
दुदही में सीलिंग भूमि विवाद ने पकड़ा तूल, समाजसेवी ने नोडल प्रभारी को सौंपा ज्ञापन
नौशाद अली/लोकायुक्त न्यूज
दुदही (कुशीनगर)। दुदही नगर पंचायत की सीलिंग भूमि का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। सीलिंग भूमि पर बसे लोगों को मालिकाना हक दिलाने की मांग तेज हो गई है। संबंधित वार्ड के जनप्रतिनिधि पहले ही मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर अवगत करा चुके हैं। रविवार को समाजसेवी अधिवक्ता मनोज कुंदन ने सीलिंग भूमि के नोडल प्रभारी व तहसीलदार तमकुहीराज से मुलाकात कर मामले की विधिक स्थिति बताई और पांच सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन सौंपा। इनमें दिलीपनगर स्टेट बनाम उत्तर प्रदेश सरकार (2002) मामले में उच्च न्यायालय के यथास्थिति आदेश के बावजूद जारी अवैध निर्माण की जिम्मेदारी तय करना, बसे हुए लोगों को पक्ष रखने का अवसर देना, खाली भूमि की पैमाइश व संरक्षण, अवैध निर्माण/विक्रय रोकने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाना, वार्ड नं. 10 के गरीब आवास विहीन लोगों को आवास देने में बाधाएं दूर करना और अवैध क्रय-विक्रय में शामिल लोगों पर कार्रवाई करना शामिल है। प्रेसवार्ता में मनोज कुंदन ने कहा कि यथास्थिति बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार और दिलीपनगर (कुड़वा स्टेट) दोनों की है, जबकि एडीएम कस्टोडियन के रूप में सीलिंग भूमि की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी होते हैं। आरोप लगाया कि याची पक्ष ही अवैध रूप से धन लेकर कब्जा व निर्माण करा रहा है, जिससे सार्वजनिक हित प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत की ओर से प्रेस विज्ञप्ति के जरिए सीलिंग भूमि पर निर्माण व क्रय-विक्रय रोकने का आदेश तो जारी हुआ, लेकिन अवैध निर्माण नहीं रुके। वहीं, उस वार्ड के आवासविहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रहना पड़ रहा है। सीलिंग प्रभारी ने जल्द विधिसम्मत कार्रवाई का आश्वासन दिया है। समाजसेवी ने भरोसा जताया कि सरकार प्रभावित लोगों को न्याय देगी।