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बुद्धा हॉस्पिटल का फर्जीवाड़ा उजागर,ऑपरेशन कांड की जांच को सीएमओ ने बनाई टीम

बुद्धा हॉस्पिटल का फर्जीवाड़ा उजागर,ऑपरेशन कांड की जांच को सीएमओ ने बनाई टीम

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एक्सपोज होने के बाद बुद्धा हॉस्पिटल ने कृष्णा का दुसरे जगह कराया दोबारा आपरेशन

सीएमओ को मैनेज करने में जुटे बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक

लोकायुक्त न्यूज

कुशीनगर। गरीब मजदूर के जिन्दगी से खिलवाड़ व आयुष्मान भारत योजना के धन को लूट-खसोट करने वाला बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के कारगुजारियों को जब मीडिया द्वारा एक्सपोज किया गया तो हॉस्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा आनन-फानन मे पीडित मरीज व उसके परिजनों को लालच देकर  दोबारा दुसरे जगह आप्रेशन करा दिया।  जबकि इसके पूर्व हॉस्पिटल संचालक सीधे मुंह मरीज से बात नही कर रहे थे। सूत्रो का कहना है कार्रवाई से बचने के लिए नंदलाल कुशवाहा ने सीएमओ कार्यालय के अपने स्वजातीय अधिकारी व कर्मचारी के माध्यम से नवागत सीएमओ को मैनेज करने में जुटे है। अब देखना दिलचस्प होगा कि गरीबो के जिन्दगी से खेलने व पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को अपने कमाई का जरिया बनाने वाले बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा के खिलाफ सीएमओ कार्रवाई करते है या फिर पूर्व सीएमओ डाॅ. सुरेश पटारिया की तरह नंदलाल का रहनुमा बनकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लूटने और लोगो के जिन्दगी से खेलने का खुला छूट देते है।

फ्लैशबैक

बता दे कि मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला जनपद के दुदही ब्लाक क्षेत्र के जिरात गांव के निवासी 48 वर्षीय कृष्णा पुत्र स्व. नरायण वर्मा के पेट मे दर्द महसूस होने पर वह पडरौना के सरकारी हॉस्पिटल के चिकित्सक के सलाह पर अल्ट्रासाउंड कराया तो पित्त की थैली में पथरी की शिकायत मिली, फिर उस सरकारी चिकित्सक के कहने पर ही कृष्णा बीते वर्ष जून माह प्रथम सप्ताह में पडरौना नगर के छावनी के पडरौना-कसया रोड पर स्थित बुद्धा हॉस्पिटल मे ऑपरेशन करवाया था। आपरेशन आयुष्मान भारत योजना के कार्ड से किया गया। बुद्धा हॉस्पिटल मे कृष्णा का आप्रेशन डाॅ.अंशुमान पाण्डेय ने किया ऐसा बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा का कहना है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार डाॅ. अंशुमान पाण्डेय ने तकरीबन बीस इंच पेट चीरकर कृष्णा का आपरेशन किया तो फिर कृष्णा के पेट से पित्त की थैली व पथरी को क्यो नही निकाला? इसके पीछे चिकित्सक और हॉस्पिटल संचालक की मंशा क्या थी? परिजनों को विश्वास में लेने के हॉस्पिटल प्रशासन ने क्यो फर्जी तरीके से कटोरे मे रखकर पित्त की थैली व पथरी दिखाया गया? बताया जाता है कि बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर द्वारा 8 जून-2024 को कृष्णा को डिस्चार्ज करने के बाद ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर अंशुमान पाण्डेय ने कुछ दिनों तक दवा चलाया। कृष्णा की माने तो जब वह खुद को स्वस्थ महसूस करने लगा तो परिवार के जीविकोपार्जन के लिए  मजदूरी पर काम शुरू कर दिया। लेकिन कार्य करते समय फिर उसके पेट मे दर्द होने लगा जो ऑपरेशन के पूर्व हुआ करता था। फिर वह काम को छोड़कर वापस घर आ गया और दोबारा सरकारी हॉस्पिटल के उस डॉक्टर को दिखाकर अल्ट्रासाउंड कराया। पीडित कृष्णा के मुताबिक दोबारा अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लेकर जब सरकारी डाक्टर के पास गया तो रिपोर्ट मे पित्त की थैली और पथरी जस के तस थी यह देख डाक्टर सहित कृष्णा के होश उड़ गये। इस दौरान  सरकारी हॉस्पिटल के डाक्टर ने कहा कि बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर ने तुम्हारे जिन्दगी व आयुष्मान भारत योजना के साथ खिलवाड़ किया है।

