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कुशीनगर डीपीओ की प्रताड़ना से सीडीपीओ ने बच्चों संग आत्महत्या की दी चेतावनी, विभाग में मचा हड़कंप कुशीनगर डीपीओ की प्रताड़ना से सीडीपीओ ने बच्चों संग आत्महत्या की दी चेतावनी, विभाग में मचा हड़कंप अवैध धन वसूली में संलिप्तता का आरोप महिला अधिकारी के यौन उत्पीड़न मामले में शासन के रडार पर blank लोकायुक्त न्यूज कुशीनगर। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) शैलेन्द्र कुमार राय पर भ्रष्टाचार और महिला अधिकारियों के उत्पीड़न के गंभीर आरोप लग रहे हैं। ताजा मामला कसया की प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) अनुपमा सिंह से जुड़ा है, जिन्होंने विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में आत्महत्या की चेतावनी देकर सनसनी फैला दी। उन्होंने डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय और मुख्य सेविका नीलम तिवारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। व्हाट्सएप ग्रुप में आत्महत्या की चेतावनी   blank विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप 'आईसीडीएस कुशीनगर' में मंगलवार रात 9:19 बजे सीडीपीओ अनुपमा सिंह ने लिखा: "मैं आत्महत्या करने जा रही हूँ अपने बेटे के साथ, क्योंकि मेरे पास इसके सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। मेरी मौत की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय और मुख्य सेविका नीलम तिवारी की होगी, क्योंकि उन्होंने मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगवाकर मुझे नौकरी से हटवाया है।" इससे पहले, रात 9:02 बजे डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय ने उन्हें सुझाव दिया था कि वह जिलाधिकारी (डीएम) और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) से मिलकर अपना पक्ष रखें। लेकिन जब अनुपमा सिंह ने आत्महत्या की चेतावनी दी, तो डीपीओ ने तुरंत उन्हें ग्रुप से हटा दिया। इसके बाद अनुपमा सिंह ने अपना संदेश 'कसया आंगनवाड़ी ग्रुप' में भी पोस्ट किया। मामला अवैध धन वसूली का? सूत्रों के अनुसार, यह पूरा विवाद अवैध धन वसूली से जुड़ा है। सीडीपीओ अनुपमा सिंह ने आरोप लगाया कि डीपीओ द्वारा पुष्टाहार वितरण में अवैध वसूली का दबाव बनाया जा रहा था, जिसे उन्होंने मानने से इनकार कर दिया। इसी कारण उनके सेवा समाप्ति का प्रयास किया गया। पीड़िता ने बताया कि शैलेन्द्र राय वर्ष 2022 से यह खेल खेल रहे हैं और विरोध करने पर उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। विभाग में हड़कंप, सीडीओ ने बुलाई मीटिंग सीडीपीओ अनुपमा सिंह का आत्महत्या संबंधी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) गुंजन द्विवेदी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुपमा सिंह को गुरुवार को कार्यालय बुलाया। सूत्रों के अनुसार, दोनों के बीच विस्तृत चर्चा हुई, लेकिन खबर लिखे जाने तक वार्ता का विवरण सामने नहीं आया। सीडीपीओ का बयान: प्रताड़ना और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज सीडीओ कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान अनुपमा सिंह ने बताया कि डीपीओ लगातार उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे। उन्होंने कहा: "जब से शैलेन्द्र कुमार राय इस जिले में आए हैं, तब से मुझे मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। अवकाश लेने पर वेतन काट लिया जाता है, मीटिंग में देर होने पर भी वेतन काटा जाता है, और यह धमकी दी जाती है कि मेरा सेवा विस्तार रोक दिया जाएगा।" उन्होंने कहा कि वह 19 वर्षों से विभाग में कार्यरत हैं और आज तक कोई शिकायत नहीं हुई, लेकिन डीपीओ द्वारा उन्हें भ्रष्टाचार में शामिल होने का दबाव डाला जा रहा था।   