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रसोइयों को ₹80 लाख, ₹12 लाख पालतू जानवरों को, ₹350 करोड़ सामाजिक कार्यों के लिए: पढ़िए रतन टाटा की संपत्ति में से किसे क्या मिला निधन के लगभग 6 महीने बाद टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की वसीयत को लेकर ख़बर सामने आई है। रतन टाटा की वसीयत में हर किसी के लिए कुछ न कुछ सौगात शामिल है। यहाँ तक कि वसीयत में रसोइया राजन शॉ और सुब्बैया और उनके पालतू कुत्ते टीटो का भी हिस्सा तय किया गया है। उनकी वसीयत 23 फरवरी, 2022 को ही तैयार कर ली गई थी। वसीयत में परिवार, दोस्त, चैरिटिबल फाउंडेशन समेत सभी का हिस्सा तय है। रतन टाटा की वसीयत के अनुसार, मुंबई के जुहू में स्थित 13 हजार वर्गफुट का दो मंजिला घर, अलीबाग में समुद्र किनारे का बँगला और 350 करोड़ रुपए से अधिक के फिक्स्ड डिपॉजिट को परोपकारी कार्यों में लगाया जाएगा। ‘इकोनॉमिक टाइम्स‘ की रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा, यानी लगभग 3800 करोड़ रुपए दान कर दिए हैं। इसके अलावा ‘रतन टाटा एडोमेंट फाउंडेशन’ (RTEF) जैसी चैरिटी संगठनों के लिए भी अपनी व्यक्तिगत संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा रतन टाटा ने दिया है। इसमें ‘टाटा संस’ की 0.82% हिस्सेदारी शामिल है। रतन टाटा की 10,000 करोड़ रुपए की अनुमानित संपत्ति के बँटवारे के लिए प्रोबेट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रोबेट का अर्थ है कि मृत व्यक्ति की वसीयत की वैधता को न्यायालय में प्रमाणित करना और उसके बाद वसीयत के अनुसार संपत्ति के लिए नामित व्यक्ति को उसका अधिकार देना। उनकी मृत्यु 9 अक्टूबर, 2024 को हुई थी। परिवार को मिला हिस्सा रतन के भाई जिम अविवाहित हैं। उन्हें जुहू बँगले का एक हिस्सा दिया गया है। उनकी हिस्सेदारी काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा सौतेली बहन शिरीन और डिनना जेजीभॉय को एक अन्य वित्तीय संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा मिला है। इसके तहत लगभग 800 करोड़ रुपए की वैल्यू के बैंक की FD व पेंटिंग्स समेत अन्य चीजें शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, वसीयत में टाटा समूह की पूर्व कर्मचारी मोहिनी दत्ता को भी एक तिहाई हिस्सा मिला है। सौतेले भाई नोएल टाटा को ‘टाटा ट्रस्ट’ का चेयरमैन बनाया गया है। इसके अलावा रतन टाटा के सबसे करीबी सहयोगी और दोस्त शांतनु नायडू को स्टार्टअप ‘गुडफेलोज’ में टाटा की हिस्सेदारी मिली है। शांतनु, रतन टाटा के निजी सहायक रहे और ‘टाटा ट्रस्ट्स’ में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं। रतन टाटा की सेक्रेटरी दिलनाज गिल्डर को ₹10 लाख रुपए मिलेंगे। पालतू जानवर को भी मिली जगह रतन टाटा की संपत्ति में से उनके रसोइए सुब्बैया को ₹30 लाख मिलेंगे, वहीं रसोई के ही राजन शॉ और उनके परिवार के लिए ₹50 लाख की राशि नामित की गई है। राजन को ही पालतू कुत्ते टीटो की देखभाल का जिम्मा भी दिया है। इसके अलावा ₹12 लाख रुपए की राशि उनके सभी पालतू जानवरों की देखभाल के लिए दिए हैं। इसमें से हर तीन महीने ₹30 हजार रुपए का खर्च निर्धारित किया गया है।   