बुद्धा हॉस्पिटल ने कृष्णा का दोबारा कराया आपरेशन

कहना ना हो बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के कारगुजारियों को जब मीडिया ने एक्सपोज किया तो बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा ने तत्काल पीडित कृष्णा के परिजनों से संपर्क किया। सूत्र बताते है कि नंदलाल कुशवाहा ने कृष्णा के परिजनों को मोटी रकम का लालच देकर आनन-फानन में कृष्णा का दुसरे जगह आपरेशन कराया है जिसे गुरुवार को हॉस्पिटल द्वारा डिस्चार्ज किया गया है। सूत्र बताते है कि दोबारा आपरेशन से पहले जहां लाखो रुपये देने की बात कही गयी थी वही आपरेशन के बाद संचालक ने बीस हजार रुपये देकर पल्ला झाड़ लिया। इस बात मे कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है। लेकिन इससे यह तो साबित हो गया कि पीडित कृष्णा ने बुद्धा हॉस्पिटल पर जो आरोप लगाया था वह पूर्णतः सत्य है।

जानकार बोले अपराध नही छुपता

मीडिया द्वारा एक्सपोज करने के बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा भले ही कृष्णा का दोबारा आपरेशन कराकर अपनी कुटनीति पर इतरा रहे है लेकिन जानकारो का कहना है कि इससे बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर की कारगुजारी किस्सा व अपराध नही खत्म नही होता है। सवाल अब यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि पहली बार कृष्णा का पेट चीरने के बावजूद पथरी और पित्त की थैली क्यो नही निकाली गयी। सवाल यह भी उठता है कि कृष्णा के आयुष्मान कार्ड पर बुद्धा हास्पिटल ने कितना भुगतान लिया है।

हॉस्पिटल संचालक बोले

इस संबंध मे जब बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा से बात की गयी तो उन्होने बताया कि कृष्णा का आपरेशन हुआ था, आपरेशन डाॅ. अंशुमान पाण्डेय ने किया था। आपरेशन के दौरान पथरी नही निकाली इसकी जानकारी नही है। आपरेशन के बाद कभी मरीज उसने नही मिला। मजे की बात यह है कि जब नंदलाल कुशवाहा मीडिया से बात कर रहे थे उस समय उनके द्वारा कृष्णा का दोबारा आपरेशन कराया जा चुका था और उसे डिस्चार्ज किया जा रहा था।

*सीएमओ बोले-जांच टीम गठित कर दी गयी है

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अनुपम प्रकाश भाष्कर से जब बुद्धा हॉस्पिटल के कारगुजारियों के बारे मे बात की गयी तो उन्होने कहा कि मामला संज्ञान में आया है टीम गठित कर दी गयी है जांचोपरांत दोषी पाये जाने पर हॉस्पिटल के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई की जायेगी।