Click to listen highlighted text! कुशीनगर डीपीओ की प्रताड़ना से सीडीपीओ ने बच्चों संग आत्महत्या की दी चेतावनी, विभाग में मचा हड़कंप कुशीनगर डीपीओ की प्रताड़ना से सीडीपीओ ने बच्चों संग आत्महत्या की दी चेतावनी, विभाग में मचा हड़कंप अवैध धन वसूली में संलिप्तता का आरोप महिला अधिकारी के यौन उत्पीड़न मामले में शासन के रडार पर लोकायुक्त न्यूज कुशीनगर। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) शैलेन्द्र कुमार राय पर भ्रष्टाचार और महिला अधिकारियों के उत्पीड़न के गंभीर आरोप लग रहे हैं। ताजा मामला कसया की प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) अनुपमा सिंह से जुड़ा है, जिन्होंने विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में आत्महत्या की चेतावनी देकर सनसनी फैला दी। उन्होंने डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय और मुख्य सेविका नीलम तिवारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। व्हाट्सएप ग्रुप में आत्महत्या की चेतावनी   विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप आईसीडीएस कुशीनगर में मंगलवार रात 9:19 बजे सीडीपीओ अनुपमा सिंह ने लिखा: मैं आत्महत्या करने जा रही हूँ अपने बेटे के साथ, क्योंकि मेरे पास इसके सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। मेरी मौत की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय और मुख्य सेविका नीलम तिवारी की होगी, क्योंकि उन्होंने मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगवाकर मुझे नौकरी से हटवाया है। इससे पहले, रात 9:02 बजे डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय ने उन्हें सुझाव दिया था कि वह जिलाधिकारी (डीएम) और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) से मिलकर अपना पक्ष रखें। लेकिन जब अनुपमा सिंह ने आत्महत्या की चेतावनी दी, तो डीपीओ ने तुरंत उन्हें ग्रुप से हटा दिया। इसके बाद अनुपमा सिंह ने अपना संदेश कसया आंगनवाड़ी ग्रुप में भी पोस्ट किया। मामला अवैध धन वसूली का? सूत्रों के अनुसार, यह पूरा विवाद अवैध धन वसूली से जुड़ा है। सीडीपीओ अनुपमा सिंह ने आरोप लगाया कि डीपीओ द्वारा पुष्टाहार वितरण में अवैध वसूली का दबाव बनाया जा रहा था, जिसे उन्होंने मानने से इनकार कर दिया। इसी कारण उनके सेवा समाप्ति का प्रयास किया गया। पीड़िता ने बताया कि शैलेन्द्र राय वर्ष 2022 से यह खेल खेल रहे हैं और विरोध करने पर उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। विभाग में हड़कंप, सीडीओ ने बुलाई मीटिंग सीडीपीओ अनुपमा सिंह का आत्महत्या संबंधी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) गुंजन द्विवेदी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुपमा सिंह को गुरुवार को कार्यालय बुलाया। सूत्रों के अनुसार, दोनों के बीच विस्तृत चर्चा हुई, लेकिन खबर लिखे जाने तक वार्ता का विवरण सामने नहीं आया। https://lokayuktnews.in/wp-content/uploads/2025/04/VID-20250403-WA1020.mp4 सीडीपीओ का बयान: प्रताड़ना और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज सीडीओ कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान अनुपमा सिंह ने बताया कि डीपीओ लगातार उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे। उन्होंने कहा: जब से शैलेन्द्र कुमार राय इस जिले में आए हैं, तब से मुझे मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। अवकाश लेने पर वेतन काट लिया जाता है, मीटिंग में देर होने पर भी वेतन काटा जाता है, और यह धमकी दी जाती है कि मेरा सेवा विस्तार रोक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह 19 वर्षों से विभाग में कार्यरत हैं और आज तक कोई शिकायत नहीं हुई, लेकिन डीपीओ द्वारा उन्हें भ्रष्टाचार में शामिल होने का दबाव डाला जा रहा था।