Click to listen highlighted text! रसोइयों को ₹80 लाख, ₹12 लाख पालतू जानवरों को, ₹350 करोड़ सामाजिक कार्यों के लिए: पढ़िए रतन टाटा की संपत्ति में से किसे क्या मिला निधन के लगभग 6 महीने बाद टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की वसीयत को लेकर ख़बर सामने आई है। रतन टाटा की वसीयत में हर किसी के लिए कुछ न कुछ सौगात शामिल है। यहाँ तक कि वसीयत में रसोइया राजन शॉ और सुब्बैया और उनके पालतू कुत्ते टीटो का भी हिस्सा तय किया गया है। उनकी वसीयत 23 फरवरी, 2022 को ही तैयार कर ली गई थी। वसीयत में परिवार, दोस्त, चैरिटिबल फाउंडेशन समेत सभी का हिस्सा तय है। रतन टाटा की वसीयत के अनुसार, मुंबई के जुहू में स्थित 13 हजार वर्गफुट का दो मंजिला घर, अलीबाग में समुद्र किनारे का बँगला और 350 करोड़ रुपए से अधिक के फिक्स्ड डिपॉजिट को परोपकारी कार्यों में लगाया जाएगा। ‘इकोनॉमिक टाइम्स‘ की रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा, यानी लगभग 3800 करोड़ रुपए दान कर दिए हैं। इसके अलावा ‘रतन टाटा एडोमेंट फाउंडेशन’ (RTEF) जैसी चैरिटी संगठनों के लिए भी अपनी व्यक्तिगत संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा रतन टाटा ने दिया है। इसमें ‘टाटा संस’ की 0.82% हिस्सेदारी शामिल है। रतन टाटा की 10,000 करोड़ रुपए की अनुमानित संपत्ति के बँटवारे के लिए प्रोबेट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रोबेट का अर्थ है कि मृत व्यक्ति की वसीयत की वैधता को न्यायालय में प्रमाणित करना और उसके बाद वसीयत के अनुसार संपत्ति के लिए नामित व्यक्ति को उसका अधिकार देना। उनकी मृत्यु 9 अक्टूबर, 2024 को हुई थी। परिवार को मिला हिस्सा रतन के भाई जिम अविवाहित हैं। उन्हें जुहू बँगले का एक हिस्सा दिया गया है। उनकी हिस्सेदारी काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा सौतेली बहन शिरीन और डिनना जेजीभॉय को एक अन्य वित्तीय संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा मिला है। इसके तहत लगभग 800 करोड़ रुपए की वैल्यू के बैंक की FD व पेंटिंग्स समेत अन्य चीजें शामिल हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, वसीयत में टाटा समूह की पूर्व कर्मचारी मोहिनी दत्ता को भी एक तिहाई हिस्सा मिला है। सौतेले भाई नोएल टाटा को ‘टाटा ट्रस्ट’ का चेयरमैन बनाया गया है। इसके अलावा रतन टाटा के सबसे करीबी सहयोगी और दोस्त शांतनु नायडू को स्टार्टअप ‘गुडफेलोज’ में टाटा की हिस्सेदारी मिली है। शांतनु, रतन टाटा के निजी सहायक रहे और ‘टाटा ट्रस्ट्स’ में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं। रतन टाटा की सेक्रेटरी दिलनाज गिल्डर को ₹10 लाख रुपए मिलेंगे। पालतू जानवर को भी मिली जगह रतन टाटा की संपत्ति में से उनके रसोइए सुब्बैया को ₹30 लाख मिलेंगे, वहीं रसोई के ही राजन शॉ और उनके परिवार के लिए ₹50 लाख की राशि नामित की गई है। राजन को ही पालतू कुत्ते टीटो की देखभाल का जिम्मा भी दिया है। इसके अलावा ₹12 लाख रुपए की राशि उनके सभी पालतू जानवरों की देखभाल के लिए दिए हैं। इसमें से हर तीन महीने ₹30 हजार रुपए का खर्च निर्धारित किया गया है।