  Click to listen highlighted text! बुद्धा हॉस्पिटल का फर्जीवाड़ा उजागर,ऑपरेशन कांड की जांच को सीएमओ ने बनाई टीम बुद्धा हॉस्पिटल का फर्जीवाड़ा उजागर,ऑपरेशन कांड की जांच को सीएमओ ने बनाई टीम एक्सपोज होने के बाद बुद्धा हॉस्पिटल ने कृष्णा का दुसरे जगह कराया दोबारा आपरेशन सीएमओ को मैनेज करने में जुटे बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक लोकायुक्त न्यूज कुशीनगर। गरीब मजदूर के जिन्दगी से खिलवाड़ व आयुष्मान भारत योजना के धन को लूट-खसोट करने वाला बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के कारगुजारियों को जब मीडिया द्वारा एक्सपोज किया गया तो हॉस्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा आनन-फानन मे पीडित मरीज व उसके परिजनों को लालच देकर  दोबारा दुसरे जगह आप्रेशन करा दिया।  जबकि इसके पूर्व हॉस्पिटल संचालक सीधे मुंह मरीज से बात नही कर रहे थे। सूत्रो का कहना है कार्रवाई से बचने के लिए नंदलाल कुशवाहा ने सीएमओ कार्यालय के अपने स्वजातीय अधिकारी व कर्मचारी के माध्यम से नवागत सीएमओ को मैनेज करने में जुटे है। अब देखना दिलचस्प होगा कि गरीबो के जिन्दगी से खेलने व पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को अपने कमाई का जरिया बनाने वाले बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा के खिलाफ सीएमओ कार्रवाई करते है या फिर पूर्व सीएमओ डाॅ. सुरेश पटारिया की तरह नंदलाल का रहनुमा बनकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लूटने और लोगो के जिन्दगी से खेलने का खुला छूट देते है। फ्लैशबैक बता दे कि मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला जनपद के दुदही ब्लाक क्षेत्र के जिरात गांव के निवासी 48 वर्षीय कृष्णा पुत्र स्व. नरायण वर्मा के पेट मे दर्द महसूस होने पर वह पडरौना के सरकारी हॉस्पिटल के चिकित्सक के सलाह पर अल्ट्रासाउंड कराया तो पित्त की थैली में पथरी की शिकायत मिली, फिर उस सरकारी चिकित्सक के कहने पर ही कृष्णा बीते वर्ष जून माह प्रथम सप्ताह में पडरौना नगर के छावनी के पडरौना-कसया रोड पर स्थित बुद्धा हॉस्पिटल मे ऑपरेशन करवाया था। आपरेशन आयुष्मान भारत योजना के कार्ड से किया गया। बुद्धा हॉस्पिटल मे कृष्णा का आप्रेशन डाॅ.अंशुमान पाण्डेय ने किया ऐसा बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा का कहना है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार डाॅ. अंशुमान पाण्डेय ने तकरीबन बीस इंच पेट चीरकर कृष्णा का आपरेशन किया तो फिर कृष्णा के पेट से पित्त की थैली व पथरी को क्यो नही निकाला? इसके पीछे चिकित्सक और हॉस्पिटल संचालक की मंशा क्या थी? परिजनों को विश्वास में लेने के हॉस्पिटल प्रशासन ने क्यो फर्जी तरीके से कटोरे मे रखकर पित्त की थैली व पथरी दिखाया गया? बताया जाता है कि बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर द्वारा 8 जून-2024 को कृष्णा को डिस्चार्ज करने के बाद ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर अंशुमान पाण्डेय ने कुछ दिनों तक दवा चलाया। कृष्णा की माने तो जब वह खुद को स्वस्थ महसूस करने लगा तो परिवार के जीविकोपार्जन के लिए  मजदूरी पर काम शुरू कर दिया। लेकिन कार्य करते समय फिर उसके पेट मे दर्द होने लगा जो ऑपरेशन के पूर्व हुआ करता था। फिर वह काम को छोड़कर वापस घर आ गया और दोबारा सरकारी हॉस्पिटल के उस डॉक्टर को दिखाकर अल्ट्रासाउंड कराया। पीडित कृष्णा के मुताबिक दोबारा अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लेकर जब सरकारी डाक्टर के पास गया तो रिपोर्ट मे पित्त की थैली और पथरी जस के तस थी यह देख डाक्टर सहित कृष्णा के होश उड़ गये। इस दौरान  सरकारी हॉस्पिटल के डाक्टर ने कहा कि बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर ने तुम्हारे जिन्दगी व आयुष्मान भारत योजना के साथ खिलवाड़ किया है। बुद्धा हॉस्पिटल ने कृष्णा का दोबारा कराया आपरेशन कहना ना हो बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के कारगुजारियों को जब मीडिया ने एक्सपोज किया तो बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा ने तत्काल पीडित कृष्णा के परिजनों से संपर्क किया। सूत्र बताते है कि नंदलाल कुशवाहा ने कृष्णा के परिजनों को मोटी रकम का लालच देकर आनन-फानन में कृष्णा का दुसरे जगह आपरेशन कराया है जिसे गुरुवार को हॉस्पिटल द्वारा डिस्चार्ज किया गया है। सूत्र बताते है कि दोबारा आपरेशन से पहले जहां लाखो रुपये देने की बात कही गयी थी वही आपरेशन के बाद संचालक ने बीस हजार रुपये देकर पल्ला झाड़ लिया। इस बात मे कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है। लेकिन इससे यह तो साबित हो गया कि पीडित कृष्णा ने बुद्धा हॉस्पिटल पर जो आरोप लगाया था वह पूर्णतः सत्य है। जानकार बोले अपराध नही छुपता मीडिया द्वारा एक्सपोज करने के बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा भले ही कृष्णा का दोबारा आपरेशन कराकर अपनी कुटनीति पर इतरा रहे है लेकिन जानकारो का कहना है कि इससे बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर की कारगुजारी किस्सा व अपराध नही खत्म नही होता है। सवाल अब यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि पहली बार कृष्णा का पेट चीरने के बावजूद पथरी और पित्त की थैली क्यो नही निकाली गयी। सवाल यह भी उठता है कि कृष्णा के आयुष्मान कार्ड पर बुद्धा हास्पिटल ने कितना भुगतान लिया है। हॉस्पिटल संचालक बोले इस संबंध मे जब बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा से बात की गयी तो उन्होने बताया कि कृष्णा का आपरेशन हुआ था, आपरेशन डाॅ. अंशुमान पाण्डेय ने किया था। आपरेशन के दौरान पथरी नही निकाली इसकी जानकारी नही है। आपरेशन के बाद कभी मरीज उसने नही मिला। मजे की बात यह है कि जब नंदलाल कुशवाहा मीडिया से बात कर रहे थे उस समय उनके द्वारा कृष्णा का दोबारा आपरेशन कराया जा चुका था और उसे डिस्चार्ज किया जा रहा था। *सीएमओ बोले-जांच टीम गठित कर दी गयी है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अनुपम प्रकाश भाष्कर से जब बुद्धा हॉस्पिटल के कारगुजारियों के बारे मे बात की गयी तो उन्होने कहा कि मामला संज्ञान में आया है टीम गठित कर दी गयी है जांचोपरांत दोषी पाये जाने पर हॉस्पिटल के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई की जायेगी।

