनका उत्पीड़न करते रहे हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के दौरान इस्लामी कट्टरपंथियों ने सबसे अधिक निशाना पुलिस वालों को ही बनाया था। यूनुस सरकार कई पुलिस वालों के खिलाफ जाँच भी कर रही है।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार जाने के बाद लगातार हिन्दुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। भारत सरकार ने हाल ही में संसद में बताया था कि बांग्लादेश से 2200 ऐसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं, जिनमें हिन्दुओं या फिर बाकी अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित किया गया।

बांग्लादेश में हिन्दू संत चिन्मय कृष्ण दास को भी गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उन्होंने हिन्दुओं पर प्रताड़ना का मामला उठाया था। बांग्लादेश में कई हिन्दुओं को कॉलेजों और बाकि संतानों से इस्तीफ़ा देने पर तक मजबूर किया गया है। अब यही नीति पुलिस में अपनाई जा रही है।

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