रसोइयों को ₹80 लाख, ₹12 लाख पालतू जानवरों को, ₹350 करोड़ सामाजिक कार्यों के लिए: पढ़िए रतन टाटा की संपत्ति में से किसे क्या मिला

निधन के लगभग 6 महीने बाद टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा की वसीयत को लेकर ख़बर सामने आई है। रतन टाटा की वसीयत में हर किसी के लिए कुछ न कुछ सौगात शामिल है। यहाँ तक कि वसीयत में रसोइया राजन शॉ और सुब्बैया और उनके पालतू कुत्ते टीटो का भी हिस्सा तय किया गया है। उनकी वसीयत 23 फरवरी, 2022 को ही तैयार कर ली गई थी। वसीयत में परिवार, दोस्त, चैरिटिबल फाउंडेशन समेत सभी का हिस्सा तय है।

रतन टाटा की वसीयत के अनुसार, मुंबई के जुहू में स्थित 13 हजार वर्गफुट का दो मंजिला घर, अलीबाग में समुद्र किनारे का बँगला और 350 करोड़ रुपए से अधिक के फिक्स्ड डिपॉजिट को परोपकारी कार्यों में लगाया जाएगा।

‘इकोनॉमिक टाइम्स‘ की रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा, यानी लगभग 3800 करोड़ रुपए दान कर दिए हैं। इसके अलावा ‘रतन टाटा एडोमेंट फाउंडेशन’ (RTEF) जैसी चैरिटी संगठनों के लिए भी अपनी व्यक्तिगत संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा रतन टाटा ने दिया है। इसमें ‘टाटा संस’ की 0.82% हिस्सेदारी शामिल है।

रतन टाटा की 10,000 करोड़ रुपए की अनुमानित संपत्ति के बँटवारे के लिए प्रोबेट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रोबेट का अर्थ है कि मृत व्यक्ति की वसीयत की वैधता को न्यायालय में प्रमाणित करना और उसके बाद वसीयत के अनुसार संपत्ति के लिए नामित व्यक्ति को उसका अधिकार देना। उनकी मृत्यु 9 अक्टूबर, 2024 को हुई थी।

परिवार को मिला हिस्सा

रतन के भाई जिम अविवाहित हैं। उन्हें जुहू बँगले का एक हिस्सा दिया गया है। उनकी हिस्सेदारी काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा सौतेली बहन शिरीन और डिनना जेजीभॉय को एक अन्य वित्तीय संपत्ति का लगभग एक तिहाई हिस्सा मिला है। इसके तहत लगभग 800 करोड़ रुपए की वैल्यू के बैंक की FD व पेंटिंग्स समेत अन्य चीजें शामिल हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, वसीयत में टाटा समूह की पूर्व कर्मचारी मोहिनी दत्ता को भी एक तिहाई हिस्सा मिला है। सौतेले भाई नोएल टाटा को ‘टाटा ट्रस्ट’ का चेयरमैन बनाया गया है। इसके अलावा रतन टाटा के सबसे करीबी सहयोगी और दोस्त शांतनु नायडू को स्टार्टअप ‘गुडफेलोज’ में टाटा की हिस्सेदारी मिली है। शांतनु, रतन टाटा के निजी सहायक रहे और ‘टाटा ट्रस्ट्स’ में डिप्टी जनरल मैनेजर हैं। रतन टाटा की सेक्रेटरी दिलनाज गिल्डर को ₹10 लाख रुपए मिलेंगे।

पालतू जानवर को भी मिली जगह

रतन टाटा की संपत्ति में से उनके रसोइए सुब्बैया को ₹30 लाख मिलेंगे, वहीं रसोई के ही राजन शॉ और उनके परिवार के लिए ₹50 लाख की राशि नामित की गई है। राजन को ही पालतू कुत्ते टीटो की देखभाल का जिम्मा भी दिया है। इसके अलावा ₹12 लाख रुपए की राशि उनके सभी पालतू जानवरों की देखभाल के लिए दिए हैं। इसमें से हर तीन महीने ₹30 हजार रुपए का खर्च निर्धारित किया गया है।

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