
बिहार की राजनीति में बाहुबली नेताओं में से एक दानापुर के आरजेडी विधायक रीतलाल यादव का भी नाम आता है। अपने पुराने आपराधिक मामलों, दबंग छवि और राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव से नजदीकी के चलते वे अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। हालाँकि अभी पटना पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद उनके 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है, जिसके बाद से खलबली मच गई है। छापेमारी के दौरान लाखों की नकदी और 77 लाख रुपए के ब्लैंक चेक भी बरामद हुए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मामला मामला रंगदारी से जुड़ा है। पुनाईचक निवासी बिल्डर कुमार गौरव ने खगौल थाना में लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि रीतलाल यादव और उनके साथियों ने उनसे कोथवाँ गाँव में निर्माण कार्य के दौरान रंगदारी की माँग की और जान से मारने की धमकी भी दी। इसी शिकायत के आधार पर पटना पुलिस ने विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर, सर्च वारंट के साथ कार्रवाई की।
छापेमारी दानापुर के कोथवाँ स्थित आवास से शुरू हुई और अभियंता नगर, बिहटा सहित 11 ठिकानों पर एक साथ कार्रवाई हुई। छापे के दौरान ड्रोन कैमरों, दर्जनों पुलिस वाहनों और करीब 200 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी रही। पुलिस ने रीतलाल यादव के घर से 11 लाख रुपये नकद, नोट गिनने की मशीन, तीन बंदूकें, पुराने स्टांप पेपर, भूमि से जुड़े दस्तावेज और ब्लैंक चेक बरामद किए।
रीतलाल यादव की प्रतिक्रिया
रीतलाल यादव ने इस छापेमारी को लेकर एक्स पर पोस्ट किया। रीतलाल यादन ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले उन्हें बदनाम करने की साजिश के तहत बिना वारंट उनके घर पर छापा मारा गया और परिजनों को परेशान किया गया।
और महिलाओ को बेवजह तंग किया जा रहा है। मेरी सामाजिक व राजनीतिक छवि को धूमिल करने की असफल कोशिश की जा रही है। उससे यह पूर्णत साबित होता है कि उक्त कार्रवाई राजनीतिक द्वेषपूर्ण भावना और ओछी मानसिकता का परिचायक है. Ritlal Yadav #RJD #LaluPrasadYadav #TejashwiYadav #PatnaPolice— Ritlal Yadav (@ritlalyadavRJD) April 11, 2025
रीतलाल यादव का रिकॉर्ड
रीतलाल यादव का आपराधिक रिकॉर्ड काफी बड़ा रहा है। साल 2003 में भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या के आरोप में वह चर्चा में आए थे। यह हत्या उसी दिन हुई थी, जब लालू यादव की गाँधी मैदान रैली आयोजित की गई थी। इस केस में उन्हें 2024 में निचली अदालत से बरी कर दिया गया, मगर सत्यनारायण सिन्हा की पत्नी और पूर्व विधायक आशा देवी ने पटना हाई कोर्ट में अपील दायर कर दी, जिसपर अब सुनवाई चल रही है।
बख्तियारपुर में चलती ट्रेन में रेलवे ठेकेदारों की हत्या, छठ के दिन विरोधी चुन्नू सिंह की हत्या और अवैध बालू खनन जैसे कई गंभीर आरोपों में भी उनका नाम जुड़ चुका है। स्थानीय लोगों का मानना है कि सोन और गंगा नदी में बालू खनन पर इनका एकछत्र राज रहा है और क्षेत्र में बिना इनकी मर्जी कोई बड़ा काम नहीं हो सकता।
जेल से ही बने थे एमएलसी
राजनीतिक करियर की बात करें तो रीतलाल यादव ने जेल में रहते हुए 2016 में एमएलसी का चुनाव जीता था, फिर 2020 में दानापुर से विधायक बने। 2010 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने सरेंडर किया था ताकि जेल से ही चुनाव लड़ सकें। उस समय उनकी हार हुई थी, लेकिन 2020 में उन्होंने आशा देवी को हराकर जीत हासिल की। फिलहाल पुलिस जाँच जारी है और हाई कोर्ट में कई मामलों की सुनवाई लंबित है।