बुद्धा हॉस्पिटल का फर्जीवाड़ा उजागर,ऑपरेशन कांड की जांच को सीएमओ ने बनाई टीम

बुद्धा हॉस्पिटल का फर्जीवाड़ा उजागर,ऑपरेशन कांड की जांच को सीएमओ ने बनाई टीम

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एक्सपोज होने के बाद बुद्धा हॉस्पिटल ने कृष्णा का दुसरे जगह कराया दोबारा आपरेशन

सीएमओ को मैनेज करने में जुटे बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक

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कुशीनगर। गरीब मजदूर के जिन्दगी से खिलवाड़ व आयुष्मान भारत योजना के धन को लूट-खसोट करने वाला बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के कारगुजारियों को जब मीडिया द्वारा एक्सपोज किया गया तो हॉस्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा आनन-फानन मे पीडित मरीज व उसके परिजनों को लालच देकर  दोबारा दुसरे जगह आप्रेशन करा दिया।  जबकि इसके पूर्व हॉस्पिटल संचालक सीधे मुंह मरीज से बात नही कर रहे थे। सूत्रो का कहना है कार्रवाई से बचने के लिए नंदलाल कुशवाहा ने सीएमओ कार्यालय के अपने स्वजातीय अधिकारी व कर्मचारी के माध्यम से नवागत सीएमओ को मैनेज करने में जुटे है। अब देखना दिलचस्प होगा कि गरीबो के जिन्दगी से खेलने व पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को अपने कमाई का जरिया बनाने वाले बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा के खिलाफ सीएमओ कार्रवाई करते है या फिर पूर्व सीएमओ डाॅ. सुरेश पटारिया की तरह नंदलाल का रहनुमा बनकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लूटने और लोगो के जिन्दगी से खेलने का खुला छूट देते है।

