
कुशीनगर में विद्यालय विलय योजना पर अपनी जनता पार्टी का विरोध प्रदर्शन, राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा पर पड़ेगा विपरीत प्रभाव: रमेश्वर कुशवाहा
लोकायुक्त न्यूज
ब्यूरो,कुशीनगर। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मर्ज (विलय) किए जाने की योजना का विरोध शुरू हो गया है। ‘अपनी जनता पार्टी’ के जिलाध्यक्ष रमेश्वर प्रसाद कुशवाहा ने इस फैसले के खिलाफ महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर योजना पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। जिलाध्यक्ष ने अपने ज्ञापन में शासनादेश संख्या 68-5099/328/2025 के तहत 27,764 विद्यालयों के अन्य विद्यालयों में विलय के आदेश को ग्रामीण शिक्षा प्रणाली पर कुठाराघात बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले ही शिक्षकों की भारी कमी है और ऐसे में स्कूलों का विलय छात्रों की पहुंच को और कठिन बना देगा। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान में 1 से 5 तक की कक्षाओं के लिए मात्र 20,629 शिक्षक उपलब्ध हैं, जबकि आवश्यकता 2,19,195 शिक्षकों की है। इसी तरह 6 से 8 तक की कक्षाओं में भी भारी कमी है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों के विलय से विद्यार्थियों को 3 से 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा, जिससे विशेष रूप से बालिकाओं की पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ेगा। श्री कुशवाहा ने कहा कि यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 21 A और शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के विरुद्ध है, जिसमें 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को उनके घर के निकट निःशुल्क शिक्षा का अधिकार दिया गया है।
प्रमुख मांगें:
- पेयरिंग/मर्ज योजना पर तत्काल रोक लगे।
- रिक्त शिक्षकों के पदों पर शीघ्र नियुक्ति हो।
- सभी विद्यालयों को मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित किया जाए।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए।
रमेश्वर प्रसाद कुशवाहा ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर इस योजना को निरस्त करने की मांग भी की है। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया, तो पार्टी व्यापक जन आंदोलन के लिए बाध्य होगी।