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केंद्रीय बजट 2025-2026 में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित व्यय के आंकड़ों का विश्लेषण केंद्रीय बजट 2025-2026 में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित व्यय के आंकड़ों का विश्लेषण लोकायुक्त न्यूज़ केंद्रीय बजट 2025-2026 के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित व्यय का उल्लेख किया है। मैं इस पर विस्तृत जानकारी दे सकता हूँ और इन आंकड़ों का विश्लेषण भी कर सकता हूँ।

2025-26 बजट व्यय की मुख्य श्रेणियाँ:

1. रक्षा (4,91,732 करोड़ रुपये): यह बजट देश की सुरक्षा और सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए है। इसमें सेना, नौसेना और वायुसेना की जरूरतों के साथ-साथ रक्षा अनुसंधान और विकास शामिल हैं। 2. ग्रामीण विकास (2,66,817 करोड़ रुपये): यह बजट ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, आधारभूत संरचना, और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए आवंटित है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, और अन्य ग्रामीण कल्याण योजनाएँ शामिल हैं। 3. गृह मंत्रालय (2,33,211 करोड़ रुपये): आंतरिक सुरक्षा, पुलिस बलों को सुदृढ़ करना, और आपदा प्रबंधन के लिए। सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), और अन्य बलों के लिए भी धन आवंटित। 4. कृषि (1,71,437 करोड़ रुपये): किसानों को समर्थन देने, फसल बीमा योजनाओं, और सिंचाई परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए अन्य उपाय। 5. शिक्षा (1,28,650 करोड़ रुपये): स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और अनुसंधान के लिए। डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और नई शिक्षा नीति (NEP) का कार्यान्वयन। 6. स्वास्थ्य (98,311 करोड़ रुपये): स्वास्थ्य सेवाओं, अस्पतालों के उन्नयन, और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के लिए। टीकाकरण कार्यक्रम और स्वास्थ्य के बुनियादी ढाँचे में सुधार। 7. शहरी विकास (96,777 करोड़ रुपये): स्मार्ट सिटी मिशन, शहरी परिवहन, और नगर निगमों के सशक्तिकरण के लिए। स्वच्छ भारत मिशन और हाउसिंग योजनाओं के लिए। 8. आईटी और दूरसंचार (96,298 करोड़ रुपये): डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, 5G इन्फ्रास्ट्रक्चर, और साइबर सुरक्षा के लिए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार। 9. ऊर्जा (81,174 करोड़ रुपये): नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन) और पावर ग्रिड परियोजनाओं में निवेश। ऊर्जा संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा। 10. वाणिज्य और उद्योग (65,553 करोड़ रुपये): व्यापार सुगमता, निर्यात बढ़ाने, और उद्योगों के विकास के लिए। मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया पहल का समर्थन। 11. समाज कल्याण (60,052 करोड़ रुपये): सामाजिक सुरक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण, और महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए। वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन कल्याण और अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण योजनाएँ। 12. वैज्ञानिक विभाग (55,679 करोड़ रुपये): अंतरिक्ष अनुसंधान, जैव प्रौद्योगिकी, और वैज्ञानिक विकास में निवेश। ISRO और अन्य अनुसंधान संगठनों के लिए फंड। बजट का विश्लेषण -: रक्षा और सुरक्षा पर सबसे अधिक फोकस: यह दर्शाता है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। ग्रामीण और कृषि विकास पर निवेश: ग्रामीण भारत की समृद्धि और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है। शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान -: नई शिक्षा नीति और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सकारात्मक कदम। हरित ऊर्जा पर जोर -: ऊर्जा बजट में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का महत्व दिखता है।
  Click to listen highlighted text! केंद्रीय बजट 2025-2026 में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित व्यय के आंकड़ों का विश्लेषण केंद्रीय बजट 2025-2026 में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित व्यय के आंकड़ों का विश्लेषण लोकायुक्त न्यूज़ केंद्रीय बजट 2025-2026 के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित व्यय का उल्लेख किया है। मैं इस पर विस्तृत जानकारी दे सकता हूँ और इन आंकड़ों का विश्लेषण भी कर सकता हूँ। 2025-26 बजट व्यय की मुख्य श्रेणियाँ: 1. रक्षा (4,91,732 करोड़ रुपये): यह बजट देश की सुरक्षा और सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए है। इसमें सेना, नौसेना और वायुसेना की जरूरतों के साथ-साथ रक्षा अनुसंधान और विकास शामिल हैं। 2. ग्रामीण विकास (2,66,817 करोड़ रुपये): यह बजट ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, आधारभूत संरचना, और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए आवंटित है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, और अन्य ग्रामीण कल्याण योजनाएँ शामिल हैं। 3. गृह मंत्रालय (2,33,211 करोड़ रुपये): आंतरिक सुरक्षा, पुलिस बलों को सुदृढ़ करना, और आपदा प्रबंधन के लिए। सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), और अन्य बलों के लिए भी धन आवंटित। 4. कृषि (1,71,437 करोड़ रुपये): किसानों को समर्थन देने, फसल बीमा योजनाओं, और सिंचाई परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए अन्य उपाय। 5. शिक्षा (1,28,650 करोड़ रुपये): स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और अनुसंधान के लिए। डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और नई शिक्षा नीति (NEP) का कार्यान्वयन। 6. स्वास्थ्य (98,311 करोड़ रुपये): स्वास्थ्य सेवाओं, अस्पतालों के उन्नयन, और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के लिए। टीकाकरण कार्यक्रम और स्वास्थ्य के बुनियादी ढाँचे में सुधार। 7. शहरी विकास (96,777 करोड़ रुपये): स्मार्ट सिटी मिशन, शहरी परिवहन, और नगर निगमों के सशक्तिकरण के लिए। स्वच्छ भारत मिशन और हाउसिंग योजनाओं के लिए। 8. आईटी और दूरसंचार (96,298 करोड़ रुपये): डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, 5G इन्फ्रास्ट्रक्चर, और साइबर सुरक्षा के लिए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार। 9. ऊर्जा (81,174 करोड़ रुपये): नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन) और पावर ग्रिड परियोजनाओं में निवेश। ऊर्जा संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा। 10. वाणिज्य और उद्योग (65,553 करोड़ रुपये): व्यापार सुगमता, निर्यात बढ़ाने, और उद्योगों के विकास के लिए। मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया पहल का समर्थन। 11. समाज कल्याण (60,052 करोड़ रुपये): सामाजिक सुरक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण, और महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए। वृद्धावस्था पेंशन, दिव्यांगजन कल्याण और अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण योजनाएँ। 12. वैज्ञानिक विभाग (55,679 करोड़ रुपये): अंतरिक्ष अनुसंधान, जैव प्रौद्योगिकी, और वैज्ञानिक विकास में निवेश। ISRO और अन्य अनुसंधान संगठनों के लिए फंड। बजट का विश्लेषण -: रक्षा और सुरक्षा पर सबसे अधिक फोकस: यह दर्शाता है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है। ग्रामीण और कृषि विकास पर निवेश: ग्रामीण भारत की समृद्धि और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है। शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान -: नई शिक्षा नीति और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सकारात्मक कदम। हरित ऊर्जा पर जोर -: ऊर्जा बजट में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का महत्व दिखता है।

