बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग की सरकार के तख्ता पलट के बाद हिंदुओं के खिलाफ हिंसा अपने चरम पर है। हर रोज किसी ना किसी हिंदू की हत्या, बलात्कार और मंदिरों पर हमले किए जा रहे हैं। एक और हिंदू छात्र की हत्या कर दी गई है। वहीं, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली इस्लामी मुल्क की अंतरिम सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ धार्मिक हिंसा को नकार कर रही है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, मृतक छात्र की पहचान 26 वर्षीय अर्नब कुमार सरकार के तौर पर हुई है। अर्नब खुलना विश्वविद्यालय में MBA के छात्र थे। अर्नब शहर के सोनाडांगा इलाके में स्थित अबू अहमद रोड के रहने वाले नीतीश चंद्र सरकार का बेटा हैं। वे बोसपुरा कॉलेजियट स्कूल के पास रहते थे। कहा जा रहा है कि एक चाय की दुकान पर चाय पीने के दौरान उनके सिर में गोली मारी गई।
Breaking News:- A few hours ago, terrorists publicly shot dead Hindu student of Khulna University Arnab Kumar Sarkar at the Tetultala intersection in Khulna city!! #SaveBangladeshiHindus #AllEyesOnBangladeshiHindus #Trump2025 @RadharamnDas @ANI @TulsiGabbard @BattaKashmiri pic.twitter.com/ha9g9LYe8b— Save Bangladeshi Hindus🇧🇩 (@SBHPage) January 24, 2025
सोनाडांगा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज शफीकुल इस्लाम का कहना है कि शुक्रवार (23 जनवरी 2025) की रात करीब 9 बजे के तेंतुलतला चौराहे पर स्थित एक चाय की दुकान पर अर्नब चाय पी रहे थे। उसी दौरान मोटरसाइकिल से कुछ हमलावर आए और उन्हें गोली मार दी। गोली उनके सिर में लगी और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद हमलावर मौके से फरार हो गए।
इस घटना के बाद स्थानीय लोग अर्नब को सिटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं, खुलना सिटी पुलिस (दक्षिणी डिवीजन) के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद मोनिरुज्जमां ने इसे आतंकी हमला बताया। उन्होंने कहा, “आतंकवादियों ने एक छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी। उसकी हत्या के पीछे का मकसद जानने के लिए जाँच चल रही है।”
खुलना मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एडीसी (मीडिया) मोहम्मद अहसान हबीब ने बताया कि हत्या करने वालों की पहचान की जा रही है और उन्हें पकड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई मोटरसाइकिलों पर सवार होकर 10-12 हमलावरों का एक समूह आया और घटना को अंजाम दिया।
इससे पहले 5 जनवरी को बांग्लादेश के फरीदपुर में अज्ञात हमलावरों ने एक हिन्दू पत्रकार और उसके परिवार को निशाना बनाया। इसमें उनके घर की महिलाओं को गंभीर चोट आईं। घटना मधुखली गाँव की थी। यहाँ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्यामलेंदु बोस अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनका बेटा सौगात बोस दैनिक अजमेर पत्रिका में पत्रकार है।
इसी तरह चटगाँव के पटेंगा काठगढ़ में प्रांत तालुकदार नाम के एक हिंदू युवक को मुस्लिम भीड़ ने पहले अगवा कर लिया और उसके बाद उसे ले जाकर खूब प्रताड़ित किया। इस्लामी कट्टरपंथियों ने प्रांत पर पहले ईशनिंदा का आरोप लगाया था। ऐसी ही घटना दिसंबर 2024 में भी हुई थी, जब मुस्लिम भीड़ ने आकाश दास नाम के युवक पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर 130 हिंदू घरों और 20 मंदिरों में आगजनी की थी।
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में नरैल में 52 साल की हिंदू महिला बसना मलिक की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। बसना के साथ मुस्लिम कट्टरपंथियों ने गैंग रेप किया था। इससे तनाव में आई बसना मलिक ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में लीपापोती शुरू कर दी थी और मृतक का ही चरित्रहनन करने लगी थी। बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न की ऐसी सैकड़ों घटनाएँ हैं।