
मंत्री संजय निषाद पर सुसाइड नोट में बड़ा आरोप, SIT/CBCID से निष्पक्ष जाँच कराकर FIR दर्ज करने की माँग
लोकायुक्त न्यूज़
निषाद पार्टी के नेता धर्मात्मा निषाद द्वारा फेसबुक पर सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में मंत्री डॉ. संजय निषाद, उनके बेटों और अन्य पर लगाए गए गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
अमिताभ ठाकुर ने यूपी के डीजीपी और अन्य अधिकारियों को भेजी शिकायत में कहा है कि धर्मात्मा निषाद के सुसाइड नोट में मंत्री संजय निषाद, उनके बेटों प्रवीण और श्रवण निषाद, जयप्रकाश निषाद और मनीष निषाद पर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, एफआईआर में अभियुक्त कॉलम में केवल जयप्रकाश निषाद का नाम शामिल किया गया है, जबकि मंत्री और उनके बेटों को “तीन अन्य अज्ञात लोग” के रूप में दर्ज किया गया है। ठाकुर ने इसे पुलिस द्वारा मंत्री और उनके परिवार को बचाने का प्रयास बताया है।
उन्होंने यह भी कहा कि धर्मात्मा निषाद द्वारा अपने फेसबुक पोस्ट में पुलिस और राजनीतिक दबाव में फर्जी कार्रवाई करने तथा गुलशन निषाद की हत्या को दुर्घटना बताकर दबाने जैसे आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों की जांच के लिए SIT गठित की जानी चाहिए।
ठाकुर ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस मंत्री के प्रभाव में निष्पक्ष कार्रवाई करने से हिचक रही है। उन्होंने इस मामले को CBCID को ट्रांसफर करने की मांग की है ताकि मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच हो सके। उन्होंने यह भी दावा किया कि धर्मात्मा निषाद के परिवार को सरकारी नौकरी और भूमि का प्रस्ताव देकर मंत्री और उनके परिवार का नाम मुकदमे से हटाने की कोशिश की जा रही है। इसे उन्होंने अनैतिक और अवैध करार दिया है।
आजाद अधिकार सेना ने इस पूरे मामले में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।