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झांसी मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्ची ने इलाज के अभाव में तोड़ दिया दम-अस्पताल व जिला प्रशासन पर उठे सवाल…… झांसी मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्ची ने इलाज के अभाव में तोड़ दिया दम-अस्पताल व जिला प्रशासन पर उठे सवाल..... लोकायुक्त न्यूज़ उत्तर प्रदेश में झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक नवजात बच्ची ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। इस मामले ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है, बल्कि इंसानियत पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं,यह घटना दिल को झकझोर देने वाली है। https://youtu.be/FG63LfgAKdk झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में यह घटना सुबह के समय हुई। एक नवजात बच्ची सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रही थी। अस्पताल में उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती तो किया गया, लेकिन वेंटिलेटर की कमी के कारण सही इलाज नहीं मिल पाया। मजबूर होकर पिता ने प्राइवेट एंबुलेंस से बच्ची को जिला अस्पताल ले जाने का फैसला किया। लेकिन वहां भी बच्ची को एडमिट करने से इनकार कर दिया गया। निराश पिता, जिसे हर जगह से मदद की उम्मीद टूट चुकी थी, अपनी बेटी को लेकर फिर मेडिकल कॉलेज लौटा। वहां भी कोई मदद नहीं मिली। पूरे 5 घंटे तक पिता अपनी बेटी को बचाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन अंत में मासूम ने दम तोड़ दिया। यह घटना न केवल एक पिता की बेबसी की कहानी है, बल्कि उस लापरवाह व्यवस्था की भी, जो मरीजों की जिंदगी को हल्के में लेती है। अगर समय पर इलाज मिलता, तो शायद बच्ची की जान बच सकती थी। यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है। यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था वाकई जिम्मेदारी निभा रही है? क्या आम नागरिकों की जिंदगी इतनी सस्ती हो चुकी है कि कोई ध्यान देने को तैयार नहीं? मृतक नवजात बच्ची के पिता का बयान : डॉ. सचिन माहौर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी। यह घटना केवल एक परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि यह पूरी व्यवस्था की असफलता का आईना है। उम्मीद है कि प्रशासन इस पर ध्यान देगा और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाएगा।   Click to listen highlighted text! झांसी मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्ची ने इलाज के अभाव में तोड़ दिया दम-अस्पताल व जिला प्रशासन पर उठे सवाल…… झांसी मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्ची ने इलाज के अभाव में तोड़ दिया दम-अस्पताल व जिला प्रशासन पर उठे सवाल..... लोकायुक्त न्यूज़ उत्तर प्रदेश में झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक नवजात बच्ची ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। इस मामले ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है, बल्कि इंसानियत पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं,यह घटना दिल को झकझोर देने वाली है। https://youtu.be/FG63LfgAKdk झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में यह घटना सुबह के समय हुई। एक नवजात बच्ची सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रही थी। अस्पताल में उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती तो किया गया, लेकिन वेंटिलेटर की कमी के कारण सही इलाज नहीं मिल पाया। मजबूर होकर पिता ने प्राइवेट एंबुलेंस से बच्ची को जिला अस्पताल ले जाने का फैसला किया। लेकिन वहां भी बच्ची को एडमिट करने से इनकार कर दिया गया। निराश पिता, जिसे हर जगह से मदद की उम्मीद टूट चुकी थी, अपनी बेटी को लेकर फिर मेडिकल कॉलेज लौटा। वहां भी कोई मदद नहीं मिली। पूरे 5 घंटे तक पिता अपनी बेटी को बचाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन अंत में मासूम ने दम तोड़ दिया। यह घटना न केवल एक पिता की बेबसी की कहानी है, बल्कि उस लापरवाह व्यवस्था की भी, जो मरीजों की जिंदगी को हल्के में लेती है। अगर समय पर इलाज मिलता, तो शायद बच्ची की जान बच सकती थी। यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है। यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था वाकई जिम्मेदारी निभा रही है? क्या आम नागरिकों की जिंदगी इतनी सस्ती हो चुकी है कि कोई ध्यान देने को तैयार नहीं? मृतक नवजात बच्ची के पिता का बयान : डॉ. सचिन माहौर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी। यह घटना केवल एक परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि यह पूरी व्यवस्था की असफलता का आईना है। उम्मीद है कि प्रशासन इस पर ध्यान देगा और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाएगा।

झांसी मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्ची ने इलाज के अभाव में तोड़ दिया दम-अस्पताल व जिला प्रशासन पर उठे सवाल……

झांसी मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्ची ने इलाज के अभाव में तोड़ दिया दम-अस्पताल व जिला प्रशासन पर उठे सवाल…..

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उत्तर प्रदेश में झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में एक नवजात बच्ची ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। इस मामले ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है, बल्कि इंसानियत पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं,यह घटना दिल को झकझोर देने वाली है।

झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में यह घटना सुबह के समय हुई। एक नवजात बच्ची सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रही थी। अस्पताल में उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती तो किया गया, लेकिन वेंटिलेटर की कमी के कारण सही इलाज नहीं मिल पाया। मजबूर होकर पिता ने प्राइवेट एंबुलेंस से बच्ची को जिला अस्पताल ले जाने का फैसला किया।

लेकिन वहां भी बच्ची को एडमिट करने से इनकार कर दिया गया। निराश पिता, जिसे हर जगह से मदद की उम्मीद टूट चुकी थी, अपनी बेटी को लेकर फिर मेडिकल कॉलेज लौटा। वहां भी कोई मदद नहीं मिली। पूरे 5 घंटे तक पिता अपनी बेटी को बचाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन अंत में मासूम ने दम तोड़ दिया।

यह घटना न केवल एक पिता की बेबसी की कहानी है, बल्कि उस लापरवाह व्यवस्था की भी, जो मरीजों की जिंदगी को हल्के में लेती है। अगर समय पर इलाज मिलता, तो शायद बच्ची की जान बच सकती थी। यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है।

यह घटना समाज को सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था वाकई जिम्मेदारी निभा रही है? क्या आम नागरिकों की जिंदगी इतनी सस्ती हो चुकी है कि कोई ध्यान देने को तैयार नहीं?

मृतक नवजात बच्ची के पिता का बयान : डॉ. सचिन माहौर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी।

यह घटना केवल एक परिवार का दर्द नहीं है, बल्कि यह पूरी व्यवस्था की असफलता का आईना है। उम्मीद है कि प्रशासन इस पर ध्यान देगा और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाएगा।

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