फ्लैशबैक

बता दे कि मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करने वाला जनपद के दुदही ब्लाक क्षेत्र के जिरात गांव के निवासी 48 वर्षीय कृष्णा पुत्र स्व. नरायण वर्मा के
पेट मे दर्द महसूस होने पर वह पडरौना के सरकारी हॉस्पिटल के चिकित्सक के सलाह पर अल्ट्रासाउंड कराया तो पित्त की थैली में पथरी की शिकायत मिली, फिर उस सरकारी चिकित्सक के कहने पर ही कृष्णा बीते वर्ष जून माह प्रथम सप्ताह में पडरौना नगर के छावनी के पडरौना-कसया रोड पर स्थित बुद्धा हॉस्पिटल मे ऑपरेशन करवाया था। आपरेशन आयुष्मान भारत योजना के कार्ड से किया गया। बुद्धा हॉस्पिटल मे कृष्णा का आप्रेशन डाॅ.अंशुमान पाण्डेय ने किया ऐसा बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा का कहना है। अब सवाल यह उठता है कि आखिरकार डाॅ. अंशुमान पाण्डेय ने तकरीबन बीस इंच पेट चीरकर कृष्णा का आपरेशन किया तो फिर कृष्णा के पेट से पित्त की थैली व पथरी को क्यो नही निकाला? इसके पीछे चिकित्सक और हॉस्पिटल संचालक की मंशा क्या थी? परिजनों को विश्वास में लेने के हॉस्पिटल प्रशासन ने क्यो फर्जी तरीके से कटोरे मे रखकर पित्त की थैली व पथरी दिखाया गया? बताया जाता है कि बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर द्वारा 8 जून-2024 को कृष्णा को डिस्चार्ज करने के बाद ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर अंशुमान पाण्डेय ने कुछ दिनों तक दवा चलाया। कृष्णा की माने तो जब वह खुद को स्वस्थ महसूस करने लगा तो परिवार के जीविकोपार्जन के लिए  मजदूरी पर काम शुरू कर दिया। लेकिन कार्य करते समय फिर उसके पेट मे दर्द होने लगा जो ऑपरेशन के पूर्व हुआ करता था। फिर वह काम को छोड़कर वापस घर आ गया और दोबारा सरकारी हॉस्पिटल के उस डॉक्टर को दिखाकर अल्ट्रासाउंड कराया। पीडित कृष्णा के मुताबिक दोबारा अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लेकर जब सरकारी डाक्टर के पास गया तो रिपोर्ट मे पित्त की थैली और पथरी जस के तस थी यह देख डाक्टर सहित कृष्णा के होश उड़ गये। इस दौरान  सरकारी हॉस्पिटल के डाक्टर ने कहा कि बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर ने तुम्हारे जिन्दगी व आयुष्मान भारत योजना के साथ खिलवाड़ किया है।

बुद्धा हॉस्पिटल ने कृष्णा का दोबारा कराया आपरेशन

कहना ना हो बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के कारगुजारियों को जब मीडिया ने एक्सपोज किया तो बुद्धा हॉस्पिटल के संचालक नंदलाल कुशवाहा ने तत्काल पीडित कृष्णा के परिजनों से संपर्क किया। सूत्र बताते है कि नंदलाल कुशवाहा ने कृष्णा के परिजनों को मोटी रकम का लालच देकर आनन-फानन में कृष्णा का दुसरे जगह आपरेशन कराया है जिसे गुरुवार को हॉस्पिटल द्वारा डिस्चार्ज किया गया है। सूत्र बताते है कि दोबारा आपरेशन से पहले जहां लाखो रुपये देने की बात कही गयी थी वही आपरेशन के बाद संचालक ने बीस हजार रुपये देकर पल्ला झाड़ लिया। इस बात मे कितनी सच्चाई है यह जांच का विषय है। लेकिन इससे यह तो साबित हो गया कि पीडित कृष्णा ने बुद्धा हॉस्पिटल पर जो आरोप लगाया था वह पूर्णतः सत्य है।

जानकार बोले अपराध नही छुपता

मीडिया द्वारा एक्सपोज करने के बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा भले ही कृष्णा का दोबारा आपरेशन कराकर अपनी कुटनीति पर इतरा रहे है लेकिन जानकारो का कहना है कि इससे बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर की कारगुजारी किस्सा व अपराध नही खत्म नही होता है। सवाल अब यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि पहली बार कृष्णा का पेट चीरने के बावजूद पथरी और पित्त की थैली क्यो नही निकाली गयी। सवाल यह भी उठता है कि कृष्णा के आयुष्मान कार्ड पर बुद्धा हास्पिटल ने कितना भुगतान लिया है।

हॉस्पिटल संचालक बोले

इस संबंध मे जब बुद्धा हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के संचालक नंदलाल कुशवाहा से बात की गयी तो उन्होने बताया कि कृष्णा का आपरेशन हुआ था, आपरेशन डाॅ. अंशुमान पाण्डेय ने किया था। आपरेशन के दौरान पथरी नही निकाली इसकी जानकारी नही है। आपरेशन के बाद कभी मरीज उसने नही मिला। मजे की बात यह है कि जब नंदलाल कुशवाहा मीडिया से बात कर रहे थे उस समय उनके द्वारा कृष्णा का दोबारा आपरेशन कराया जा चुका था और उसे डिस्चार्ज किया जा रहा था।

*सीएमओ बोले-जांच टीम गठित कर दी गयी है

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अनुपम प्रकाश भाष्कर से जब बुद्धा हॉस्पिटल के कारगुजारियों के बारे मे बात की गयी तो उन्होने कहा कि मामला संज्ञान में आया है टीम गठित कर दी गयी है जांचोपरांत दोषी पाये जाने पर हॉस्पिटल के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई की जायेगी।

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