केंद्रीय बजट 2025-2026 में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित व्यय के आंकड़ों का विश्लेषण

केंद्रीय बजट 2025-2026 में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित व्यय के आंकड़ों का विश्लेषण

लोकायुक्त न्यूज़
केंद्रीय बजट 2025-2026 के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए आवंटित व्यय का उल्लेख किया है। मैं इस पर विस्तृत जानकारी दे सकता हूँ और इन आंकड़ों का विश्लेषण भी कर सकता हूँ।

2025-26 बजट व्यय की मुख्य श्रेणियाँ:

1. रक्षा (4,91,732 करोड़ रुपये):

यह बजट देश की सुरक्षा और सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के लिए है। इसमें सेना, नौसेना और वायुसेना की जरूरतों के साथ-साथ रक्षा अनुसंधान और विकास शामिल हैं।

2. ग्रामीण विकास (2,66,817 करोड़ रुपये):

यह बजट ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, आधारभूत संरचना, और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए आवंटित है।

इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, और अन्य ग्रामीण कल्याण योजनाएँ शामिल हैं।

3. गृह मंत्रालय (2,33,211 करोड़ रुपये):

आंतरिक सुरक्षा, पुलिस बलों को सुदृढ़ करना, और आपदा प्रबंधन के लिए।

सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), और अन्य बलों के लिए भी धन आवंटित।

4. कृषि (1,71,437 करोड़ रुपये):

किसानों को समर्थन देने, फसल बीमा योजनाओं, और सिंचाई परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) योजना और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए अन्य उपाय।

5. शिक्षा (1,28,650 करोड़ रुपये):

स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और अनुसंधान के लिए।

डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और नई शिक्षा नीति (NEP) का कार्यान्वयन।

6. स्वास्थ्य (98,311 करोड़ रुपये):

स्वास्थ्य सेवाओं, अस्पतालों के उन्नयन, और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के लिए।

टीकाकरण कार्यक्रम और स्वास्थ्य के बुनियादी ढाँचे में सुधार।

7. शहरी विकास (96,777 करोड़ रुपये):

स्मार्ट सिटी मिशन, शहरी परिवहन, और नगर निगमों के सशक्तिकरण के लिए।

स्वच्छ भारत मिशन और हाउसिंग योजनाओं के लिए।

8. आईटी और दूरसंचार (96,298 करोड़ रुपये):

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम, 5G इन्फ्रास्ट्रक्चर, और साइबर सुरक्षा के लिए।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार।

9. ऊर्जा (81,174 करोड़ रुपये):

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन) और पावर ग्रिड परियोजनाओं में निवेश।

ऊर्जा संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा।

10. वाणिज्य और उद्योग (65,553 करोड़ रुपये):

व्यापार सुगमता, निर्यात बढ़ाने, और उद्योगों के विकास के लिए।

मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया पहल का समर्थन।

11. समाज कल्याण (60,052 करोड़ रुपये):

सामाजिक सुरक्षा, अल्पसंख्यक कल्याण, और महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए।

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बजट का विश्लेषण -: रक्षा और सुरक्षा पर सबसे अधिक फोकस: यह दर्शाता है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है।

ग्रामीण और कृषि विकास पर निवेश: ग्रामीण भारत की समृद्धि और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना भी महत्वपूर्ण है।

शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान -: नई शिक्षा नीति और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सकारात्मक कदम।

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