कुशीनगर डीपीओ की प्रताड़ना से सीडीपीओ ने बच्चों संग आत्महत्या की दी चेतावनी, विभाग में मचा हड़कंप

कुशीनगर डीपीओ की प्रताड़ना से सीडीपीओ ने बच्चों संग आत्महत्या की दी चेतावनी, विभाग में मचा हड़कंप

अवैध धन वसूली में संलिप्तता का आरोप

महिला अधिकारी के यौन उत्पीड़न मामले में शासन के रडार पर

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लोकायुक्त न्यूज

कुशीनगर। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) शैलेन्द्र कुमार राय पर भ्रष्टाचार और महिला अधिकारियों के उत्पीड़न के गंभीर आरोप लग रहे हैं। ताजा मामला कसया की प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) अनुपमा सिंह से जुड़ा है, जिन्होंने विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में आत्महत्या की चेतावनी देकर सनसनी फैला दी। उन्होंने डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय और मुख्य सेविका नीलम तिवारी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।

व्हाट्सएप ग्रुप में आत्महत्या की चेतावनी

 

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विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप ‘आईसीडीएस कुशीनगर’ में मंगलवार रात 9:19 बजे सीडीपीओ अनुपमा सिंह ने लिखा: “मैं आत्महत्या करने जा रही हूँ अपने बेटे के साथ, क्योंकि मेरे पास इसके सिवा कोई रास्ता नहीं बचा है। मेरी मौत की जिम्मेदारी जिला कार्यक्रम अधिकारी शैलेन्द्र कुमार राय और मुख्य सेविका नीलम तिवारी की होगी, क्योंकि उन्होंने मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगवाकर मुझे नौकरी से हटवाया है।” इससे पहले, रात 9:02 बजे डीपीओ शैलेन्द्र कुमार राय ने उन्हें सुझाव दिया था कि वह जिलाधिकारी (डीएम) और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) से मिलकर अपना पक्ष रखें। लेकिन जब अनुपमा सिंह ने आत्महत्या की चेतावनी दी, तो डीपीओ ने तुरंत उन्हें ग्रुप से हटा दिया। इसके बाद अनुपमा सिंह ने अपना संदेश ‘कसया आंगनवाड़ी ग्रुप’ में भी पोस्ट किया।

मामला अवैध धन वसूली का?

सूत्रों के अनुसार, यह पूरा विवाद अवैध धन वसूली से जुड़ा है। सीडीपीओ अनुपमा सिंह ने आरोप लगाया कि डीपीओ द्वारा पुष्टाहार वितरण में अवैध वसूली का दबाव बनाया जा रहा था, जिसे उन्होंने मानने से इनकार कर दिया। इसी कारण उनके सेवा समाप्ति का प्रयास किया गया। पीड़िता ने बताया कि शैलेन्द्र राय वर्ष 2022 से यह खेल खेल रहे हैं और विरोध करने पर उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

विभाग में हड़कंप, सीडीओ ने बुलाई मीटिंग

सीडीपीओ अनुपमा सिंह का आत्महत्या संबंधी पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) गुंजन द्विवेदी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अनुपमा सिंह को गुरुवार को कार्यालय बुलाया। सूत्रों के अनुसार, दोनों के बीच विस्तृत चर्चा हुई, लेकिन खबर लिखे जाने तक वार्ता का विवरण सामने नहीं आया।

सीडीपीओ का बयान: प्रताड़ना और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज

सीडीओ कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान अनुपमा सिंह ने बताया कि डीपीओ लगातार उन्हें प्रताड़ित कर रहे थे। उन्होंने कहा: “जब से शैलेन्द्र कुमार राय इस जिले में आए हैं, तब से मुझे मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है। अवकाश लेने पर वेतन काट लिया जाता है, मीटिंग में देर होने पर भी वेतन काटा जाता है, और यह धमकी दी जाती है कि मेरा सेवा विस्तार रोक दिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि वह 19 वर्षों से विभाग में कार्यरत हैं और आज तक कोई शिकायत नहीं हुई, लेकिन डीपीओ द्वारा उन्हें भ्रष्टाचार में शामिल होने का दबाव डाला जा रहा था।

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