
होली और रमजान के मद्देनज़र अलीगढ़ प्रशासन सतर्क, मस्जिदों की ऐसे की गई सुरक्षा व्यवस्था!
लोकायुक्त न्यूज़
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में होली और रमजान के एक साथ पड़ने के चलते अलीगढ़ प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए शहर की चार प्रमुख मस्जिदों को तिरपाल से ढककर नजरबंद कर दिया है। इनमें ऊपरकोट नगर कोतवाली इलाके के अब्दुल करीम चौराहे की शीशे वाली मस्जिद, देहली गेट, बाबरी मंडी और आसपास के अन्य क्षेत्र शामिल हैं। अलीगढ़ को अतिसंवेदनशील शहरों में गिना जाता है, और यहां त्योहारों के दौरान शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन हर बार अतिरिक्त सतर्कता बरतता है।
इस बार होली और रमजान एक साथ पड़ रहे हैं, जिसके कारण यह सावधानी और भी जरूरी हो गई है। शुक्रवार को होली के धूल वाले दिन जुमे की नमाज भी है, जो प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है। बीते वर्षों में होली के दौरान मस्जिदों पर रंग पड़ने और तनाव बढ़ने की घटनाएं हो चुकी हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने मस्जिद कमेटियों के सहयोग से मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का निर्णय लिया।
अब्दुल करीम चौराहे पर सुरक्षा का खास इंतजाम : अब्दुल करीम चौराहा, जो पुराने शहर के बड़े बाजार में स्थित है, हमेशा से संवेदनशील रहा है। यहां शीशे वाली मस्जिद ठीक चौराहे पर स्थित है। मस्जिद कमेटी ने प्रशासन के आदेश पर मस्जिद को तिरपाल से ढक दिया है। बाजार के व्यापारी होली के दौरान चौराहे पर ड्रम और डीजे साउंड के साथ रंग खेलते हैं। मस्जिद कमेटी के सचिव मोहम्मद जाकिर ने बताया कि ऐसा कदम इसीलिए उठाया गया है ताकि मस्जिद पर रंग-गुलाल की छींटें न पड़ें और किसी भी तरह का विवाद न हो।
एकता और सौहार्द बनाए रखने की अपील : मस्जिद कमेटी के सदस्य मोहम्मद अशफाक ने कहा, “पहले जो घटनाएं हो चुकी हैं, उनकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए यह आवश्यक है। हम सभी हिंदू-मुस्लिम भाइयों से अपील करते हैं कि त्योहारों को मिलजुल कर मनाएं और शहर की एकता को बनाए रखें।”
2765 स्थानों पर होलिका दहन, 67 अतिसंवेदनशील स्थान चिन्हित : प्रशासन ने बताया कि इस साल अलीगढ़ शहर में 968 और ग्रामीण क्षेत्रों में 1797 स्थानों पर होलिका दहन होगा। पुलिस प्रशासन ने 67 स्थानों को अतिसंवेदनशील और 105 स्थानों को संवेदनशील घोषित किया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया : मोहम्मद सुफियान यासीन, एक क्षेत्रीय व्यक्ति, ने कहा, “यह कदम शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए है। प्रशासन का यह प्रयास सराहनीय है, और हमें इसे सहयोग करना चाहिए।”
प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए मस्जिद कमेटियों और स्थानीय समुदाय के साथ समन्वय बनाकर शांति और भाईचारे की अपील की है।