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नाबालिग बच्ची को संन्यासी दीक्षा देने वाले महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए अखाड़े से किया गया निष्कासित नाबालिग बच्ची को संन्यासी दीक्षा देने वाले महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए अखाड़े से किया गया निष्कासित लोकायुक्त न्यूज़  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में नाबालिग बच्ची को संन्यास दीक्षा देने के विवादास्पद मामले पर सख्त कार्रवाई करते हुए महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। यह कदम अखाड़े की परंपराओं और नियमों की रक्षा के लिए उठाया गया, जो स्पष्ट रूप से बालिग होने पर ही संन्यास की दीक्षा की अनुमति देता है। https://youtu.be/E_CGnEHL6cU महंत कौशल गिरी पर आरोप 13 वर्षीय बच्ची रेखा को संन्यास दीक्षा देने का आरोप महंत कौशल गिरी पर लगा, जो अखाड़े के नियमों का सीधा उल्लंघन है। महासभा ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि इस प्रकार की घटना जूना अखाड़े की गरिमा और परंपराओं को क्षति पहुंचा सकती है। blank blank blank अखाड़े की कड़ी कार्रवाई महंत कौशल गिरी को 7 साल के लिए निष्कासित किए जाने का मतलब है कि वे इस अवधि के दौरान किसी भी धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सकेंगे। यह फैसला जूना अखाड़े की कठोर अनुशासन व्यवस्था को दर्शाता है। धार्मिक अनुशासन का संदेश जूना अखाड़े ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि परंपराओं और धार्मिक अनुशासन को बनाए रखना सर्वोपरि है। महंत नारायण गिरी ने कहा कि यह निर्णय अन्य सदस्यों के लिए एक उदाहरण होगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस फैसले ने अखाड़े की परंपराओं को लेकर एक सख्त संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार का उल्लंघन अस्वीकार्य है।   Click to listen highlighted text! नाबालिग बच्ची को संन्यासी दीक्षा देने वाले महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए अखाड़े से किया गया निष्कासित नाबालिग बच्ची को संन्यासी दीक्षा देने वाले महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए अखाड़े से किया गया निष्कासित लोकायुक्त न्यूज़  उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में नाबालिग बच्ची को संन्यास दीक्षा देने के विवादास्पद मामले पर सख्त कार्रवाई करते हुए महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। यह कदम अखाड़े की परंपराओं और नियमों की रक्षा के लिए उठाया गया, जो स्पष्ट रूप से बालिग होने पर ही संन्यास की दीक्षा की अनुमति देता है। https://youtu.be/E_CGnEHL6cU महंत कौशल गिरी पर आरोप 13 वर्षीय बच्ची रेखा को संन्यास दीक्षा देने का आरोप महंत कौशल गिरी पर लगा, जो अखाड़े के नियमों का सीधा उल्लंघन है। महासभा ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि इस प्रकार की घटना जूना अखाड़े की गरिमा और परंपराओं को क्षति पहुंचा सकती है। अखाड़े की कड़ी कार्रवाई महंत कौशल गिरी को 7 साल के लिए निष्कासित किए जाने का मतलब है कि वे इस अवधि के दौरान किसी भी धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सकेंगे। यह फैसला जूना अखाड़े की कठोर अनुशासन व्यवस्था को दर्शाता है। धार्मिक अनुशासन का संदेश जूना अखाड़े ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि परंपराओं और धार्मिक अनुशासन को बनाए रखना सर्वोपरि है। महंत नारायण गिरी ने कहा कि यह निर्णय अन्य सदस्यों के लिए एक उदाहरण होगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस फैसले ने अखाड़े की परंपराओं को लेकर एक सख्त संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार का उल्लंघन अस्वीकार्य है।

नाबालिग बच्ची को संन्यासी दीक्षा देने वाले महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए अखाड़े से किया गया निष्कासित

नाबालिग बच्ची को संन्यासी दीक्षा देने वाले महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए अखाड़े से किया गया निष्कासित

लोकायुक्त न्यूज़ 
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े में नाबालिग बच्ची को संन्यास दीक्षा देने के विवादास्पद मामले पर सख्त कार्रवाई करते हुए महंत कौशल गिरी को 7 वर्षों के लिए अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। यह कदम अखाड़े की परंपराओं और नियमों की रक्षा के लिए उठाया गया, जो स्पष्ट रूप से बालिग होने पर ही संन्यास की दीक्षा की अनुमति देता है।

महंत कौशल गिरी पर आरोप
13 वर्षीय बच्ची रेखा को संन्यास दीक्षा देने का आरोप महंत कौशल गिरी पर लगा, जो अखाड़े के नियमों का सीधा उल्लंघन है। महासभा ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि इस प्रकार की घटना जूना अखाड़े की गरिमा और परंपराओं को क्षति पहुंचा सकती है।

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अखाड़े की कड़ी कार्रवाई

महंत कौशल गिरी को 7 साल के लिए निष्कासित किए जाने का मतलब है कि वे इस अवधि के दौरान किसी भी धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों में भाग नहीं ले सकेंगे। यह फैसला जूना अखाड़े की कठोर अनुशासन व्यवस्था को दर्शाता है।

धार्मिक अनुशासन का संदेश
जूना अखाड़े ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि परंपराओं और धार्मिक अनुशासन को बनाए रखना सर्वोपरि है। महंत नारायण गिरी ने कहा कि यह निर्णय अन्य सदस्यों के लिए एक उदाहरण होगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

इस फैसले ने अखाड़े की परंपराओं को लेकर एक सख्त संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार का उल्लंघन अस्वीकार्य है।

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